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गर्भनिरोधक गोली लेने से बढ़ सकता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, प्रोजेस्टेरोन हार्मोन वाली पिल्स से रिस्क ज्यादा

दुनियाभर में लाखों महिलाएं जो हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा लगभग 20% तक बढ़ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, केवल प्रोजेस्टेरोन हार्मोन वाली पिल्स खासकर desogestrel का सेवन करने वाली महिलाओं में यह जोखिम अधिक देखा गया है.

Contraceptive pill Contraceptive pill
हाइलाइट्स
  • गर्भनिरोधक गोली से जुड़ी नई चेतावनी

  • स्वीडन में 20 लाख महिलाओं पर हुआ बड़ा अध्ययन

अगर आप भी बात-बात पर कॉन्ट्रासेप्टिव पिल का इस्तेमाल करती हैं तो यह खबर आपके लिए है. स्वीडन की एक रिसर्च में सामने आया है कि जो महिलाएं मिनी पिल यानी केवल प्रोजेस्टेरोन हार्मोन वाली गर्भनिरोधक गोली लेती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा हो सकता है. रिसर्च के मुताबिक, मिनी पिल लेने वाली महिलाओं में यह जोखिम दूसरी गोलियों की तुलना में लगभग 20% अधिक पाया गया है.

क्या है मिनी पिल और कैसे काम करती है
मिनी पिल दरअसल एक प्रोजेस्टेरोन-ओनली पिल है, जिसमें डेसोजेस्टरेल हार्मोन पाया जाता है. यह हार्मोन गर्भाशय की परत को पतला करता है और सर्विक्स के म्यूकस को गाढ़ा बना देता है, जिससे शुक्राणु अंडाणु तक नहीं पहुंच पाते. कई बार यह ओव्यूलेशन को भी रोक देती है. सही तरीके से ली जाए तो इसकी प्रभावशीलता 99.7% होती है, लेकिन अगर गोली मिस हो जाए या उल्टी-दस्त जैसी स्थिति हो तो असर कम हो सकता है.

स्वीडन में 20 लाख महिलाओं पर की गई रिसर्च
स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 2019 से 2023 के बीच 2 मिलियन महिलाओं पर अध्ययन किया. रिसर्च में पाया गया कि जो महिलाएं हार्मोनल गर्भनिरोधक ले रही थीं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम 24% ज्यादा था.

मिनी पिल लेने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा
मिनी पिल लेने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा करीब 21% तक ज्यादा पाया गया. यह पिल केवल प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पर आधारित होती है. वहीं, जो महिलाएं कंबाइंड पिल यानी ओएस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनों हार्मोन वाली गोली लेती हैं, उनमें यह खतरा लगभग 12% तक देखा गया. इसके उलट जिन महिलाओं ने दूसरे प्रोजेस्टेरोन-बेस्ड इंजेक्शन या इम्प्लांट का इस्तेमाल किया, उनमें कैंसर का जोखिम या तो बहुत कम था या किसी प्रकार की वृद्धि नहीं देखी गई.

वैज्ञानिकों का मानना है कि मिनी पिल में मौजूद हार्मोन डेसोजेस्टरेल का शरीर पर असर बाकी हार्मोनल तरीकों से अलग हो सकता है, जिसके कारण इसका जोखिम स्तर थोड़ा बढ़ जाता है.

क्यों बढ़ रहा है जोखिम?
शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी यह साफ नहीं है कि डेसोजेस्टरेल (Desogestrel) ब्रेस्ट कोशिकाओं पर ऐसा असर क्यों डालता है. संभावना है कि यह हार्मोन शरीर की कुछ कोशिकाओं को कैंसर सेल्स की वृद्धि के लिए प्रेरित करता है. रिसर्च में यह भी पाया गया कि ओएस्ट्रोजन (Oestrogen) कुछ हद तक प्रोजेस्टिन के इस नुकसानदायक प्रभाव को कम कर देता है.

दवा बदलने से पहले डॉक्टर से सलाह लें
वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि महिलाओं को फिलहाल अपनी दवाइयां बदलने की जरूरत नहीं है. डॉक्टरों के अनुसार, हर महिला का हार्मोनल रिस्पॉन्स अलग होता है, इसलिए किसी भी गर्भनिरोधक विकल्प को बदलने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूरी है.

मिनी पिल के सामान्य साइड इफेक्ट्स

  • मतली या उल्टी की शिकायत

  • स्तनों में भारीपन या दर्द

  • मूड स्विंग्स या सिरदर्द

  • कुछ मामलों में वजन बढ़ने की शिकायत

भारत में भी बड़ी संख्या में महिलाएं हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं. ऐसे में यह रिसर्च काफी अहम है.