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eSanjeevani OPD: ऑनलाइन कंसल्टेशन के जरिए ग्रामीण और दूरदराज के मरीजों तक पहुंच रहीं हैं स्वास्थ्य सुविधाएं, जानें कैसे घर बैठे उठाएं फायदा

eSanjeevani OPD स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू की गया एक ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवा पोर्टल है. जिस पर मरीज घर बैठे डॉक्टर से ऑनलाइल कंसल्टेशन ले सकते हैं.

eSanjeevani OPD (Photo: Twitter) eSanjeevani OPD (Photo: Twitter)
हाइलाइट्स
  • eSanjeevani भारत सरकार द्वारा नागरिकों को दी जाने वाली पहली ऑनलाइन ओपीडी (आउट पेशेंट) कंसल्टेशन सर्विस है

  • ई-संजीवनी ओपीडी पोर्टल और सिस्टम को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने विकसित किया है

कोरोना के बाद से देश में डिजिटल सर्विसेज काफी ज्यादा बढ़ी हैं. डिजिटल पेमेंट हों या डिजिटल एजूकेशन, हर तरफ तकनीक लोगों का जीवन आसान कर रही है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी डिजिटल सर्विसेज लोगों को मिल रही हैं. हाल ही में,  दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी.के. सक्सेना ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में एक एप आधारित राष्ट्रीय चिकित्सा टेली-परामर्श सेवा - "ई-संजीवनी" ओपीडी प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया. 

इस प्रोजेक्ट को E Sanjeevani OPD के तहत शुरू किया गया है. जिसके जरिए मरीजों को घर बैठे 24 घंटे ऑनलाइन ओपीडी डॉक्टर से सर्विसेज मिलेंगी. आपको बता दें कि eSanjeevani एक सरकारी योजना है जिसके जरिए दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोग ऑनलाइन ओपीडी डॉक्टरों से जुड़कर अपनी बीमारी के बारे में उन्हें बता सकते हैं और डॉक्टर्स से परामर्श ले सकते हैं.  

क्या है यह योजना:

eSanjeevani भारत सरकार द्वारा नागरिकों को दी जाने वाली पहली ऑनलाइन ओपीडी (आउट पेशेंट) कंसल्टेशन सर्विस है. यह योजना स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नवंबर 2019 में शुरू की थी. इसे राष्ट्रीय दूरसंचार सेवा (National Teleconsultation Service) भी कहा जाता है, इसका उद्देश्य मरीजों को उनके घरों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. 

इस योजना के तहत, ऑनलाइन मोड (ई-संजीवनी ओपीडी) के माध्यम से डॉक्टर और मरीज के बीच एक संरचित और सुरक्षित टेलीकंसल्टेशन होता है. ई-संजीवनी ओपीडी पोर्टल और सिस्टम को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा मोहाली में विकसित किया गया है. यह सर्विस मोबाइल एप्लिकेशन पर भी उपलब्ध है. 

eSanjeevani और eSanjeevani OPD में क्या है अंतर

eSanjeevani: यह एक डॉक्टर से डॉक्टर का टेलीमेडिसिन सिस्टम है जिसे आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया गया है. ताकि ग्रामीण क्षेत्रों और दूरदराज के समुदायों के बीच में विशेष स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया जा सके. eSanjeevani को 2019 में लॉन्च किया गया था। इस सेवा को शुरू करने वाला पहला राज्य आंध्र प्रदेश था

eSanjeevani OPD: यह योजना ई-संजीवनी मॉडल पर आधारित है. लेकिन इसमें डॉक्टर, सीनियर डॉक्टर से नहीं बल्कि, मरीज सीधा डॉक्टर से कंसल्ट करते हैं वह भी अपने घरों में बैठे हुए. इसे अप्रैल 2020 में COVID महामारी के दौरान लॉन्च किया गया था. यहां, मरीजों को डॉक्टर टेलीकंसल्टेशन मुफ्त में दिया जाता है.

कैसे इस्तेमाल करें यह सर्विस

अगर आप इस सर्विस को इस्तोमाल करना चाहते हैं तो आप अपने लैपटॉप पर eSanjeevani OPD पोर्टल पर रजिस्टर कर सकते हैं या मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए. 

रजिस्ट्रेशन और टोकन जनरेशन:

  • सबसे पहले OTP के जरिए अपना मोबाइल नंबर वेरिफाई करे. 
  • अब पेशेंट रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें और टोकन के लिए अपील करें. 
  • अगर आपके कोई पुराने हेल्थ रिकॉर्ड हैं तो अपलोड करें. 
  • आपको आपके फोन पर पेशएंट की आईडी और टोकन नंबर मिल जाएगा. 

लॉग-इन करें 

  • अब आपको SMS पर लॉगइन नोटिफिकेशन आएगी. 
  • इस पर आप पेशेंट आईडी से लॉगइन करें. 

वेटिंग रूम 

  • अब आपको स्क्रीन पर एक वेटिंग रूम का पॉप-अप दिखेगा. यहां पर इंतजार करें. 
  • कुछ समय बाद आपकी स्क्रीन पर Call Now का बटन एक्टिवेट होगा. 
  • इस पर क्लिक करके आप वीडियो कॉल कर सकते हैं. 

कंसल्टेशन 

  • कॉल करने पर डॉक्टर आएंगे, जिनसे आप कंसल्ट कर सकते हैं. कंसल्टेशन के बाद आपको प्रिस्क्रिप्शन भी मिल जाएगा. 

क्या है इस योजना का फायदा

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भारत जैसे देश में टेलीमेडिसिन सेवाएं आवश्यक हैं. क्योंकि यहां मरीजों के मुकाबले में डॉक्टर की संख्या, डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित संख्या से काफी कम है. देश के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में डॉक्टर और म्डिकल सर्विसेज मिलना बहुत मुश्किल है. ऐसी स्थिति, एक ऐसे सिस्टम का होना जरूरी है जिससे ग्रामीण और पिछड़े/पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कंसल्टेशन सर्विसेज मिल सकें. इसलिए ई-संजीवनी ओपीडी मददगार है. 

साथ ही, कोरोना महामारी के समय में, यह महत्वपूर्ण है कि मरीज और डॉक्टर के बीच सुरक्षित कंसल्टेशन हो. जब तक इमरजेंसी न हो तब तक मरीजों को अस्पताल/पीएचसी न आना पड़ा. इससे कोरोना संक्रमण का खतरा कम होगा. बताया जा रहा है कि अब तक साढ़े तीन करोड़ नागरिक इस सेवा का लाभ ले चुके हैं.