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Nasal Vaccine Launched: वैक्सीन के लिए नहीं लगवाना होगा इंजेक्शन, नाक से दी जाएगी कोविड-19 बूस्टर डोज, इस तरह करेगी काम

Nasal Vaccine: वैक्सीन के लिए अब इंजेक्शन नहीं लगवाना होगा. आप इस नाक से ले सकेंगे. कोविड-19 की बूस्टर डोज को लोग नाक से ले सकेंगे. भारत में नेजल वैक्सीन लॉन्च हो गई है.

नेजल वैक्सीन (प्रतीकात्मक तस्वीर) नेजल वैक्सीन (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • दुनिया की पहली नाक से दी जानें वाली कोविड-19 वैक्सीन  

  • नाक से दी जाती है नेजल वैक्सीन

जिन लोगों को इंजेक्शन वाली वैक्सीन से डर लगता है उनके लिए खुशखबरी है. भारत में नेजल वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर मंजूरी दी गई है. भारत बायोटेक की इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन निजी केंद्रों में उपलब्ध होगी और शुक्रवार शाम CoWIN पर भी लॉन्च हो जाएगी. 

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, "भारत सरकार ने नाक के टीके को मंजूरी दे दी है. इसका इस्तेमाल हेट्रोलोजस बूस्टर के रूप में किया जाएगा और यह सबसे पहले निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगी. इसे आज (शुक्रवार) से कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा."

दुनिया की पहली नाक से दी जानें वाली कोविड-19 वैक्सीन  

बताते चलें कि यह भारत की पहली ऐसी बूस्टर डोज होगी जो नाक से दी जाएगी.  यह 18 साल से ऊपर के लोगों को दी जा सकेगी. वैक्सीन की कीमत जल्द ही तय की जाएगी और इसे सरकारी और निजी सुविधाओं में उपलब्ध कराया जाएगा. वर्तमान में भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और कोवोवैक्स, रूस की स्पुतिंक वी और बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की कॉर्बेवैक्स वैक्सीन कोविन पोर्टल में सूचीबद्ध है. 

6 सितंबर को, सीरम इंस्टिट्यूट ने घोषणा की थी कि उसके iNCOVACC (BBV154) को 18 और उससे अधिक उम्र के लिए आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के तहत ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मिल गई है. विज्ञान मंत्रालय ने इस वैक्सीन को 'भारत द्वारा विकसित COVID के लिए दुनिया की पहला इंट्रा-नेजल वैक्सीन' के रूप में मान्यता दी थी. 

क्या है ये नेजल वैक्सीन?

नेजल वैक्सीन जैसे नाम से पता चलता है नाक से दी जाने वाली वैक्सीन है. दूसरी वैक्सीन जहां बांह में लगाई जाती है वहीं ये नाक में दी जाती है.  चूंकि लक्ष्य एक डोज देना है जो सीधे रेस्पिरेटरी पाथ में जाता है, ये टीका या तो एक नाक के स्प्रे के माध्यम से या एरोसोल डिलीवरी के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है.

किस तरह काम करती है नेजल वैक्सीन?

चूंकि वायरस सामान्य रूप से नाक के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश करता है, नाक का टीका आपके इम्यून सिस्टम को आपके ब्लड में और आपकी नाक में प्रोटीन बनाने का काम करता है, जो आपको वायरस से लड़ने में मदद करता है. इसके लिए एक डॉक्टर बिना सुई वाली एक छोटी सीरिंज से आपकी नाक में वैक्सीन का छिड़काव करता है. इसे काम करना शुरू करने में आमतौर पर लगभग दो सप्ताह लगते हैं.

नाक का टीका दूसरी वैक्सीन से अलग कैसे है?

दरअसल, कोरोनावायरस सहित कई रोगाणु, म्यूकोसा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं. वहां की सेल और मोलेक्युल्स से आपके इम्यून रेस्पोंस को ट्रिगर करते हैं. एक प्रभावी नेजल वैकसीन न केवल कोविड-19 से बचाती है, बल्कि यह एक अन्य प्रकार की इम्यूनिटि प्रदान करके रोग को फैलने से भी रोकती है जो मुख्य रूप से उन सेल में होते है जो नाक और गले से जुड़ी होती है.