
Dengue vaccine
Dengue vaccine डेंगू दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है और 2024 में दुनियाभर में डेंगू के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए गए. WHO के आंकड़े बताते हैं कि 2000 में जहां दुनिया भर में 5.05 लाख डेंगू केस दर्ज हुए थे, वहीं 2024 आते-आते यह संख्या बढ़कर 1.46 करोड़ तक पहुंच गई. यानी 29 गुना से भी ज्यादा की बढ़ोतरी. बदलती जलवायु और बढ़ते तापमान ने एडीज मच्छरों को ऐसे नए इलाकों तक पहुंचा दिया है जहां पहले डेंगू लगभग न के बराबर था. इसी बढ़ते खतरे के बीच ब्राजील ने राहत भरा कदम उठाया है. ब्राजील की हेल्थ रेगुलेटरी एजेंसी ANVISA ने दुनिया की पहली सिंगल-डोज डेंगू वैक्सीन Butantan-DV को मंजूरी दे दी है.
12-59 वर्ष उम्र वालों को लग सकेगी यह वैक्सीन
ब्यूटान्टन इंस्टिट्यूट द्वारा बनाई गई इस वैक्सीन को 12 से 59 साल की उम्र के लोगों के लिए मंजूरी मिली है. यह वही एज ग्रुप है जिसमें डेंगू के मामले अक्सर ज्यादा सामने आते हैं. अब तक दुनिया भर में डेंगू के लिए केवल एक ही लाइसेंस्ड वैक्सीन TAK-003 उपलब्ध थी, जिसे दो डोज में लगाया जाता है और दोनों डोज के बीच तीन महीने का अंतर रखना पड़ता है.
क्लिनिकल ट्रायल में 91.6% प्रभावी रही वैक्सीन
ब्राजील के ब्यूटान्टन इंस्टिट्यूट ने इस सिंगल-डोज डेंगू वैक्सीन पर पूरे आठ साल तक रिसर्च की और इसे 16 हजार से ज्यादा लोगों पर टेस्ट किया गया. क्लिनिकल ट्रायल के दौरान यह वैक्सीन 91.6% प्रभावी साबित हुई. खासकर गंभीर डेंगू यानी सीवियर डेंगू को रोकने में इसका असर काफी अच्छा रहा.

ब्राजील में हर साल डेंगू के लाखों केस आते हैं. 2024 तो दुनिया भर के लिए सबसे बुरा साल साबित हुआ, जब WHO के आंकड़ों के मुताबिक 14.6 मिलियन से ज्यादा डेंगू के मामले सामने आए और करीब 12,000 मौतें हुईं. नई सिंगल-डोज वैक्सीन इसलिए भी बड़ी राहत है क्योंकि अब तक डेंगू के टीकाकरण में सबसे बड़ी चुनौती डबल डोज वाली वैक्सीन को समय पर लगवाना था.
क्या होता है डेंग?
डेंगू एडीज इजिप्टी नाम के मादा मच्छर के काटने से फैलने वाला एक वायरल संक्रमण है. यह मच्छर खासतौर पर उन जगहों पर पनपता है जहां साफ या गंदा पानी कई दिनों तक जमा रहता है जैसे कूलर, वॉश एरिया, सिंक, गमले या घर के आसपास पड़े कंटेनर. ग्लोबल आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में डेंगू के करीब 70% मामले सिर्फ एशिया में दर्ज होते हैं. भारत में भी यह बीमारी लगातार चुनौती बनी हुई है.
डेंगू क्यों खतरनाक है?
डेंगू को ब्रेकबोन फीवर भी कहा जाता है, क्योंकि इसके शरीर दर्द इतने तेज होते हैं कि लगता है जैसे हड्डियां टूट रही हों.
गंभीर केस में मरीज को इंटरनल ब्लीडिंग, प्लेटलेट गिरना, लिवर-गुर्दे पर असर जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है और कई बार यह जानलेवा भी साबित होता है.
WHO की सलाह- कैसे बचें डेंगू से?
डेंगू फैलाने वाले मच्छर दिन में काटते हैं, इसलिए सुरक्षा बेहद जरूरी है.
ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को अच्छी तरह से ढकें.
दिन में सोने पर मच्छरदानी जरूर लगाएं, खासतौर पर जिस पर रिपेलेंट छिड़का हो.
घर की खिड़कियों में नेट लगाएं.
DEET, Picaridin या IR3535 वाले मच्छर repellents का उपयोग करें.
घर में कॉइल और वेपोराइजर चलाएं.