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Ideal Weight for Your Height: आपकी लंबाई के हिसाब से सही वज़न क्या है? क्या सिर्फ BMI जानना काफी है?

BMI वज़न (किलो) को लंबाई (मीटर में) के वर्ग से भाग देकर निकाला जाता है. लेकिन BMI की एक बड़ी कमी है- यह शरीर में मांसपेशियों और चर्बी के बीच फर्क नहीं करता.

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अक्सर लोग यह समझने में उलझ जाते हैं कि उनकी लंबाई के हिसाब से उनका सही वज़न कितना होना चाहिए. लंबे समय से BMI (Body Mass Index) को इसका मापदंड माना जाता है. BMI वज़न (किलो) को लंबाई (मीटर में) के वर्ग से भाग देकर निकाला जाता है. लेकिन BMI की एक बड़ी कमी है- यह शरीर में मांसपेशियों और चर्बी के बीच फर्क नहीं करता.

उदाहरण के लिए किसी खिलाड़ी का BMI ज़्यादा हो सकता है, लेकिन उसका शरीर में फैट कम होता है. वहीं, किसी का BMI सामान्य हो सकता है, लेकिन पेट पर ज़्यादा चर्बी होने से उसका स्वास्थ्य जोखिम में रह सकता है.

BMI से आगे क्यों देखना ज़रूरी है
शोध बताते हैं कि सिर्फ BMI पर निर्भर रहना सही नहीं है. इससे हृदय रोग, डायबिटीज़ और अन्य बीमारियों का खतरा पूरी तरह सामने नहीं आता. इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि BMI को सिर्फ एक शुरुआती पैमाना मानें और अन्य मापदंडों को भी ध्यान में रखें.

आदर्श वज़न जानने के दूसरे तरीके

BMI के साथ-साथ ये माप भी ज़रूरी हैं:

  • कमर का नाप: पेट की चर्बी दिल की बीमारियों और डायबिटीज़ से जुड़ी होती है.
  • कमर-कूल्हा अनुपात: कमर और कूल्हे का तुलना करना बताता है कि शरीर में फैट कैसे जमा है.
  • बॉडी फैट प्रतिशत: यह असली फैट और मांसपेशियों का अनुपात बताता है.
  • ABSI (A Body Shape Index): एक नया तरीका जो कमर और BMI दोनों को मिलाकर स्वास्थ्य का अंदाज़ा देता है.

अलग-अलग लंबाई पर सामान्य वज़न की सीमा
हालांकि, जीवनशैली और जेनेटिक्स भी असर डालते हैं, फिर भी लंबाई के अनुसार एक सामान्य रेंज मानी जाती है:

  • 5’2” (157 सेमी) → 47–61 किलो
  • 5’6” (167 सेमी) → 53–68 किलो
  • 5’10” (178 सेमी) → 60–79 किलो

लेकिन ध्यान रहे कि यह सिर्फ अनुमान है. मांसपेशियों की मात्रा, शरीर की बनावट और स्वास्थ्य स्थिति के हिसाब से यह बदल सकता है.

लाइफस्टाइल के असर
आपका वज़न सिर्फ लंबाई से तय नहीं होता. ये चीजें भी अहम भूमिका निभाती हैं:

  • खानपान: प्रोटीन, फाइबर और अच्छे फैट से भरपूर संतुलित आहार सही बॉडी कंपोज़िशन बनाए रखता है.
  • व्यायाम: नियमित एक्सरसाइज़ मेटाबॉलिज़्म को बेहतर रखती है.
  • नींद और तनाव: नींद की कमी और तनाव वज़न बढ़ा सकते हैं.
  • हार्मोन और जेनेटिक्स: शरीर की संरचना और वजन बढ़ने या घटने की प्रवृत्ति पर गहरा असर डालते हैं.

कब लें एक्सपर्ट की मदद
अगर आपको समझ नहीं आ रहा कि आपका आदर्श वज़न कितना होना चाहिए, तो डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें. वे आपकी बॉडी कंपोज़िशन, खानपान और जीवनशैली देखकर आपके लिए सही योजना बना सकते हैं. इससे लंबे समय तक सही वज़न बनाए रखना आसान होता है. छुपी हुई स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान होता है.

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