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Pollution Effect on Our Mind: बस फेफड़ों पर ही नहीं दिमाग पर भी असर कर रहा है ट्रैफिक का प्रदूषण, ऐसे करें बचाव 

बस फेफड़ों पर ही नहीं बल्कि ट्रैफिक का प्रदूषण हमारे दिमाग पर भी असर कर रहा है. ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी और विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ने मिलकर एक स्टडी की है जिसमें इसका खुलासा हुआ है.

दिमाग पर भी असर कर रहा है ट्रैफिक का प्रदूषण दिमाग पर भी असर कर रहा है ट्रैफिक का प्रदूषण
हाइलाइट्स
  • ऐसे करें खुद का बचाव

  • ये अपनी तरह की पहली स्टडी है

दिल्ली हो या मुंबई, कोलकाता हो या चेन्नई, चाहे लखनऊ कानपुर और पटना जैसे शहर ही क्यों ना हों, घर से निकलने के बाद ऐसी ट्रैफिक में फंसना तय है. गाड़ियों की लंबी कतार में इंतजार करने के सिवाय चारा क्या है? लेकिन अपनी गाड़ी में इत्मिनान से बैठे हुए भी आप ऐसी ट्रैफिक में महफूज नहीं हैं. आपके दिमाग पर लगातार हमला हो रहा होता है. ये हमला और कोई नहीं बल्कि प्रदूषण कर रहा है. गाड़ियों से निकलने वाला प्रदूषण आपके दिमाग का डिब्बा गोल कर रहा है. दरअसल, स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है. 

ये अपनी तरह की पहली स्टडी है

दरअसल, दुनिया में ये अपनी तरह की पहली स्टडी है. जिसमें वैज्ञानिकों ने इस बात का खुलासा किया है. कि इसलिए जरूरी है कि ट्रैफिक के प्रदूषण से लोगों को आगाह किया है. ये स्टडी ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी और विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ने मिलकर की है. इसमें सामने आया है कि सामान्य ट्रैफिक पॉल्यूशन भी इंसान के दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है और इसके लिए सिर्फ कुछ घंटों का पॉल्यूशन काफी है. 

क्या आया रिसर्च में सामने

रिसर्च के मुताबिक दो घंटे तक डीजल के धुएं का सामना करने से दिमाग के काम करने की क्षमता कम हो जाती है. यानी दिमाग के अलग-अलग हिस्सों का आपस में संपर्क कमजोर हो जाता है और इसका सीधा असर याददाश्त और विचारों पर पड़ता है. इस तरह देर तक ट्रैफिक के जाम में फंसे लोगों के दिमाग का डिब्बा गोल हो जाता है. हालांकि ये बात पहले से साफ है कि प्रदूषण दिल और श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है. लेकिन ये पहली बार है जब ट्रैफिक पॉल्यूशन का इंसान के तंत्रिका तंत्र पर असर सामने आया है. 

केसे की गई ये रिसर्च?

इसके लिए दिमाग की क्षमता माप कर 25 लोगों को प्रयोगशाला में साफ हवा और डीजल वाले धुएं में अलग अलग रखा गया. बाद में जब उनके दिमाग के काम करने की क्षमता मापी गई, तो उमसें कमी साफ नजर आई. हालांकि प्रयोग के दौरान पॉल्यूशन का दिमाग पर जो असर था वो ज्यादा देर तक नहीं रहा, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर लगातार ट्रैफिक पॉल्यूशन का सामना किया जाए तो दिमाग पर असर लंबा हो सकता है. 

ऐसे करें खुद का बचाव

दिमाग को पॉल्यूशन से बचाने के लिए आपका सावधान रहना जरूरी है. हालांकि, व्यस्त सड़क और ट्रैफिक जाम से पूरी तरह बचना तो मुमकिन नहीं है, लेकिन ऐसा कम से कम हो, इसकी कोशिश करनी चाहिए. दोस्त और पड़ोसियों को भी सतर्क करने के लिए सावधानी वाला हॉर्न जरूर बजाएं. वैज्ञानिकों की सलाह है कि ट्रैफिक में फंसने के बाद गाड़ी के शीशे बंद रखें. इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि गाड़ी में एयर फिल्टर अच्छी तरह काम कर रहा हो और ज्यादा व्यस्त रास्ते को नजरअंदाज करें.