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इतने घंटे से ज्यादा या कम सोते हैं तो हो जाएं सावधान! स्टडी में हुआ खुलासा

आप अगर जरूरत से ज्यादा नींद लेते हैं या जरूरत से कम लेते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है. अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त नींद बेहद जरूरी है. लेकिन पर्याप्त कितने घण्टे को माना जाए इसको लेकर स्टडी की गई है. चलिए जानते हैं स्टडी में क्या कहा गया है.

सांकेतिक तस्वीर/bruce mars/unsplash सांकेतिक तस्वीर/bruce mars/unsplash
हाइलाइट्स
  • कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और चीन के फुडन यूनिवर्सिटी ने किया स्टडी

  • स्टडी में 5 लाख व्यक्ति थे शामिल

अगर आप अच्छा स्वास्थ्य पाना चाहते हैं तो हर रोज आपको अच्छी नींद की जरूरत पड़ेगी. लेकिन सवाल है कि अच्छी नींद से मतलब कितने घंटे से है. लोगों के मन में सोने को लेकर कई सवाल उठते हैं. जैसे कि एक व्यक्ति कितने घंटे सोए तो वह अपने सेहत को ठीक रख सकता है, उम्र के हिसाब से किसको कितनी देर सोना चाहिए. बहुत सारे सवाल एक साथ मन में आते हैं. अगर हम अपने आसपास देखें तो कुछ लोग बहुत ज्यादा देर तक सोते हैं तो कुछ लोग बहुत कम सोते हैं. कम या ज्यादा सोने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं. अधिकांश लोगों को यह पता ही नहीं है कि सेहत को ठीक रखने के लिए कितने घंटे सोना है. हाल में एक स्टडी हुई है, उसके आधार पर आपको बताते हैं कि कितने घंटे सोना सेहत के लिए फायदेमंद रहेगा.

कम या ज्यादा सोने वालों में डिप्रेशन के लक्षण थे

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और चीन में फुडन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक शोध किया है. उनके अनुसार कम या ज्यादा नींद लेना सोचने की क्षमता के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. यह स्टडी 5 लाख व्यक्तियों पर किया गया. स्टडी में शामिल लोगों से कई तरह के सवाल पूछे गए. जैसे आप कब सोते हैं, कितने देर सोते हैं, मानसिक स्वास्थ्य कैसा है आदि. आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि जिन लोगों ने कम सोना या ज्यादा सोना बताया उनमें चिंता और डिप्रेशन के लक्षण थे. बता दें कि यह शोध 38 से 73 वर्ष की आयु वाले लोगों के बीच किया गया था.

इतने घंटे की नींद स्वास्थ्य के लिए है ठीक 

फुडन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जियानफेंग फेंग कहते हैं कि हम अंतिम रूप से यह नहीं कह सकते कि बहुत कम या बहुत अधिक नींद लेना, सोचने की क्षमता को प्रभावित करता है. इसके लिए हमें लंबे समय तक व्यक्तियों पर शोध करना होगा. उसके बाद ही हम पूरी तरह से इस पर कुछ कह पाएंगे.  शोधकर्ताओं के अनुसार शोध का परिणाम बताता है कि ज्यादा उम्र के लोग कम या ज्यादा नींद लेते हैं तो सोचने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है. शोध में प्रति रात सात घंटे की नींद को स्वास्थ्य के लिए ठीक पाया गया.