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रिसर्च: भारत में 2025 तक 7 गुना बढ़ जाएंगे लंग कैंसर के मामले, किन लोगों को होता है इसका खतरा, क्या है इलाज और बचाव के उपाय

lung cancer cases in india: अध्ययन के प्रमुख लेखक और आईसीएमआर के राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान केंद्र के निदेशक प्रशांत माथुर का कहना है कि 75% मामलों में फेफड़ों के कैंसर का पता स्टेज -3 और स्टेज -4 में ही चलता है, जिसके परिणाम स्वरूप मृत्यु दर अधिक होती है.

 लंग कैंसर लंग कैंसर
हाइलाइट्स
  • 75% मामलों में फेफड़ों के कैंसर का पता स्टेज -3 और स्टेज -4 में ही चलता है.

  • भारत में तेज़ी से बढ़ रहे हैं कैंसर के मामले

  • तंबाकू कैंसर के लिए जिम्मेदार कारकों में सबसे अहम है

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भारत में लंग कैंसर के बढ़ते मामलों पर अपनी रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अगले सात सालों में लंग कैंसर के मामलों की संख्या में 7 फीसदी की बढ़त होगी. लंग कैंसर में लगभग 45% रोगियों को इसके बारे में तब पता चलता है जब यह शरीर के अन्य भागों में फैल चुका होता है.

7 गुना बढ़ जाएंगे लंग कैंसर के मामले

अध्ययन के प्रमुख लेखक और आईसीएमआर के राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान केंद्र के निदेशक प्रशांत माथुर का कहना है कि 75% मामलों में फेफड़ों के कैंसर का पता स्टेज -3 और स्टेज -4 में ही चलता है, जिसके परिणाम स्वरूप मृत्यु दर अधिक होती है. प्रशांत माथुर की टीम ने 28 जनसंख्या-आधारित और 58 अस्पताल-आधारित कैंसर रजिस्ट्रियों से कैंसर डेटा लिया, जिसमें उन्हें 2012 और 2016 के बीच लंग कैंसर के 22,645 रोगी मिले. अगर आंकड़े इसी तरह के रहे तो 2025 तक लंग कैंसर के रोगियों की संख्या 1.61 लाख से अधिक हो जाएगी. फेफड़े के कैंसर में जीवित रहने की दर का कम रहने के पीछे देरी से पता लगना एक बड़ा कारण है. लंग कैंसर दो प्रकार के होते हैं- स्मॉल सेल कैंसर और नॉन स्मॉल सेल कैंसर.

लंग कैंसर के शुरूआती लक्षण 

  • सीने में दर्द

  • तीन हफ्तों से अधिक खांसी

  • सीढ़ियां चढ़ने उतरने में सांस फूलना

  • बलगम में खून आना

  • वजन का लगातार कम होना

लंग कैंसर के कारण

फेफड़े के कैंसर के अधिकांश मामले धूम्रपान से संबंधित होते हैं, हालांकि कई मामलों में यह प्रदूषण और जेनेटिक यानी अनुवांशिक भी हो सकता है. लंग कैंसर के 40 फीसदी ऐसे मामले हैं जो टोबैको रिलेटेड कैंसर (टीआरसी) यानी तंबाकू के सेवन की वजह से होते हैं. तंबाकू कैंसर के लिए जिम्मेदार कारकों में सबसे अहम है.

लंग कैंसर से बचाव और इलाज

कैंसर दुनिया की उन खतरनाक बीमारियों में से है, जिसे लेकर लोगों में बहुत डर है. कैंसर के इलाज के दौरान होने वाले साइड इफेक्ट से लोग डरते हैं. हालांकि लंग कैंसर की स्थिति के आधार पर रेडिएशन थेरपी, कीमोथेरेपी और सर्जरी की मदद से कैंसर का इलाज किया जाता है. कैंसर का जितनी जल्दी पकड़ में आ जाए मरीज के बचने के चांस उतने ही ज्यादा होते हैं. धूम्रपान दूरी, पौष्टिक आहार, योग व्यायाम, प्रदूषण से दूरी, विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से लंग कैंसर के रिस्क को कम किया जा सकता है.