
अकसर कहा जाता है कि गुस्सा करना सेहत के लिए सही नहीं है. कुछ लोग शायद इस बात को हल्के में लेते हैं, लेकिन शायद वह इसके पीछे के विज्ञान को नहीं जानते हैं. यहां तक कि कुछ स्टडी में यह बात सामने आई है कि किस प्रकार गुस्सा सेहत के लिए हानिकारक है. यहां तक कि अकसर ज्यादा गुस्सा करने से आपको हार्ट अटैक तक आ सकता है.
कैसे है दिल के सेहत के लिए हानिकारक
दरअसल गुस्सा करना एक इमोशनल है. जब किसी को गुस्सा आता है तो उसके हार्ट रेट काफी बढ़ जाता है, बीपी ऊपर चला जाता है, स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाते हैं. गुस्से कि स्थिति में यह सब शरीर में बढ़ी मात्रा में होता है.
बता दें कि यह सभी चीज़ दिल की सेहत को काफी प्रभावित करती है. बीपी और हार्ट रेट दिल की सेहत के लिए काफी बड़े फैक्टर होते हैं. वहीं स्ट्रेस हार्मोन के कारण दिमाग पर भी प्रेशर ज्यादा बढ़ जाता है.
क्यों होती है ऐसी स्थिति पैदा
दरअसल इंसान की प्रवृत्ति है कि जब भी उसे गुस्सा आता है तो वह उसके लिए 'लड़ो या मरो' स्थिति पैदा करती है. लड़ो या मरो वाली स्थिति पुराने ज़माने से उसके साथ चली आ रही है. लेकिन जब इंसान के अंदर यह भाव अकसर ज्यादा आने लगे तो यह उसके दिल के ऊपर काफी गहरा असर डालता है. इससे उसकी धमनियों पर गहरा असर पड़ता है. जो हार्ट अटैक जैसी स्थिति पैदा कर सकती हैं.
क्या कहती है स्टडी
गुस्सा और सेहत के बीच रिश्ता केवल कहावत नहीं, बल्कि विज्ञान भी इस मुद्दे को मानता है. 2014 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार गुस्सा आने के 2 घंटे के भीतर हार्ट अटैक आने का खतरा काफी होता है. यह स्टडी यूरोपियन हार्ट जनरल में पब्लिश की गई थी.
वहीं 2015 की एक हावर्ड स्टडी के अनुसार लोगों द्वारा बार-बार गुस्सा करने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. और खास तौर पर उन लोगों के लिए जिनकी सेहत लाइफस्टाइल के कारण बिगड़ती हुई हो. यहां तक की गुस्से के छोटे-छोटे एपिसोड भी दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.
क्या केवल गुस्सा ही कारक है?
दरअसल हार्ट अटैक के लिए गुस्से को कारक नहीं बनाया जा सकता. असल में किसी के द्वारा बार-बार गुस्सा करने की आदत हार्ट अटैक के लिए कारक बन सकती है. विशेष तौर पर उन लोगों के लिए जो पहले से ही कॉलेस्ट्रॉल, बीपी और मोटापे जैसी बीमारियों के शिकार हैं.