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Office Tension Tricks: ऑफिस में तनाव कम करने और खुश रहने के 6 आसान तरीके, जानें क्या है वो?

कार्यस्थल का माहौल हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है. जानें कैसे छोटी-छोटी आदतें जैसे सीमाएँ तय करना, सकारात्मक रिश्ते बनाना और खुद को प्राथमिकता देना ऑफिस में तनाव घटाकर उत्पादकता और खुशी बढ़ा सकती हैं.

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स्वास्थ्य केवल शरीर से जुड़ा नहीं है, बल्कि मन की स्थिति भी उतनी ही अहम भूमिका निभाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनिया की लगभग 60% आबादी कामकाजी है. चूंकि हम अपने जीवन का बड़ा हिस्सा ऑफिस में बिताते हैं, इसलिए वहां का माहौल सीधे हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.

सकारात्मक बनाम नकारात्मक माहौल
एक सकारात्मक कार्यस्थल हमारी प्रोडक्टिविटी, संतुष्टता और खुश महसूस कराता है. वहीं नकारात्मक माहौल, जैसे भेदभाव, असमानता, अत्यधिक कार्यभार, असुरक्षा की भावना और काम पर नियंत्रण की कमी मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित होते हैं.

जिम्मेदारी सिर्फ नियोक्ता की नहीं
ऑफिस में स्वस्थ और स्वागतपूर्ण माहौल बनाना केवल नियोक्ता की ही जिम्मेदारी नहीं है. कर्मचारियों का व्यवहार, सहभागिता और एक-दूसरे से संबंध भी कार्यसंस्कृति को आकार देते हैं. हम कैसे काम पर उपस्थित होते हैं और दूसरों के साथ जुड़ते हैं, यह सब हमारे और टीम दोनों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है.

स्वस्थ आदतें कैसे बनाएं?
नई सीमाएं तय करना और नई आदतें अपनाना समय लेता है. लेकिन छोटी और लगातार कोशिशें बड़ा बदलाव ला सकती हैं. अमेरिकन सायकोलॉजिकल एसोसिएशन (APA) के अनुसार, रूटीन और सीमाएं बर्नआउट और तनाव को कम करने में मददगार होती हैं.

कैसे रखे स्वास्थ्य बेहतर

  • नियमित ब्रेक लें, पर्याप्त नींद लें और संतुलित आहार बनाए रखें. ये बुनियादी बातें आपको ऊर्जा, फोकस और लचीलापन देती हैं.
  • हर काम को 'हां' कहकर खुद को बोझिल न करें. ज़रूरत पड़ने पर विनम्रता से इनकार करना सीखें. यह आपकी ऊर्जा बचाता है और बर्नआउट से दूर रखता है.
  • सकारात्मक रिश्ते तनाव घटाते हैं और काम में संतुष्टि बढ़ाते हैं.
  • समय पर काम पूरा करने की कोशिश करें और आफ्टर-ऑफिस ईमेल से बचें. इससे काम और जीवन का संतुलन बेहतर होता है और खुशी बढ़ती है.
  • अगर काम से बोझिल महसूस हो रहा हो, तो मैनेजर, एचआर या अन्य संसाधनों से सहयोग लें. यह आपको अधिक उत्पादक और तनावमुक्त बनाता है.
  • लैपटॉप बंद करना, टहलना या कोई और रूटीन अपनाना दिमाग को संकेत देता है कि काम का दिन खत्म हो गया है. इससे आप आराम कर पाते हैं और व्यक्तिगत जीवन का आनंद ले सकते हैं.