 Treating cleft lip and palate
 Treating cleft lip and palate  Treating cleft lip and palate
 Treating cleft lip and palate अच्छी मुस्कान हर किसी की पहचान होती है, लेकिन बहुत से लोग क्लेफ्ट लिप और पैलेट जैसी समस्याओं और उनके इलाज के बारे में जागरूक नहीं हैं. यह जन्मजात स्थिति होती है, जिसमें होठों और तालू के हिस्से ठीक से विकसित नहीं होते है. क्लेफ्ट लिप और पैलेट जैसी गंभीर समस्याओं के इलाज के लिए भारत में पहली बार 3D तकनीक का उपयोग करके नई उम्मीद जगाई गई है.
इस क्षेत्र में डॉ. पुनीत बत्रा और उनकी पत्नी श्वेता बत्रा ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उनकी टीम में सात अन्य अनुभवी ऑर्थोडॉन्टिस्ट भी शामिल हैं, जो मिलकर मरीजों को बेहतरीन इलाज प्रदान कर रहे हैं. क्लेफ्ट लिप और पैलेट का इलाज अब मुश्किल नहीं रहा. 3D तकनीक की मदद से यह इलाज न केवल आसान हुआ है, बल्कि यह मरीजों को एक स्थायी और खूबसूरत मुस्कान देने का भी वादा करता है। हालांकि, इस तकनीक के बारे में अभी भी अधिकांश लोग जागरूक नहीं हैं. इसी कारण से, बत्रा दंपति विभिन्न कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित कर लोगों को इस तकनीक के लाभ के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
लाखों बच्चे हैं पीड़ित 
भारत में हर साल लगभग 35,000 बच्चे क्लेफ्ट लिप के साथ जन्म लेते हैं, जबकि विश्वभर में यह संख्या दो लाख से ज्यादा होती है. ऐसे बच्चों को कई चरणों में इलाज की जरूरत होती है, जिसमें विभिन्न विशेषज्ञों की एक इंटरडिसिप्लिनरी टीम शामिल होती है. डॉ. बत्रा और उनकी टीम ने 3D तकनीक का उपयोग करके इलाज को और प्रभावी बनाया है. 
इस तकनीक के तहत किए जा रहे प्रमुख प्रयासों में शामिल हैं- वर्चुअल प्लानिंग और 3D प्रिंटेड NAM डिवाइस, जो नवजात शिशुओं के प्री-सर्जिकल ऑर्थोपेडिक्स (PSIO) के लिए है. 3D प्रिंटेड एक्सपेंशन एप्लायंसेस भी मिक्सड डेंटिशन के दौरान बोन ग्राफ्टिंग के साथ उपयोग किए जा रहे हैं. इसके अलावा, वर्चुअल सर्जिकल प्लानिंग का भी इस्तेमाल स्थायी दांतों के लिए ऑर्थोग्नैथिक सर्जरी में किया जा रहा है.
जागरूकता है बहुत ज्यादा जरूरी 
डॉ. पुनीत और श्वेता बत्रा का मानना है कि सही समय पर इलाज और 3D तकनीक के माध्यम से हर बच्चे को सामान्य और सुंदर मुस्कान मिल सकती है. हालांकि, जागरूकता की कमी एक बड़ी चुनौती है. यही कारण है कि वे लोगों को शिक्षित करने और तकनीक की पहुंच बढ़ाने के लिए कार्यशालाओं और जागरूकता अभियानों का आयोजन कर रहे हैं. गरीब बच्चों के लिए ये दंपति मुफ़्त में एनजीओ के साथ मिलकर इलाज करते है ताकि उनके भविष्य को भी बेहतर बनाया जा सके. 
इस पहल के जरिए, बत्रा दंपति और उनकी टीम ने हजारों बच्चों और उनके परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का बीड़ा उठाया है. कालकज़ी में स्थित डॉ श्वेता डेंटल क्लिनिक में हज़ारो बच्चों को नई मुस्कान दी जा रही है. क्लेफ्ट लिप और पैलेट जैसी जन्मजात समस्याओं के इलाज में डिजिटल तकनीक ने क्रांतिकारी बदलाव किए हैं. 3डी इमेजिंग, डिजिटल सर्जिकल प्लानिंग और टेलीमेडिसिन जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग से इलाज न केवल अधिक सटीक हुआ है, बल्कि रोगियों और डॉक्टरों के लिए यह प्रक्रिया भी आसान हो गई है.
मरीजों को मिल रही है अच्छी मदद
डिजिटल सर्जिकल गाइड्स की मदद से सर्जरी के परिणाम बेहतर हो रहे हैं, और 3डी प्रिंटिंग के जरिए जटिल मामलों को भी सफलतापूर्वक हल किया जा रहा है. इसके अलावा, टेलीमेडिसिन की सुविधा ने दूरदराज के क्षेत्रों में मरीजों को विशेषज्ञों से कनेक्ट होने का मौका दिया है. क्लेफ्ट लिप और पैलेट केयर में यह प्रगति न केवल चिकित्सा क्षेत्र में तकनीकी उन्नति को दर्शाती है, बल्कि समाज के उन वर्गों के लिए भी उम्मीद की किरण है जो बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित थे.