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Omicron New Variant: दिवाली से पहले कोरोना के नए वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता...विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

त्योहार के मौसम में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट की दस्तक ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. जानकारी के मुताबिक, भारत में BF.7 सब-वैरिएंट के पहले मामले के बारे में गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर ने पता लगाया गया है.

Omicron New Variant Omicron New Variant
हाइलाइट्स
  • मास्क लगाना बेहद जरूरी

  • नए वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता

देश में कोरोना के मामलों में कमी को देखते हुए सरकार ने कई सारी पाबंदियां हटा दी थी लेकिन अब त्योहार के मौसम में नए वैरिएंट की दस्तक ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. सोमवार को पुणे में एक नमूने में Omicron सबवेरिएंट BQ.1 का पहला मामला पाया गया. यह भारत के गुजरात बायोटेक्नोलॉजी द्वारा हाल ही में एक और वैरिएंट BF.7 मिलने के बाद आया है, जिसने त्योहारी सीजन से पहले एक और लहर की आहट दी है. यह ताजा COVID सब-वैरिएंट है, जो Omicron के BA.5 का एक डिसेडेंट है जो वर्तमान में मुख्य रूप से US में SARS-CoV-2 का नया वर्जन है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों के अनुसार, दोनों सब-वैरिएंट BQ.1 और BF.7 में म्यूटेशन्स होते हैं जो उन्हें संक्रामक बना सकते हैं और ये आसानी से इम्यूनिटी शील्ड को तोड़ सकते हैं.

ओमिक्रॉन के नए BQ.1 वैरिएंट के बारे में हम क्या जानते हैं?

  • सीडीसी के लेटेस्ट अनुमान के अनुसार, नया वैरिएंट BQ.1 अमेरिका में 10 मामलों में से कम से कम 1 में पाया गया.
  • राष्ट्रपति जो बाइडेन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार और एक शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फौसी ने BQ.1 के इस नए वैरिएंट से सतर्क रहने की चेतावनी दी है. 
  • सीडीसी के अनुसार, BQ.1 और BQ.1.1 प्रत्येक वर्तमान में देशभर में अनुमानित 5.7 प्रतिशत की दर से संक्रमण फैला रहे हैं .
  • विशेषज्ञों ने BQ.1 जैसे वेरिएंट में "यूनीक म्यूटेशन्स की बड़ी संख्या" का हवाला देते हुए अनुमान लगाया है कि यह पूर्व संक्रमण या टीकाकरण से बनी इम्यूनिटी को तोड़ सकता है.
  • BQ.1 और BQ.1.1 नए स्ट्रेन BA 4.6 जो वर्तमान में 12.2% की दर से संक्रमण फैला सकता है कि जगह ले सकता है. 

क्या हमें चिंता करने की जरूरत है?
एक्सपर्ट्स ने इस सब वैरिएंट को लेकर सलाह जारी की है कि अभी मास्क लगाना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही अगर वायरल से के लक्षण महसूस हों तो खुद को आइसोलेट करना भी जरूरी है. दो रिसर्च बताती हैं कि बीएफ.7 वैरिएंट अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट की तुलना में पहले के वैक्सीनेशन और एंटीबॉडी से बच सकता है इसलिए यह और अधिक संक्रामक माना जा रहा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल इंस्टीट्यूट ओ वायरोलॉजी (NIV) के एक वैज्ञानिक ने कहा कि SARS-CoV-2 के Omicron वेरिएंट की इन ऑफ स्प्रिंग में वृद्धि होने की संभावना है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.