RT-PCR testing
RT-PCR testing ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए नई सलाह दी है. केंद्र ने राज्यों को कोविड-19 की जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) से पहले ड्यूल आरटी-पीसीआर टेस्ट (Dual RT-PCR Testing) करने की सलाह दी है. इस नई योजना के तहत, आरटी-पीसीआर किट का उपयोग करके रोगी के गले और नाक के स्वाब के सैंपल का टेस्ट किया जाएगा और अगर वह पॉजिटिव पाया जाता है तो एस-जीन ड्रॉप वाले आरटी-पीसीआर किट के साथ दूसरा टेस्ट किया जाएगा.
महाराष्ट्र सरकार ड्यूल आरटी-पीसीआर टेस्टिंग रणनीति को लागू करने वाली पहली सरकार है. कुछ जिलों को पहले ही ये किट मिल चुकी है.
ज्यादा केस किये जा सकेंगे डिटेक्ट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "केवल एस-जीन ड्रॉपआउट या एस-जीन टारगेट फेलियर (SGTF) में पॉजिटिव आने वाले सैंपल को ही ओमिक्रॉन के लिए जीनोमिक सीक्वेंस वाला माना जाएगा. इससे एक ओर जहां लागत में कटौती आएगी वहीं दूसरी ओर इसकी मदद से ओमिक्रॉन के ज्यादा केस डिटेक्ट किये जा सकेंगे. साथ ही कम संसाधनों की मदद से ज्यादा काम किया जा सकेगा.
लागत प्रभावी है ये तरीका
स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, “भारत में परिवहन, मानव संसाधन और अन्य प्रमुखों सहित जीनोम सिक्वेंसिंग की लागत 5,000 रुपये प्रति कोविड पॉजिटिव सैंपल तक जाती है. जबकि एक स्टैण्डर्ड आरटी-पीसीआर किट और इम्पोर्टेड आरटी-पीसीआर किट की प्रति किट की लागत एसजीटीएफ के साथ 19 रुपये और 240 रुपये है. यानि डुअल आरटी-पीसीआर की कीमत 260 रुपये पड़ती है.
आसानी से CT वैल्यू का भी लगा सकेंगे पता
जो लोग अंतरराष्ट्रीय यात्रा कर चुके हैं, उसका और उनके परिवार का टेस्ट इन किट के माध्यम से लैब्स में किया जा सकता है. ताकि हाई वायरल लोड या 25 साइकिल थ्रेशोल्ड वैल्यू (CT Value) से कम वाले दैनिक केस लोड से फैले समुदाय का पता लगाया जा सके.
नागपुर में 60 में से 23 एस-जीन ड्रॉपआउट पॉजिटिव
गौरतलब है कि नागपुर में अब तक कुल 60 कोविड पॉजिटिव सैंपल में से 23 एस-जीन ड्रॉपआउट के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं. सभी 60 पॉजिटिव सैंपल की सीक्वेंसिंग की बजाय इन 23 सैंपलों को नागपुर में सीक्वेंसिंग के लिए प्राथमिकता दी जा रही है.
नागपुर के इंदिरा गांधी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में वायरस रिसर्च डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी - महाराष्ट्र के प्रमुख केंद्रों में से एक है. अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ एसएस राउत ने कहा, "हम एसजीटीएफ के लिए स्पेशलाइज़्ड आरटी-पीसीआर किट का उपयोग करके फिर से पॉजिटिव सैम्पल्स का टेस्ट कर रहे हैं.”
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