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Research on Sleep Timing: आप भी न समय पर सोते हैं और न जागते हैं... तो पढ़ लीजिए यह रिसर्च... तय समय पर सोने को हो जाएंगे विवश

Sleep Time: यदि आप भी कभी भी सोते हैं और कभी भी जगते हैं तो सावधान हो जाइए. आपकी यह आदत शरीर की आंतरिक जैविक घड़ी को असंतुलित कर सकती है. ऐसे में आप बीमार पड़ सकते हैं. शोध में पता चला है कि नींद की कुल अवधि से कहीं अधिक महत्वपूर्ण यह है कि आप रोजाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत बनाए रखें. आइए इस रिसर्च के बारे में जानते हैं.

Research on Sleep Timing (symbolic photo) Research on Sleep Timing (symbolic photo)
हाइलाइट्स
  • यूनाइटेड किंगडम के यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर और अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के नींद-विज्ञान विशेषज्ञों ने संयुक्त रूप से सोने के समय को लेकर किया रिसर्च 

  • मस्तिष्क और हृदय का स्वास्थ्य सोने के समय से निर्धारित होता है न कि सोने के घंटों से

Health: एक नई वैज्ञानिक रिपोर्ट के मुताबिक रात में देर से सोने और फिर समय बदल-बदल कर लंबे समय तक सोने से शरीर की आंतरिक जैविक घड़ी गड़बड़ा सकती है.

यूनाइटेड किंगडम के यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर और अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के नींद-विज्ञान विशेषज्ञों ने संयुक्त रूप से सोने के समय को लेकर रिसर्च किया है. इस रिसर्च को ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्लीप मेडिसिन और नेशनल ज्योग्रैफिक हेल्थ सेक्शन में प्रकाशित किया गया है. इस शोध में पता चला है कि नींद की कुल अवधि से कहीं अधिक महत्वपूर्ण यह है कि आप रोजाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत बनाए रखें, क्योंकि यही लय मस्तिष्क और हृदय दोनों के लिए बेहतर साबित होती है.

...तो हो सकती है गड़बड़ी
शोधकर्ताओं ने अपने रिसर्च में पाया कि नींद के समय का नींद की गुणवत्ता और समग्र स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है. देर तक जागना और अगले दिन देर तक सोकर खोई हुई नींद की भरपाई करने की कोशिश करने से सर्कैडियन लय में गड़बड़ी (जैविक असंतुलन) हो सकती है.

इतने प्रतिभागियों पर किया गया अध्ययन
अनियमित नींद मस्तिष्क की कार्यप्रणाली, एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालती है. इसके अतिरिक्त यह हृदय रोग, मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ाती है. अध्ययन में 40000 से अधिक प्रतिभागियों की नींद के पैटर्न, जीवनशैली और स्वास्थ्य संकेतकों का दीर्घकालिक विश्लेषण किया गया. प्रतिभागियों की औसत आयु 18 से 65 वर्ष के बीच थी.

देर से सोने वाले पेशेवर नियमित नींद के लिए समय करें सुनिश्चित 
जिन लोगों को अपने पेशे के कारण देर तक जागना पड़ता है जैसे डॉक्टर, मीडियाकर्मी, आईटी पेशेवर या रात की पाली में काम करने वाले, उनके लिए शोधकर्ता ने सलाह दी है कि जहां तक हो सके नियमित नींद की दिनचर्या बनाए रखें. भले ही नींद का समय रात में न हो, 24 घंटे के दिन और रात के चक्र के दौरान लगभग एक ही समय पर सोना और जागना शरीर की जैविक घड़ी को संतुलित करने में मदद करता है. विशेषज्ञों के अनुसार, भले ही आपको दिन में सोना पड़े, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपकी नींद गहरी और बिना व्यवधान वाली हो.

जानिए कितने घंटे की नींद है आपके लिए जरूरी
हर किसी की नींद की जरूरतें अलग-अलग होती हैं, यहां तक कि एक ही उम्र वालों में भी. कुछ लोगों को अच्छी तरह से आराम महसूस करने के लिए रात में कम से कम 9 घंटे की नींद की आवश्यकता हो सकती है, जबकि उसी आयु वर्ग के अन्य लोगों को लग सकता है कि उनके लिए 7 घंटे की नींद सही है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स और सीडीसी (CDC) ने अलग-अलग उम्र वालों के लिए ये सामान्य दिशा निर्देश दिए हैं...

किस उम्र में कितने घंटों की नींद है जरूरी
1. जन्म से 3 महीने: 14 से 17 घंटे
2. 4 से 11 महीने: 12 से 16 घंटे
3. 1 से 2 वर्ष: 11 से 14 घंटे
4. 3 से 5 साल: 10 से 13 घंटे
5. 6 से 12 साल: 9 से 12 घंटे
6. 13 से 18 वर्ष: 8 से 10 घंटे
7. 18 से 64 वर्ष: 7 से 9 घंटे
8. 65 वर्ष और अधिक उम्र: 7 से 8 घंटे