
क्या आप भी ऑर्गेनिक सब्जियों और फलों के पीछे भागते हैं, सोचते हैं कि आपकी थाली में सिर्फ शुद्ध और केमिकल-फ्री खाना है? लेकिन रुकिए! क्या आप वाकई ऑर्गेनिक खा रहे हैं, या बस चमकदार पैकिंग और “ऑर्गेनिक” लिखे लेबल के जाल में फंसकर अपनी जेब ढीली कर रहे हैं? आजकल बाजार में हर दूसरा ब्रांड दावा करता है कि उसका प्रोडक्ट 100% ऑर्गेनिक है, लेकिन क्या ये सच है? न्यूट्रिशनिस्ट राशि चौधरी ने हाल ही में एक वायरल इंस्टाग्राम वीडियो में खुलासा किया कि कैसे आप फर्जी ऑर्गेनिक ब्रांड्स से बच सकते हैं और असली ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की पहचान कर सकते हैं.
ऑर्गेनिक का लेबल सच है या धोखा?
ऑर्गेनिक खेती का क्रेज पूरी दुनिया में छाया हुआ है, और भारत भी इससे अछूता नहीं. लेकिन बाजार में हर ब्रांड जो “ऑर्गेनिक” का टैग लगाता है, वो जरूरी नहीं कि शुद्ध हो. राशि चौधरी ने अपने वीडियो में साफ कहा, “सिर्फ ऑर्गेनिक लिखा होने से प्रोडक्ट साफ नहीं हो जाता. असली ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को सख्त जांच से गुजरना पड़ता है. तभी उन्हें ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन मिलता है.” तो सवाल ये है कि आप कैसे जानें कि जो आप खरीद रहे हैं, वो फर्जी तो नहीं?
तीन लोगो जो बताएंगे सच
राशि ने भारत में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की पहचान के लिए तीन लोगो पर ध्यान देने की सलाह दी है, ये लोगो भारत सरकार द्वारा प्रमाणित होते हैं और इन्हें देखकर आप निश्चिंत हो सकते हैं कि प्रोडक्ट असली ऑर्गेनिक है, ये हैं:
राशि का कहना है, “अगर आप भारत में हैं, तो फर्जी ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के लिए पैसे बर्बाद करना बंद करें. पैकिंग पर इन तीन लोगो में से कोई एक जरूर देखें. ये लोगो बताते हैं कि प्रोडक्ट को सरकार ने वेरिफाई किया है.”
ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की सख्त जांच
राशि ने बताया कि असली ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को सर्टिफिकेशन मिलने से पहले कई सख्त जांचों से गुजरना पड़ता है, ये हैं वो मानक:
1. केमिकल-फ्री खेती: फसल को बिना सिंथेटिक कीटनाशकों, जीएमओ बीजों या रासायनिक उर्वरकों के उगाया जाना चाहिए.
2. पैकिंग और प्रोसेसिंग: प्रोडक्ट की पैकेजिंग और प्रोसेसिंग भी ऑर्गेनिक मानकों के अनुसार होनी चाहिए.
3. सर्टिफिकेशन लोगो: अगर प्रोडक्ट इन सभी मानकों पर खरा उतरता है, तो पैकिंग पर उपरोक्त तीन लोगो में से कोई एक जरूर होगा.
अगर आप इम्पोर्टेड ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स खरीद रहे हैं, तो राशि की सलाह है कि USDA ऑर्गेनिक लेबल जरूर चेक करें. ये लोगो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की शुद्धता की गारंटी देता है.
ग्रीनवॉशिंग से सावधान!
राशि ने “ग्रीनवॉशिंग” का जिक्र करते हुए चेतावनी दी, ग्रीनवॉशिंग यानी ब्रांड्स का झूठा दावा करना कि उनका प्रोडक्ट ऑर्गेनिक है, ताकि वो ज्यादा कीमत वसूल सकें. वो कहती हैं, “फर्जी ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के लिए प्रीमियम कीमत न दें, पैकिंग पर लोगो चेक करें और ठगी से बचें.”
बता दें, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं. केमिकल-मुक्त खेती से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है. पानी प्रदूषित नहीं होता और जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है, लेकिन अगर आप फर्जी ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स खरीद रहे हैं, तो न तो आपको स्वास्थ्य लाभ मिलेगा और न ही आप पर्यावरण की मदद कर पाएंगे. साथ ही, आपकी मेहनत की कमाई भी बर्बाद होगी.
तो अब क्या करें?
अगली बार जब आप ऑर्गेनिक सब्जियां, अनाज या अन्य प्रोडक्ट्स खरीदने जाएं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें. जैसे- पैकिंग पर जैविक भारत, इंडिया ऑर्गेनिक या पीसीएस-इंडिया ग्रीन लोगो जरूर देखें, अगर इम्पोर्टेड प्रोडक्ट है, तो USDA ऑर्गेनिक लेबल चेक करें, भरोसेमंद ब्रांड्स जैसे ऑर्गेनिक इंडिया, 24 मंत्रा ऑर्गेनिक आदि चुनें और “ऑर्गेनिक” लिखे होने पर आंख बंद करके भरोसा न करें.