scorecardresearch

चल रही है एंटी-एजिंग की तलाश? भूल जाइए महंगी क्रीम और ट्रीटमेंट्स, बस दौड़िए दिन में इतने मिनट और बढ़ाइए जिंदगी के 9 साल

अगर आप जवान दिखना और लंबी उम्र तक स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो एंटी-एजिंग क्रीम या ब्यूटी ट्रीटमेंट पर पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है. बस अपने लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव लाएं और नियमित रूप से दौड़ें. दौड़ना न सिर्फ आपकी बायोलॉजिकल उम्र को नौ साल तक कम कर सकता है, बल्कि आपको दिल की बीमारियों, डायबिटीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचा सकता है.

बुढ़ापा रोकने का असली फॉर्मूला बुढ़ापा रोकने का असली फॉर्मूला
हाइलाइट्स
  • बढ़ा सकते हैं जिंदगी के 9 साल

  • दौड़ने से मिलते हैं अद्भुत फायदे

आजकल बाजार में झुर्रियां हटाने और त्वचा को जवान बनाए रखने के लिए तरह-तरह की एंटी-एजिंग क्रीम, सीरम और ब्यूटी ट्रीटमेंट्स मिलते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि महंगे उत्पादों की जगह सिर्फ कुछ मिनट की दौड़ आपकी उम्र को नौ साल तक पीछे कर सकती है? जी हां, यह कोई दावा नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक स्टडी है.

2017 में प्रकाशित प्रिवेंटिव मेडिसिन जर्नल की एक स्टडी के अनुसार, नियमित रूप से हाई-इंटेंसिटी फिजिकल एक्टिविटी करने वाले लोगों की बायोलॉजिकल उम्र लगभग नौ साल कम होती है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप फिट और एक्टिव हैं, तो आपकी सेल्स आपकी असल उम्र से कहीं ज्यादा युवा रह सकती हैं.

बायोलॉजिकल और असली उम्र में क्या अंतर है?
बायोलॉजिकल उम्र और कैलेंडर उम्र (जो आपके जन्म प्रमाणपत्र में दर्ज है) में बड़ा अंतर होता है. कई बार आपने देखा होगा कि कुछ लोग अपनी उम्र से काफी छोटे दिखते हैं, जबकि कुछ लोग जल्दी बूढ़े नजर आने लगते हैं.

सम्बंधित ख़बरें

बायोलॉजिकल उम्र का निर्धारण शरीर के अंदर होने वाली गतिविधियों से होता है, जिसमें सेल्स का फिर से बनना, डीएनए डैमेज, और टेलोमेर (Telomeres) की लंबाई शामिल है. अगर कोई व्यक्ति एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाता है, तो उसकी बायोलॉजिकल उम्र उसकी असली उम्र से कहीं कम हो सकती है.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रोजाना वर्कआउट करते हैं, खासकर हाई-इंटेंसिटी एक्सरसाइज करते हैं, उनकी बायोलॉजिकल उम्र धीमी होती है.

इस अध्ययन के प्रमुख लेखक लैरी टकर (Larry Tucker) कहते हैं, “अगर आपकी उम्र 40 साल है, तो जरूरी नहीं कि आपकी बायोलॉजिकल उम्र भी 40 साल ही हो. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने एक्टिव हैं. हम सबने ऐसे लोग देखे हैं जो अपनी असली उम्र से छोटे दिखते हैं. ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने से शरीर में जैविक रूप से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है.”

टेलोमेर- हमारी उम्र का बायोलॉजिकल साइन 
टेलोमेर डीएनए के सिरों पर मौजूद एक प्रकार की सुरक्षा परत होती है, जिसे 'क्रोमोसोम का एन्ड-कैप' भी कहा जाता है. जब भी हमारी सेल्स विभाजित होती हैं, तो टेलोमेर थोड़े छोटे होते जाते हैं. यह प्रक्रिया हमारी उम्र बढ़ने का मुख्य कारण होती है.

  • जो लोग बैठे रहने वाली (Sedentary Lifestyle) जीवनशैली अपनाते हैं, उनके टेलोमेर सबसे छोटे होते हैं.
  • जिन लोगों की फिजिकल एक्टिविटी बहुत कम या मीडियम होती है, उनके टेलोमेर में कोई विशेष अंतर नहीं पाया गया.
  • लेकिन जो लोग नियमित रूप से हाई-इंटेंसिटी एक्सरसाइज करते हैं, उनके टेलोमेर सबसे लंबे पाए गए. इसका मतलब यह हुआ कि उनका शरीर अधिक समय तक युवा बना रहता है.

लैरी टकर का कहना है कि अगर आप बायोलॉजिकल उम्र को सच में धीमा करना चाहते हैं, तो हल्की-फुल्की एक्सरसाइज काफी नहीं होगी. इसके लिए आपको नियमित रूप से हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करना होगा.

सेलुलर एजिंग को रोकने में कैसे मदद करता है एक्सरसाइज?
सेलुलर एजिंग (Cellular Aging) का मतलब है कि हमारी सेल्स की काम करने की क्षमता और विभाजित होने की गति धीरे-धीरे कम होती जाती है. यह प्रक्रिया डीएनए डैमेज, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और टेलोमेर की लंबाई घटने के कारण होती है.

जब शरीर में सेलुलर एजिंग बढ़ती है, तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है:

  1. स्किन पर झुर्रियां और ढीलापन.
  2. बालों का सफेद होना और झड़ना.
  3. हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी.
  4. हार्ट, लिवर और दूसरे अंगों का कमजोर होना.

लेकिन अगर आप रोजाना एक्सरसाइज करते हैं, खासकर दौड़ते हैं, तो यह सेलुलर एजिंग को धीमा कर देता है. इससे शरीर की रिपेयरिंग क्षमता बेहतर होती है और उम्र के साथ आने वाली बीमारियों से बचाव होता है.

रोजाना कितनी एक्सरसाइज करनी चाहिए?
अगर आप चाहते हैं कि आपकी बायोलॉजिकल उम्र धीमी हो जाए, तो इसके लिए आपको हफ्ते में कम से कम पांच दिन हाई-इंटेंसिटी एक्सरसाइज करनी होगी.

  • महिलाओं को कम से कम 30 मिनट की दौड़ (Jogging) करनी चाहिए.
  • पुरुषों को 40 मिनट की दौड़ करनी होगी.
  • अगर आप दौड़ नहीं सकते, तो तेज वॉक, साइक्लिंग, तैराकी या कोई दूसरी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी कर सकते हैं.
  • योग और स्ट्रेचिंग के साथ कार्डियो एक्सरसाइज को मिलाकर करने से भी बेहतरीन परिणाम मिलते हैं.

दौड़ने से मिलते हैं ये अद्भुत फायदे
दौड़ने से हमारे दिल के काम करने की क्षमता बेहतर होती है और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. इसके अलावा, यह कैलोरी बर्न करने का सबसे तेज तरीका है, जिससे वजन कम होता है. 

साथ ही, दौड़ने से शरीर में एंडोर्फिन (खुशी का हार्मोन) रिलीज होता है, जिससे तनाव कम होता है. नियमित दौड़ने से शरीर की रोग प्रतिरोधक (इम्यूनिटी) क्षमता बढ़ती है. और ये हड्डियों और जोड़ों को मजबूत करता है. (स्टडी)