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अकेले रहने वाले हो जाएं सावधान, डिमेंशिया के हो सकते हैं शिकार

एक अध्ययन में सामने आया है कि ज्यादा अकेले रहने वाले लोगों में डिमेंशिया का सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है. डेमेंशिया में मस्तिष्क में तंत्रिका कोशियाओं को नुकसान होता है. इसमें स्मृति, सोच और सामाजिक क्षमताओं को प्रभावित करने वाले लक्षणों को देखा जाता है.

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एक अध्ययन में सामने आया है कि ज्यादा अकेले रहने वाले लोगों में डिमेंशिया का सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है. WHO के मुताबिक दुनियाभर में चार करोड़ से अधिक लोग डिमेंशिया बीमारी से पीड़ित हैं. यह रोग एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट को बढ़ा रहा है. अब वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि अकेलापन डिमेंशिया के खतरे को बढ़ा सकता है.

अध्ययन में जोखिम कारकों में धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीना, खराब नींद और व्यायाम की कमी शामिल है. इसमें वैज्ञानिकों ने करीब 5 लाख से अधिक प्रतिभागियों पर अध्ययन करके डाटा एकत्रित किया. शोध पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित हुआ. भारत में लगभग 40 लाख से अधिक लोगों में डिमेंशिया रोग मौजूद है.

शोधकर्ताओं के मुताबिक, धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीना, खराब नींद आदतों वाले लोगों में एकाकी होने और सामाजिक समर्थन की कमी होने की संभावना अधिक थी. प्रतिभागियों से अकेलेपन, सामाजिक संपर्क के बारे में सवाल पूछे गए. देखा गया कि जिन लोगों ने व्यायाम को शामिल किया उनमें अकेलापन की 20.1 प्रतिशत की कमी हुई. वहीं खराब सामाजिक संपर्क से डिमेंशिया का खतरा 26.9 प्रतिशत दर्ज किया गया.

डेमेंशिया से बचने के तरीके
डेमेंशिया में मस्तिष्क में तंत्रिका कोशियाओं को नुकसान होता है. इसमें स्मृति, सोच और सामाजिक क्षमताओं को प्रभावित करने वाले लक्षणों को देखा जाता है. डेमेंशिया के जोखिम से बचे रहने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना सबसे आवश्यक माना जाता है. ऐसी आदतें आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं.

  • फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन मीट और कम वसा वाले दूध और पनीर आदि का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है. 
  • यदि आपका भी वजन अधिक है तो स्वस्थ आहार लें और वजन कम करने के लिए व्यायाम करें.
  • धूम्रपान करने से बचें.
  • सिर के आघात (चोटों) और प्रदूषित वातावरण में न रहें.
  • सोने और जागने का समय निर्धारित करें. 
  • रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम जरूर करें.