
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डेटा के अनुसार भारत में सोमवार को कोरोना के 8,306 नए मामले दर्ज किए, जिसके बाद से कुल मरीजों की संख्या 3,46,41,561 हो गई है. वहीं एक्टिव केस की संख्या 98,416 दर्ज की गई जो 552 दिनों में सबसे कम है. भारत में अभी रिकवरी रेट 98.35% है. कोरोना से लड़ाई की बात करें तो पिछले 24 घंटे में 8,834 लोग कोरोना से ठीक होकर वापस घर आए हैं.
तेजी से फैल रहा नया वैरिएंट
महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली में ओमिक्रॉन के मामले पाए जाने के बाद से हालात चिंताजनक बने हुए हैं. महाराष्ट्र में सात, जयपुर में नौ, मुंबई में दो और दिल्ली में एक व्यक्ति इस नए वैरिएंट से संक्रमित पाया गया, जिससे देश में कुल संख्या 23 हो गई है. राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत में अब तक कुल 127.93 करोड़ टीके की खुराक दी जा चुकी है. डेली पॉजिटिविटी रेट 0.94 प्रतिशत दर्ज की गई जबकि साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 0.78 प्रतिशत थी.
कर्नाटक में कोरोना वायरस के 301 नए मरीज
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों में रविवार को तेजी दर्ज की गई. पिछले 24 घंटे में यहां 63 नए मामले सामने आए जो कि एक दिन पहले की तुलना में 12 ज्यादा हैं. न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, कर्नाटक में सोमवार को कोरोना वायरस के 301 नए मरीज मिले तथा सात संक्रमितों की मौत हो गई. इसके बाद कुल मामले 29,98,400 हो गए हैं तथा मृतक संख्या 38,237 पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि आज 359 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई है जिसके बाद संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या 29,53,067 पहुंच गई है.
वहीं WHO इंडिया प्रमुख डॉ रोडेरिको ओफ्रिन का कहना है कि देश को बूस्टर डोज पर जोर देने के बजाय अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाने पर ध्यान देना चाहिए. डॉ रोडेरिको ने कहा कि हमें जल्द से जल्द पूरी आबादी को टीका लगाना है, जो इस समय सबसे अधिक महत्वपूर्ण है.
फरवरी तक आ सकती है तीसरी लहर
आईआईटी के डाटा वैज्ञानिक दल का कहना है कि भारत में नए वैरिएंट के खतरे को देखते हुए फरवरी तक तीसरी लहर आने का अनुमान है. उनका कहना है कि तीसरी लहर में 1 से 1.5 लाख तक अधिकतम मामले प्रतिदिन आ सकते हैं. अध्ययन दल में शामिल डाटा वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि नए वैरिएंट की वजह से नई आशंकाएं पैदा हुई हैं. हालांकि दक्षिण अफ्रीका में आए नए मामलों से इसकी तुलना करें तो ओमिक्रॉन डेल्टा के मुकाबले उतना घातक नहीं है. इतने अधिक मामलों के होने के बावजूद वहां अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या काफी कम है. आने वाले दिनों में यह आंकड़े और साफ हो जाएंगे.