
भारत में एक बार फिर से कोरोना पैर पसारने लगा है. लगातार मामले बढ़ने लगे हैं. अब तक एक हजार से ज्यादा लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. ये मामले भारत के अलग-अलग राज्यों से सामने आ रहे हैं. कोरोना वायरस से लोगों को डर लगने लगा है. कार्डियक पेशेंट्स के लिए ये कोरोना कितना खरतनाक हो सकता है? चलिए एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर मनोज कुमार का मानना है कि कार्डियक पेशेंट्स को कोरोना से पैनिक होने की जरूरत नहीं है. लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जेन्यूइन सा अप्रीहेंशन होना बहुत जरूरी है. इससे आप सजग होते हैं. डॉ. मनोज ने कहा कि साल 2018 में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसन में वायरल फ्लू के बाद का एक डेटा आया था. उसके मुताबिक पहले हफ्ते में 6 गुना ज्यादा हार्ट अटैक के केस बढ़ गए थे.
डॉक्टर मनोज का कहना है कि हमें वायरल फ्लू और कोरोना दोनों से घबराने की जरूरत है, लेकिन पैनिक नहीं होना है. कई लक्षण फ्लू और कोरोना दोनों में दिखते हैं. कोरोना के 200 लक्षण हैं. उनका कहना है कि जेएन.1 वेरिएंट्स इम्यून को सरपास करने वाला सबसे स्ट्रांग वेरिएंट है. उन्होंने बताया कि ठीक है इससे ज्यादा मौते नहीं होंगी, ज्यादा आईसीयू एडमिशन की जरूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन निश्चित तौर पर पोस्ट कोविड इसमें भी होगा और तकलीफ इसमें भी हो रही है.
वायरल फ्लू और कोरोना में अंतर कैसे करें?
वायरल फ्लू और कोरोना में अंतर कैसे करें? इस सवाल पर डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि क्लिनिकल सिम्पटम्स बहुत मिलते-जुलते हैं. लेकिन एक्सपोजर के बाद 1-4 दिन के बाद वारयल फ्लू के लक्षण आ जते हैं. जबकि कोरोना में थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है. कोरोना में लक्षण आने में 7-10 दिन लगता है.
कार्डियक पेशेंट्स को सतर्क रहना होगा-
मनोज कुमार का कहना है कि मेरा मानना है कि जो कार्डियक पेशेंट्स हैं, उनको बिल्कुल ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. उनको ज्यादा अलर्ट रहना है. उनका कहना है कि अगर आपको पहले हार्ट अटैक हुआ है, कोई स्टेंट लगे हुए हैं, कोई बाईपास सर्जरी हुई है तो वायरल फ्लू या कोरोना दोबारा हार्ट अटैक कर सकता है तो कार्डियक पेशेंट को बहुत ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.
डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि जो मौजूदा समय में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उनका ज्यादा इम्पैक्ट नहीं आया है. लेकिन निश्चित तौर पर मामले बढ़ रहे हैं. डॉक्टर ने कहा कि कोरोना की वजह से हार्ट अटैक के मामले जवान लोगों में भी हैं.
क्या मास्क लगाने का समय आ गया है?
क्या मास्क लगाने का समय आ गया है? इस सवाल पर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सर्वेश प्रजापति ने कहा कि प्रिकॉशन का टाइम है. मास्क लगाने की जरूरत है. ये वाला वेरिएंट काफी कमजोर है, लेकिन प्रिवेंशन ऑलवेज बेटर होता है. डॉक्टर ने कहा कि ये महत्वपूर्ण है कि आप मास्क लगाकर रखें. उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें. पब्लिक प्लेस में स्पेशल मास्क का इस्तेमाल करें. उनका कहना है कि जिनको काफी समय से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायराइड जैसी बीमारियां है, वे रिस्क में रहते हैं.
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