Surgery (Representative Image)
Surgery (Representative Image) शरीर सुचारु रूप से चल सके इसके लिए ब्रेन यानि मस्तिष्क की जरूरत होती है. इसलिए अक्सर कहा जाता है कि जब भी एक्सीडेंट हो तो सबसे पहले अपना सिर बचाना चाहिए ताकि आपके ब्रेन पर कोई असर न पड़े. कई बार ऐसा होता है कि ब्रेन में खून जाना बंद हो जाता है, तो वह ब्लॉक हो जाता है. और फिर इसे ठीक करना लगभग नामुमकिन हो जाता है. लेकिन जोधपुर एम्स के डॉक्टरों की टीम ने 62 साल के बुजुर्ग के दिमाग की खून की नस के 99 प्रतिशत ब्लॉकेज को ठीक कर दिया है. ये कारनामा कैरोटिड एंड आरटेरेक्टॉमी से किया गया है.
बुजुर्ग को थी 6 महीने से सीने में दर्द की शिकायत
कार्डियोथोरेसिक विभाग के असोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुरेंद्र पटेल ने 62 वर्षीय बुजुर्ग के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि बुजुर्ग को पिछले 6 महीने से सीने में दर्द और सांस फूलने की शिकायत थी. इस शिकायत को लेकर वे एम्स गए थे. जब जांच की गई तो पाया कि उनके दिल की तीनों प्रमुख नसों में ब्लॉकेज है. इसके अलावा, उनके दिमाग में खून को प्रवाहित करने वाली कैरोटिड आर्टरी में दाई ओर 99 प्रतिशत ब्लॉकेज था. तब डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन करने का सोचा.
हालांकि, इसमें परेशानी ये थी कि अगर बजुर्ग की बायपास सर्जरी की जाती तो उन्हें लकवा मारने का खतरा था. ऐसे में डॉक्टरों ने कैरोटिड आर्टरी में ब्लॉकेज ठीके करने के निर्णय लिया.
पहली बार की गई दोनों सर्जरी साथ
ये ऑपरेशन पूरे 7 घंटे चला. इसमें पहले कैरोटिड आर्टरी के ब्लॉकेज को ठीक किया गया. इसके बाद पांच घंटे हार्ट की बायपास सर्जरी की गई. अब बुजुर्ग पूरी तरह ठीक हैं और सुरक्षित हैं. बता दें, विभाग के मुताबिक ये ऐसा पहला केस है जब कैरोटिड एंडारटेरेक्टॉमी और हार्ट बायपास सर्जरी एक साथ की गई.
क्या है कैरोटिड एंडारटेरेक्टॉमी?
दरअसल, कैरोटिड एंडारटेरेक्टॉमी (Carotid Endarterectomy) एक तरह की सर्जरी है. ये कैरोटिड आर्टरी डिजीज में की जाती है. ये वो आर्टरी होती हैं जिनके माध्यम से ब्रेन तक खून पहुंचता है. कैरोटिड आर्टरी डिजीज ये आर्टरीज संकरी हो जाती है. संकरी हो जाने की वजह से ब्रेन में ठीके से ब्लड का सर्कुलेशन नहीं हो पता है. इसे हम ब्लॉकेज ही कहते हैं. बता दें, इसमें सबसे ज्यादा खतरा स्ट्रोक (Stroke) की समस्या का होता है.
कैरोटिड एंडारटेरेक्टॉमी सर्जरी में क्या होता है?
कैरोटिड एंडारटेरेक्टॉमी सर्जरी में आर्टरी में जमे प्लाक को निकाला जाता है. अगर इसकी मात्रा ज्यादा होती है और लगता है कि वो पूरी तरह से ठीक नहीं की जा सकती तो कैरोटिड आर्टरी को निकाल दिया जाता है. प्लाक निकालने के बाद इस आर्टरी में स्टिचेस लगाए जाते हैं. इसके बाद खून का प्रवाह ठीक से हो पाता है यानि पहले की तरह ही होने लगता है.