Obesity in India
Obesity in India भारत में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है और विशेषज्ञों का मानना है कि 2050 तक यह महामारी का रूप ले सकता है. हाल ही में प्रकाशित लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक भारत में 45 करोड़ लोग मोटापे के शिकार हो सकते हैं, जिसमें युवा वर्ग का बड़ा हिस्सा शामिल होगा. लेसेंट में प्रकाशित डेटा की मानें तो भारत की बड़ी आबादी फिट नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में मोटापे के खिलाफ अभियान छेड़ा है और मोटे अनाज को आहार में शामिल करने की सलाह दी है.
कैसे कंट्रोल होगा मोटापा
मोटापे को लेकर सीनियर फिजिशियन डॉ. वली कहते हैं, 'मोटापे की जड़ जानते सब हैं लेकिन मानता कोई नहीं है. हमारे खाने की तादाद ओबैसिटी की सबसे बड़ी वजह है. आप खाने में सब चीज़ खाइए लेकिन आपको पता होना चाहिए कि कब रुकना है. ओबेसोजेनिक माहौल, जिसमें जंक फूड और फिजिकल एक्टिविटी की कमी शामिल है, मोटापे का मुख्य कारण है.
डाइट और फिटनेस एक्सपर्ट कनिका खन्ना कहती हैं, 'हम अगर थोड़े से मोटे हैं, और हमें कोई बीमारी नहीं है तो हम फिट हैं. स्ट्रेस और एंग्जाइटी मोटापे की बड़ी वजह है. हमें अपनी डाइटरी हैबिट पर कंट्रोल करने के अलावा स्ट्रेस पर भी ध्यान देना चाहिए. संतुलित आहार लेकर और नियमित व्यायाम करके आप मोटापे से लड़ सकते हैं.'
प्रोसेस्ड फूड और शुगर मोटापे की वजह
डॉ. मनोज गुप्ता ने मोटापे को सबसे बड़ा हेल्थ हज़ार्ड बताते हुए कहा, 'सरकार को प्रोसेस्ड फूड और फाइन शुगर बंद करना होगा और मोटे अनाज को आहार में शामिल करना होगा. जितने भी प्रोसेस्ड फूड के पैकेट्स हैं, उनपर वैधानिक चेतावनी होनी चाहिए कि आप मोटे हो जाएंगे और आपको बीमारियां घेर सकती हैं.'
जीवनशैली में बदलाव और संतुलित आहार है समाधान
एक्सपर्ट्स ने इस बात पर जोर दिया कि मोटापे से लड़ने के लिए जीवनशैली में बदलाव और संतुलित आहार को अपनाना जरूरी है. बच्चों को भी बचपन से ही डिसिप्लिन ईटिंग सिखाना चाहिए ताकि वे भविष्य में मोटापे से बच सकें. मोटापा न केवल शरीर की बनावट को खराब करता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है. इसलिए, समय रहते इस पर नियंत्रण पाने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है.
मोटापे को लेकर हैरान करने वाले आंकड़े
2021 तक दुनिया भर में कुल 2.11 बिलियन वयस्क लोग मोटापे के शिकार थे, जिनमें से एक बिलियन पुरुष और 1.11 बिलियन महिलाएं थीं. चीन 402 मिलियन लोगों के साथ चार्ट में सबसे ऊपर है, इसके बाद भारत 180 मिलियन लोगों के साथ और अमेरिका 172 मिलियन लोगों के साथ चार्ट में दूसरे और तीसरे स्थान पर है.