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होम आइसोलेशन से जुड़ी ये सावधानियां अपनाकर जीत सकते हैं कोरोना से जंग

देश में कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ रही है.आंकड़े रॉकेट की रफ्तार से ऊपर जा रहे हैं. लेकिन राहत की बात ये है कि ज्यादातर मामलों में गंभीर लक्षण नहीं है. या तो मरीजों में कोई लक्षण ही नहीं है. या फिर हल्के लक्षण हैं. लिहाजा फिलहाल अस्पतालों में काफी कम संख्या में ही मरीज भर्ती हो रहे हैं.

Corona Corona
हाइलाइट्स
  • देश में लगातार बढ़ रही है कोरोना की रफ्तार

  • बीते कुछ दिनों में तेजी से उठा है कोरोना ग्राफ

Guidelines for Home Isolation of Covid Patients: एक ऐसा तरीका जो कोरोना के खिलाफ युद्ध में मजबूत कड़ी साबित हुआ है. ये वो तरीका जिसे अपनाकर कोरोना काल में देश के हेल्थ सिस्टम का बोझ कम किया जा सकता है. जी, हम बात कर रहे हैं होम आइसोलेशन की. होम आइसोलेशन में उन मरीजों को रखने की सलाह दी जाती जिनमें कोरोना वायरस के हल्के लक्षण हैं या कोई लक्षण नहीं है.

देश में कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ रही है.आंकड़े रॉकेट की रफ्तार से ऊपर जा रहे हैं. लेकिन राहत की बात ये है कि ज्यादातर मामलों में गंभीर लक्षण नहीं है. या तो मरीजों में कोई लक्षण ही नहीं है. या फिर हल्के लक्षण हैं. लिहाजा फिलहाल अस्पतालों में काफी कम संख्या में ही मरीज भर्ती हो रहे हैं.

देश के दो बड़े महानगरों में बीते कुछ दिनों में कोरोना ग्राफ तेजी से उठा है. लेकिन जितनी तादाद में केस आ रहे उसके अनुपात में अस्पताल में भर्तियां नहीं हुई है. मुंबई में तो 85 फीसदी मामले बिना लक्षण वाले हैं. मुंबई में पॉजिटिविटी रेट 30 फीसदी के करीब पहुंच गया है.

दिल्ली में यूं तो हर रोज हजारों केस आ रहे हैं. पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ज्यादा है. लेकिन अस्पताल में भर्ती मरीजों का आंकड़ा फिलहाल एक हजार के पार हुआ है. मतलब ये कि बड़ी संख्या में मरीज होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं.

भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में अगर मरीज होम आइसोलेशन में रह कर ठीक हो जाएं तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. क्योंकि आबादी के एक फीसदी मरीजों को भी अस्पाताल में भर्ती कराने की नौबत आई तो पूरा हेल्थ सिस्टम चरमरा जाएगा. ऐसे में हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन को एक विकल्प के तौर पर देखा जाता है. लेकिन इससे जुड़ी कुछ एहतियात भी जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

होम आइसोलेशन से जुड़ी सावधानियां:-

मरीज खुद को घर के दूसरे सदस्यों से दूर रखें.

एक ही कमरे में रहें.

कमरे में वेंटिलेशन अच्छा हो.

हाथों की सफाई का ध्यान रखें.

निजी सामान को दूसरों से अलग रखें.

होम आइसोलेशन वाले मरीजों को खुद से दवा से लेने से भी परहेज करना चाहिए. कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह पर ही लें.

कोरोना के खिलाफ जंग में होम आइसोलेशन एक अहम तरीका है. लिहाजा इसकी अहमियत को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी होम आइसोलेशन को लेकर कुछ नई गाइडलाइंस जारी की हैं.

होम आइसोलेशन पर केंद्र की गाइडलाइंस:-

हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों को पॉजिटिव होने पर होम आइसोलेशन में रह सकते हैं

ऐसे मरीजों को जिला या सब डिविजन लेवल के कंट्रोल रूम का नंबर दिया जाए

ऐसे मरीजों के घर में आइसोलेशन की सुविधा होनी चाहिए

वैक्सीन की दोनों डोज वाले परिजन देखभाल के लिए 24 घंटे मौजूद रहें

बुजुर्गों और अन्य बीमारी से पीड़ितों का डॉक्टर की सलाह ही होम आइसोलेशन हो

कोरोना के खिलाफ जंग में होम आइसोलेशन मजबूत कड़ी है. ये हेल्थ सिस्टम के दबाव को कम करता है. लेकिन ये तभी फायदेमंद साबित होगा, जब इससे जुड़ी सावधानियों और एहतियात का ख्याल रखा जाए. मरीज और उनके घरवाले जिम्मेदारी के साथ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें जिससे कि वायरस की चेन को फैलने से रोका जा सके.