

हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियां दुनिया भर में हुईं मौतों का सबसे बड़ा कारण है. पहले हार्ट अटैक बुजुर्गो की बीमारी मानी जाती थी, लेकिन अब युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले आ रहे हैं. दुनियाभर में हार्ट अटैक से हर साल लाखों लोग जान गंवा देते हैं. हालांकि इससे बचाव संभव है.
इन दवाओं से कम होता है हार्ट अटैक का खतरा
एक नई रिसर्च में दावा किया गया है स्टैटिन और ईजेटिमाइब को एक साथ देने से दोबारा हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है. स्टैटिन और ईजेटिमाइब दोनों दवाएं मिलकर शरीर में "LDL" को कम करती हैं. यह रिसर्च इंपीरियल कॉलेज लंदन और स्वीडन के लुंड यूनिवर्सिटी ने की है.
BLK - Max सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी, डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. अविनाश वर्मा से इन दो दवाओं को लेकर GNT ने खास बातचीत की. पढ़िए इस बातचीत के कुछ अंश.
1. क्या स्टेटिन और एजेटिमाइब दवाओं का कॉम्बिनेशन हार्ट अटैक से बचाता है?
स्टेटिन और एजेटिमाइब की दवाएं मिलकर हार्ट अटैक के खतरे को कम करती हैं, खासकर उन लोगों में जो पहले से हाई रिस्क पर हैं. 2015 में हुए एक बड़े मेडिकल रिसर्च (IMPROVE-IT ट्रायल) से यह साबित हुआ है कि सिम्वास्टेटिन के साथ एजेटिमाइब लेने से हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी समस्याएं कम होती हैं. यह दवाएं उन लोगों के लिए भी मददगार हैं जिनकी कोलेस्ट्रॉल लेवल सिर्फ स्टेटिन से कंट्रोल नहीं होती या जो हाई डोज स्टेटिन सहन नहीं कर पाते.
2. हार्ट अटैक के बाद ये दवाएं क्यों दी जाती हैं?
हार्ट अटैक के बाद दोबारा अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए डॉक्टर LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने के लिए ये दवाएं देते हैं. दोनों दवाएं मिलकर कोलेस्ट्रॉल को ज्यादा असरदार तरीके से घटाती हैं और दोबारा अटैक का खतरा कम करती हैं.
स्टेटिन: लीवर में बनने वाले कोलेस्ट्रॉल को कम करता है.
एजेटिमाइब: खाने और पित्त से मिलने वाले कोलेस्ट्रॉल को आंतों से शरीर में जाने से रोकता है.
3. ये दोनों दवाएं साथ में कैसे काम करती हैं?
स्टेटिन शरीर में कोलेस्ट्रॉल बनने की प्रक्रिया को रोकता है. एजेटिमाइब आंतों से कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकता है.
इससे खून में LDL कोलेस्ट्रॉल का लेवल काफी हद तक कम हो जाता है. रिसर्च के अनुसार, हर 39 mg/dL कोलेस्ट्रॉल घटाने पर हार्ट अटैक/स्ट्रोक का खतरा लगभग 20-25% तक कम होता है.
4. इन दवाओं के आम साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
मांसपेशियों में दर्द या भारीपन
सिर दर्द
पेट में हल्का दर्द या गैस
लीवर एंजाइम्स बढ़ जाना
थकान
पेट दर्द या डायरिया
मांसपेशियों में दर्द (बहुत कम मामलों में)
ऐसे की गई रिसर्च
रिसर्च में दावा किया गया है कि जो मरीज दिल का दौरा पड़ने के 12 हफ्तों के भीतर स्टैटिन और ईजेटिमाइब दोनों दवाएं लेते हैं, उनमें दोबारा दिल की बीमारियों और मौत का खतरा कम होता है. रिसर्च के लिए 2015 से 2022 के बीच हार्ट अटैक झेल चुके 36,000 स्वीडिश मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया गया. शोधकर्ताओं ने मरीजों को तीन समूहों में बांटा:
पहले वे जिन्हें दिल का दौरा पड़ने के 12 हफ्तों के भीतर स्टैटिन और ईजेटिमाइब दोनों दी गईं.
दूसरे वे जिन्हें 13 हफ्तों से 16 महीनों के बीच ईजेटिमाइब जोड़ी गई.
तीसरे वे जिन्हें सिर्फ स्टैटिन दी गई.
रिसर्च में पाया गया कि जिन मरीजों को जल्दी इलाज मिला उनकी कंडीशन दूसरों की तुलना में बेहतर थी.
हर साल हजारों मरीजों की जान बचाई जा सकती है
इस रिसर्च को लीड करने वाले प्रोफेसर और सीनियर कार्डियोलॉजी कंसल्टेंट, मार्गरेट लिओसडोटिर ने कहा, फिलहाल यह कॉम्बिनेशन थेरेपी वर्ल्ड लेवल पर नहीं दी जाती, क्योंकि ओवरमेडिकेशन और साइड इफेक्ट्स को लेकर सतर्कता बरती जाती है. लेकिन रिसर्च से पता चलता है कि दोनों दवाएं तुरंत शुरू करना ज्यादा फायदेमंद होता है. ईजेटिमाइब के साइड इफेक्ट्स भी बहुत कम हैं और ये दवा कई देशों में कम कीमत पर उपलब्ध है. इस इलाज से हर साल हजारों मरीजों की जान बचाई जा सकती है.
दिल को स्वस्थ रखने के लिए कुछ आसान आदतें अपनाना बहुत जरूरी है.
रोजाना कम से कम 30 मिनट की हल्की-फुल्की कसरत करें, जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या योग करना.
खाने में ताजे फल, हरी सब्जियां और साबुत अनाज (जैसे दालें, ओट्स, ब्राउन राइस) शामिल करें. ज्यादा तला-भुना और फैट वाला खाना न खाएं.
धूम्रपान और शराब से दूर रहें. ये आपके दिल को बीमार कर सकते हैं.
हर दिन 8 से 9 घंटे की अच्छी नींद जरूर लें ताकि शरीर और दिल दोनों को आराम मिल सके.
साथ ही, समय-समय पर अपना ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल चेक कराते रहें. ये छोटी-छोटी सावधानियां दिल की बीमारियों से बचने में बहुत मदद करती हैं.
हार्ट अटैक के लक्षण
सीढ़ी चढ़ने पर सीने में भारीपन
कंधे या गर्दन के पीछे दर्द
जबड़े में दर्द
गैस की समस्या
पैरों और टखनों में सूजन
चक्कर आना