Mediterranean Diet
Mediterranean Diet नई स्टडी में पाया गया है कि भूमध्यसागरीय आहार (Mediterranean Diet) का पालन करने से उन लोगों में भी डिमेंशिया (स्मृतिभ्रंश) का खतरा 35% तक कम हो सकता है, जिनमें APOE4 जीन की दो प्रतियां मौजूद हैं- यह जीन अल्ज़ाइमर रोग का सबसे बड़ा जेनेटिक रिस्क फैक्टर माना जाता है.
यह रिसर्च मैस जनरल ब्रिघम (Mass General Brigham) के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया और इसे जर्नल ‘नेचर’ में पब्लिश किया गया है.
स्टडी का क्या रिजल्ट
यूक्सी लियू (Yuxi Liu), इस स्टडी की प्रमुख लेखिका और ब्रिघम एंड वुमेन्स हॉस्पिटल तथा हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, बोस्टन की रिसर्च फेलो ने CNN ने बताया, “हमने 34 सालों तक 5,700 से अधिक लोगों पर स्टडी किया और पाया कि जो लोग शराब, रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का कम सेवन करते हैं, लेकिन सब्ज़ियों, फलों, नट्स, साबुत अनाज, दालों, मछली और जैतून के तेल से भरपूर भूमध्यसागरीय आहार लेते हैं, उनमें डिमेंशिया का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.”
उन्होंने बताया कि APOE4 जीन वाले लोगों, खासकर जिनमें दोनों प्रतियां मौजूद हैं, को इस आहार से सबसे ज्यादा फायदा मिला.
APOE4 जीन और मेटाबॉलिक प्रोफाइल
स्टडी के अनुसार, APOE4 जीन वाले लोगों में एक विशिष्ट मेटाबॉलिक प्रोफाइल पाया गया, जो भूमध्यसागरीय आहार में मौजूद पोषक तत्वों पर बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है.
यूक्सी लियू के अनुसार, “शरीर और मस्तिष्क के पोषण पाचन, ऊर्जा उत्पादन, नर्व्स और टिश्यू की मरम्मत जैसे मेटाबॉलिक प्रोसेस में विटामिन, एंजाइम, अमीनो एसिड, कार्बोहाइड्रेट और लिपिड्स की गुणवत्ता का बड़ा प्रभाव पड़ता है. यही वजह हो सकती है कि APOE4 वाले लोगों में डिमेंशिया का खतरा इस आहार से काफी कम हो जाता है.”
विशेषज्ञों की राय
इंस्टिट्यूट फॉर न्यूरोडीजेनेरेटिव डिज़ीज़, फ्लोरिडा में रिसर्च डायरेक्टर, डॉ. रिचर्ड आइजैकसन का कहना है कि यह स्टडी बेहद अहम है. अब यह मान्यता बदलनी चाहिए कि दो APOE4 जीन होना अल्ज़ाइमर का निश्चित संकेत है. जीन आपकी नियति नहीं हैं. अगर सिर्फ डाइट के जरिए 35% रिस्क कम किया जा सकता है, तो जीवनशैली में अन्य बदलावों से और भी बेहतर नतीजे मिल सकते हैं.
स्वस्थ जीवनशैली का प्रभाव
भविष्य की चिंता
यह स्टडी नर्सेज़ हेल्थ स्टडी (1976 से चल रही) और हेल्थ प्रोफेशनल्स फॉलो-अप स्टडी (1986 से) पर आधारित है. लेकिन एक बड़ी चिंता यह है कि फंडिंग बंद हो जाने से इन स्टडीज़ का डेटा और सैंपल्स नष्ट हो सकते हैं. इस बारे में स्टडी में शामिल एक नर्स, मार्था डॉड्स, ने CNN ने कहा, “अगर 50 साल की मेहनत और बायो-डेटा नष्ट हो गया, तो यह ऐसा होगा जैसे कांग्रेस की लाइब्रेरी को जला दिया गया हो. यह वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी क्षति होगी.”
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