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अब आपकी ब्रशिंग हैबिट पर भी होगी Aiims की नजर, Healthy smile app बताएगा दिन में दो बार ब्रश कर रहे हैं या नहीं

एम्स ने डेंटल हेल्थ को मद्देनजर रखकर एक ऐसा ही एप बनाया जिसका नाम हेल्दी स्माइल है, लगभग 2 साल पहले इस एप की शुरुआत की गई थी.

Healthy smile app/Image-India Today Healthy smile app/Image-India Today
हाइलाइट्स
  • टाइमर भी ऐप में मौजूद

  • आपके दांतों पर एम्स की नजर

अपनी सेहत को ट्रैक करने के लिए आप स्मार्ट वॉच पहनते होंगे या फोन में कई तरह के ऐप इस्तेमाल करते होंगे, लेकिन क्या कभी आपने अपनी डेंटल हेल्थ के बारे में सोचा है? अक्सर लोग इसे इग्नोर कर देते हैं. सुबह उठकर वह ब्रश तो कर लेते हैं लेकिन ब्रश कितने देर तक करना है? दो बार दिन में ब्रश करना कितना जरूरी है और अपने दांतों का ध्यान कैसे रखा जाए? यह उन्हें नहीं पता होता है.

दांतों का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है जितना हम अपनी सेहत का रखते हैं. हेल्दी स्माइल के लिए जरूरी है कि लोग अपनी डेंटल हेल्थ का ध्यान रखें. इससे न सिर्फ कॉन्फिडेंस बढ़ता है बल्कि कैविटी जैसी समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है. एम्स ने डेंटल हेल्थ को मद्देनजर रखकर एक ऐसा ही ऐप बनाया जिसका नाम हेल्दी स्माइल है. लगभग 2 साल पहले इस एप की शुरुआत की गई थी और इसे लाने का मकसद था लोगों को डेंटल हेल्थ के बारे में जागरूक करना और उन्हें यह समझाना कि दांतों का ध्यान कितना जरूरी है और इसे कैसे रखा जाए.

टाइमर भी ऐप में मौजूद
एम्स ने अब इस एप को और एडवांस किया है, जिसके जरिए आप ये ट्रैक कर सकते हैं कि आपने और आपके बच्चे ने दिन में दो बार ब्रश किया है या नहीं. खास बात ये है कि इस ऐप को कुछ इस तरह बनाया है कि ये छोटे बच्चे जिनकी उम्र 6 साल तक की है उन्हें डेंटल हेल्थ की जानकारी दी जा सके, जैसे कितनी देर तक ब्रश करना है, ब्रश करने का टाइमर भी इस ऐप में मौजूद है.

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इस ऐप को डाउनलोड करके पेरेंट्स अपने बच्चों का एक ब्रश कैलेंडर भी बना सकते हैं, जिसके जरिए ये देखा जा सकता है कि बच्चा दिन में दो बार ब्रश कर रहा है या नहीं और सिर्फ पेरेंट्स ही नहीं बल्कि एम्स की भी उस डाटा पर नजर रहेगी.

बच्चों में कैविटी की समस्या आम

इस ऐप कि जानकारी देते हुए डॉक्टर कल्पना बंसल बताती हैं कि कोविड के बाद एम्स ने इस ऐप को लॉन्च करने का फैसला लिया क्योंकि अपने करियर में उन्होंने कई ऐसे बच्चे देखे जिनके दांत आने की शुरुआत के साथ ही उसमें कैविटी जैसी समस्या बहुत आम होने लगी. शुरुआत में ऐप में जानकारी देने का प्रयास रखा गया लेकिन अब इसका एक एडवांस वर्जन लॉन्च किया गया है जिसके जरिए पेरेंट्स यह चेक कर सकते हैं कि उनका बच्चा दिन में दो बार ब्रश कर रहा है या नहीं वह इस कैलेंडर पर मार्क भी कर सकते हैं जिसमें कुल 15 दिन का डाटा फीड होगा और यह डाटा एम्स के बैक एंड टीम तक भी पहुंचेगा. जिससे इसे यह पता लगा सके कि कितने लोग इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. साथ ही उसमें से कितने बच्चे दिन में दो बार ब्रश कर रहे हैं.

2 मिनट तक ब्रश क्यों करना चाहिए?
डॉ. कल्पना बताती हैं कि हमारे देश में छोटे बच्चों को ब्रश करने के लिए प्रेरित करना कोई आम प्रेक्टिस नहीं है बल्कि बच्चों के जब दांत आना शुरू होते हैं तब से लेकर अमूमन घरों में तीन से चार साल तक बच्चा ब्रश नहीं करता है. इस दौरान लगातार मीठा खाने की वजह से दांतों में कैविटी जैसी समस्या बहुत आम हो जाती है और दांतों में छोटी उम्र से ही कैविटी घर कर जाता है. इसलिए आपके जरिए छोटे बच्चों को ब्रश करने और डेंटल हेल्थ की जानकारी देने के साथ ही पेरेंट्स क्रिएटिव तरीके से यह भी समझ सकते हैं कि ब्रश किया कैसे जाता है. 2 मिनट तक ब्रश क्यों करना चाहिए? साथ ही अगर कोई महिला प्रेग्नेंट है और प्रेग्नेसी के दौरान उन्हें दांतों से जुड़ी कोई भी समस्या होती है तो उसे इस ऐप के जरिए भी समझा जा सकता है.

कैसे करें ऐप का इस्तेमाल
इस ऐप को चलाना बहुत आसान है. यह प्ले स्टोर पर भी मौजूद है और इसका नाम है हेल्दी स्माइल. एंड्राइड यूजर इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. डाउनलोड करने के बाद यहां दो भाषा दी गई है. आप हिंदी और अंग्रेजी में से किसी एक भाषा को चुन सकते हैं. ऐप पर रजिस्टर करने के लिए यूजर को अपना नाम फोन नंबर देना होगा. इसके बाद एक ओटीपी के साथ आप इस ऐप के रजिस्टर्ड सदस्य हो जाएंगे. जैसे आप इस ऐप को डाउनलोड करेंगे वैसे ही एम्स तक यह जानकारी पहुंच जाएगी कि एक नया यूजर इस ऐप का इस्तेमाल कर रहा है, जिसके बाद एम्स आपकी ब्रशिंग हैबिट और आपकी डेंटल हेल्थ को वहां से रेगुलेट कर सकेगा. साथ ही आप इस ऐप में ही ब्रशिंग टाइमर भी सेट कर सकते हैं और अगर आपने कोई अपॉइंटमेंट ली है तो आप अपनी अपॉइंटमेंट को यहां से फिक्स और रीशेड्यूल भी कर सकते हैं.