
डोनाल्ड ट्रंप की पहली पत्नी इवाना ट्रंप का निधन हो गया है. न्यूयॉर्क के अपर ईस्ट साइड के घर में इवाना का निधन हुआ. ट्रंप ने इवान को एक अद्भुत और सुंदर महिला बताया. उनको प्रेरणा देने वाला बताया. 73 साल की इवाना ट्रंप की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है.
कई बार ऐसा होता है कि लोग कार्डियक अरेस्ट को हार्ट अटैक समझ लेते हैं. लेकिन इसमें बहुत बड़ा अंतर है. दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक तब होता है जब दिल की धमनियों में खून के बहाव में रुकावट आती है. जबकि अचानक कार्डियक अरेस्ट में हार्ट काम करना बंद कर देता है. हार्ट अटैक एक सर्कुलेशन समस्या है, जबकि अचानक कार्डियक अरेस्ट इलेक्ट्रिकल समस्या है.
क्या है हार्ट अटैक-
दिल का दौरा तब पड़ता है जब ब्लॉक धमनियां ऑक्सीजन वाले खून को हार्ट के एक हिस्से में पहुंचने से रोकती है. अगर ब्लॉक धमनी को जल्दी से दोबारा नहीं खोला जाता है तो हार्ट का वो हिस्सा मरने लगता है. हार्ट अटैक के दौरान मरीज को इलाज मिलने में जितनी देर होगी, खतरा उतना ही बढ़ता जाता है.
हार्ट अटैक के लक्षण धीरे-धीरे शुरू होते हैं. दिल का दौरा पड़ने से कुछ घंटे पहले या हफ्तों पहले से इसके लक्षण दिखने लगते हैं. अचानक कार्डियक अरेस्ट की तरह हार्ट अटैक में दिल काम करना बंद नहीं करता है. महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से अलग हो सकते हैं.
कार्डियक अरेस्ट क्या है-
कार्डियक अरेस्ट में सबकुछ अचानक होता है. इसके कोई लक्षण नहीं दिखते हैं. इसकी शुरुआत दिल में इलेक्ट्रिकल खराबी से होती है, जिसकी वजह से दिल का धड़कना अनियमित हो जाता है. पंपिंग फंक्शन अवरुद्ध होने की वजह से ब्रेन, ह्दय, फेफड़े और दूसरे अंगों को खून पंप नहीं हो पाता है. अचानक कार्डियक अरेस्ट के दौरान मरीज कुछ सेकंड्स में होश खो देता है. उसकी पल्स बंद हो जाती है. अगर फौरन इलाज नहीं मिला तो कुछ मिनटों में मरीज की मौत हो जाती है.
क्या है दोनों में संबंध-
दोनों हार्ट से जुड़ी बीमारी हैं. दिल का दौरा पड़ने के बाद या इलाज के दौरान अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है. दिल का दौरा पकड़ने के बाद अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन हमेशा दिल का दौरा पड़ने पर कार्डियक अरेस्ट नहीं होता है. लेकिन जब अचानक कार्डियक अरेस्ट होता है तो इसका कारण हार्ट अटैक होता है. हार्ट की दूसरी कंडीशन भी धड़कनों को बाधित कर सकती है, जो अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकती है. इसमें कार्डियोमायोपैथी, हार्ट फेल होना, वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन और लंबे क्यू-टी सिंड्रोम शामिल हैं.
दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें-
दिल का दौरा पड़ने और कार्डियक अरेस्ट में जितनी जल्दी इलाज मिलेगा, मरीज की जान बचने की उम्मीद उतनी ही ज्यादा होगी. अगर किसी को दिल का दौरा पड़ा है और आपको हर मिनट महत्वपूर्ण है. फौरन मरीज को अस्पातल ले जाना चाहिए और इमरजेंसी में इलाज कराना चाहिए. अगर एंबुलेंस की सुविधा मिल जाए तो और भी बेहतर होगा. एंबुलेंस में इमरजेंसी इलाज की सुविधा होती है.
अचानक कार्डियक अरेस्ट पर क्या करें-
अचानक कार्डियक अरेस्ट की हालत में कुछ मिनटों में इलाज कर दिया जाए तो मरीज की जान बचने की उम्मीद रहती है. फौरन आपातकालीन सेवा के लिए कॉल करना चाहिए. तुरंत सीपीआर देना चाहिए. अगर कोई अचानक बेहोश होकर गिर जाता है और उसकी पल्स गिर रही है तो इसका मतलब है कि उसको कार्डिय अरेस्ट आया है. इस हालत में फौरन सीपीआर देकर मरीज का जान बचाई जा सकती है.
कार्डियक अरेस्ट में मौत होने की आशंका ज्यादा होती है. अमेरिका में हर साल तीन लाख 20 हजार से ज्यादा लोग कार्डियक अरेस्ट के शिकार होते हैं. वक्त पर सीपीआर देने से मरीज के जिंदा रहने की संभावना दो से तीन गुना बढ़ जाती है.
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से बचाव के उपाय-
कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए खुद को सेहतमंद रखना जरूरी है. इसके लिए एक्सरसाइज पर ध्यान देना जरूरी है. चलिए आपको बताते हैं कि कार्डिएट अरेस्ट से बचने के लिए क्या करना चाहिए.
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