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Kanpur Hair Transplant: कानपुर में इंजीनियर की मौत के बाद हेयर ट्रांसप्लांट पर उठे सवाल, नोएडा के एक्सपर्ट ने बताया कितना सेफ है

डॉ. निशांत ने बताया कि अगर ये प्रक्रिया एक योग्य और अनुभवी सर्जन द्वारा, सभी मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए की जाए, तो यह बिल्कुल सुरक्षित और सफल होती है. मगर समस्या तब शुरू होती है जब लोग सिर्फ कम खर्च और जल्दी रिजल्ट के चक्कर में अप्रशिक्षित क्लिनिक का रुख करते हैं.

Hair Transplant Risks (Representative Image/Unsplash) Hair Transplant Risks (Representative Image/Unsplash)

 

कानपुर में एक इंजीनियर की हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान संदिग्ध मौत के बाद पूरे देश में इस कॉस्मेटिक प्रक्रिया को लेकर चिंता और बहस तेज हो गई है. खासकर दिल्ली-एनसीआर और नोएडा जैसे क्षेत्रों में, जहां हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक की संख्या लगातार बढ़ रही है, लोग अब यह पूछने लगे हैं- क्या हेयर ट्रांसप्लांट वाकई सुरक्षित है?

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इसी सवाल का जवाब जानने के लिए हमने बात की नोएडा के वरिष्ठ हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन और ट्राइकोलॉजिस्ट डॉ. निशांत से. उन्होंने न सिर्फ इस प्रक्रिया की बारीकियों को समझाया, बल्कि यह भी बताया कि किन बातों का ध्यान न रखा जाए तो जानलेवा खतरा हो सकता है.

हेयर ट्रांसप्लांट क्या है और कैसे किया जाता है?
डॉ. निशांत बताते हैं, "हेयर ट्रांसप्लांट एक माइक्रो-सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें मरीज के अपने ही सिर के पिछले हिस्से से बाल निकालकर उन्हें गंजे या कम बालों वाले हिस्से में ट्रांसप्लांट किया जाता है. इसके दो प्रमुख तरीके हैं- FUT (Follicular Unit Transplantation) और FUE (Follicular Unit Extraction)."

जहां FUT को अब पुरानी तकनीक माना जाता है, वहीं FUE एक ज्यादा एडवांस, कम दर्दनाक और जल्दी रिकवरी देने वाली तकनीक है. इस प्रक्रिया में जनरल एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होती, बल्कि लोकल एनेस्थीसिया से ही काम हो जाता है.

क्या यह प्रक्रिया सुरक्षित है?
डॉ. निशांत ने बताया, "अगर ये प्रक्रिया एक योग्य और अनुभवी सर्जन द्वारा, सभी मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए की जाए, तो यह बिल्कुल सुरक्षित और सफल होती है. मगर समस्या तब शुरू होती है जब लोग सिर्फ कम खर्च और जल्दी रिजल्ट के चक्कर में अप्रशिक्षित क्लिनिक का रुख करते हैं."

कानपुर की घटना से क्या सबक लेना चाहिए?
कानपुर की घटना को "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए डॉ. निशांत ने कहा, "बहुत से मरीज अपनी पुरानी मेडिकल हिस्ट्री छिपा लेते हैं या बताने में झिझकते हैं. यह बेहद खतरनाक हो सकता है."

उनके मुताबिक, किसी भी सर्जरी से पहले ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल, हार्ट की स्थिति, एलर्जी हिस्ट्री जैसी जांचें आवश्यक हैं. साथ ही यह भी ज़रूरी है कि क्लीनिक पंजीकृत हो, डॉक्टर अनुभवी हों और ओटी (ऑपरेशन थिएटर) का सेटअप स्टरलाइज़्ड और मेडिकल स्टैंडर्ड्स के अनुरूप हो.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉ. निशांत, सीनियर हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन और ट्राइकोलॉजिस्ट, का कहना है, "आजकल हेयर ट्रांसप्लांट का चलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन हर कोई इसे करने के लिए सक्षम नहीं है. सस्ते पैकेज और ऑनलाइन ऑफर्स के लालच में लोग अपनी सेहत और जान खतरे में डाल रहे हैं. मेरी सलाह है कि मरीज क्लिनिक की साख, डॉक्टर की डिग्री और प्रोफेशनल बैकग्राउंड की अच्छी तरह से जांच करें."

हेयर ट्रांसप्लांट कोई ब्यूटी पार्लर ट्रीटमेंट नहीं, बल्कि एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसमें लापरवाही जानलेवा भी हो सकती है. कानपुर जैसी घटनाएं इसी बात का संकेत हैं कि अब वक्त आ गया है जब कॉस्मेटिक सर्जरी को भी गंभीरता से लिया जाए.

दिल्ली-एनसीआर के नागरिकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी तरह की कॉस्मेटिक सर्जरी या हेयर ट्रांसप्लांट कराने से पहले विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें और किसी भी अनऑथराइज्ड सेंटर से प्रक्रिया न करवाएं.

(भूपेंद्र चौधरी की रिपोर्ट)