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राहत की खबर: सितंबर से एक के नीचे बनी हुई है देश की R Value

रिप्रोडक्शन संख्या या आर यह दर्शाता है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित करता है. दूसरे शब्दों में कहें तो यह बताता है कि एक वायरस कितनी 'कुशलतापूर्वक' फैल रहा है. 1 से कम R-value का मतलब है कि बीमारी धीरे-धीरे फैल रही है.

1 से कम R-value का मतलब है कि बीमारी धीरे-धीरे फैल रही है 1 से कम R-value का मतलब है कि बीमारी धीरे-धीरे फैल रही है
हाइलाइट्स
  • 1 से कम R-value का मतलब है कि बीमारी धीरे-धीरे फैल रही है

  • संख्या 1 से जितनी बड़ी होगी, आबादी में बीमारी के फैलने की दर उतनी ही तेज होगी

भारत में कोरोना के आंकड़ों में लगातार कमी देखने को मिल रही है. ऐसे में एक अध्ययन के अनुसार पता चला है कि भारत का आर-वैल्यू सितंबर से 1 से नीचे बना हुआ है. दरअसल आर-वैल्यू कोरोनामहामारी की रफ्तार को दर्शाता है. इस अध्ययन में ऐसा देखा गया है कि भारत में कोरोना की दर लगातार दर घट रही है.

क्या है R-value का मतलब?
रिप्रोडक्शन संख्या या आर यह दर्शाता है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित करता है. दूसरे शब्दों में कहें तो यह बताता है कि एक वायरस कितनी 'कुशलतापूर्वक' फैल रहा है. 1 से कम R-value का मतलब है कि बीमारी धीरे-धीरे फैल रही है. यदि ये मान एक से अधिक होता है, तो इसका मतलब ये है संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है- तकनीकी रूप से, इसे ही महामारी चरण कहा जाता है. संख्या 1 से जितनी बड़ी होगी, आबादी में बीमारी के फैलने की दर उतनी ही तेज होगी.

गणितीय विज्ञान संस्थान का शोध
चेन्नई स्थित गणितीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं द्वारा निकाले आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक सक्रिय मामलों वाले शीर्ष 10 राज्यों का आर-मूल्य 1 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक नीचे था. हालांकि, कुछ शहरों में सक्रिय मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अनुसंधान का नेतृत्व कर रही सीताभरा सिन्हा का कहना है कि दुर्गा पूजा के दौरान सामूहिक समारोहों को देखते हुए कोलकाता का आर-मूल्य 1 से अधिक है, जो कि आश्चर्यजनक है. बेंगलुरु का भी आर-वैल्यू 1 से अधिक है, जो की यह सितंबर के मध्य से ऐसा ही रहा है. जबकि चेन्नई, पुणे और मुंबई के आर-वैल्यू 1 से ठीक नीचे हैं.

सितंबर से लगातार गिर रही है R-value
25 सितंबर और 18 अक्टूबर के बीच की गई गणना के हिसाब से देश की आर-वैल्यू 0.90 थी. 30 अगस्त से 3 सितंबर के बीच वो वैल्यू बढ़कर 1.11 पहुंच गई. तब से इसमें गिरावट शुरू हो गई. अध्ययन के अनुसार, आर-वैल्यू 4 सितंबर से 7 सितंबर के बीच 0.94, 11 से 15 सितंबर के बीच 0.86, 14 से 19 सितंबर के बीच 0.92 और 17 से 21 सितंबर के बीच 0.87 थी. इस साल मार्च से मई के बीच कोरोना वायरस की दूसरी भयानक लहर के बाद, दैनिक कोरोना मामलों में गिरावट आई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को भारत ने 13,058 नए कोरोनावायरस संक्रमण दर्ज किए, जो 231 दिनों में सबसे कम है. 

कोरोना के आंकड़ों में आई गिरावट
नए कोरोनावायरस संक्रमणों में दैनिक वृद्धि 25 दिनों से 30,000 से नीचे रही है और अब लगातार 114 दिनों में 50,000 से कम नए दैनिक मामले सामने आए हैं. मंत्रालय का कहना है कि सक्रिय मामलों में कुल संक्रमण का 0.54 प्रतिशत शामिल है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है. जबकि भारत में कोरोना का रिकवरी दर 98.14 प्रतिशत दर्ज किया गया है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है.