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Cashless Treatment: अब देश के छह एम्स में सीजीएचएस लाभार्थियों का कैशलेस इलाज, बुजुर्ग मरीजों को भाग-दौड़ करने से मिलेगी मुक्ति

नई प्रक्रिया के तहत सीजीएचएस को पेंशनरों और पात्र लाभार्थियों के बिल अब एम्स प्रबंधन की ओर से भेजे जाएंगे, जहां से 30 दिनों के भीतर उन्हें भुगतान प्राप्त होगा. इससे लाभार्थियों के समय की बचत होगी. एम्स में इलाज के लिए वैध पहचान पत्र दिखाना होगा.

पटना एम्स में रोगी का इलाज करते डॉक्टर (फाइल फोटो) पटना एम्स में रोगी का इलाज करते डॉक्टर (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • लाभार्थियों को बिल का भुगतान 30 दिनों के भीतर होगा

  • एम्स में इलाज के लिए वैध पहचान पत्र दिखाना होगा

भोपाल, भुवनेश्वर, पटना, जोधपुर, रायपुर और ऋषिकेश स्थित छह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) में अब सभी केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) लाभार्थियों और पेंशनभोगियों का कैशलेस उपचार किया जाएगा. ये सुविधा उन्हें अस्पतालों में ओपीडी, जांच और इनडोर उपचार में मिलेगी. इसकी घोषणा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की है.

अत्याधुनिक सुविधाएं की जाएंगी प्रदान
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की उपस्थिति में एम्स प्रबंधनों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सीजीएचएस के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इन सभी छह एम्स में लाभार्थियों को अत्याधुनिक रोगी देखभाल सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.

परेशानी होगी दूर
यह योजना सीजीएचएस के सेवानिवृत्त पेंशनभोगी के लिए काफी फायदेमंद होगी. क्योंकि व्यक्तिगत प्रतिपूर्ति दावों को पेश करने और अनुमोदनों का पालन करने में पहले काफी मुश्किल होती थी. सीजीएचएस लाभार्थियों को पहले भुगतान करने और फिर सीजीएचएस से प्रतिपूर्ति मांगने की परेशानी के बिना इन एम्स में उपलब्ध अत्याधुनिक उपचार सुविधाओं का लाभ मिलेगा. इस पहल से समय की बचत होगी, कागजी कार्रवाई कम होगी और व्यक्तिगत दावे भी कम होंगे. अभी तक एम्स में उपचार करा रहे सीजीएचएस पेंशनभोगी लाभार्थियों को पहले भुगतान करना होता है और बाद में सीजीएचएस से प्रतिपूर्ति का दावा करना होता है. इससे उन्हें खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था.

समय की होगी बचत
नई प्रक्रिया के तहत सीजीएचएस को पेंशनरों और पात्र लाभार्थियों के बिल अब एम्स प्रबंधन की ओर से भेजे जाएंगे, जहां से 30 दिनों के भीतर उन्हें भुगतान प्राप्त होगा. इससे लाभार्थियों के समय की बचत होगी, कागजी कार्रवाई कम होगी और व्यक्तिगत दावों के निपटान में तेजी के साथ किए जा सकेंगे. लाभार्थी को एम्स में इलाज के लिए वैध पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा.

अलग हेल्प डेस्क और लेखा प्रणाली होगी स्थापित 
इतना ही नहीं एम्स में सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए अलग हेल्प डेस्क और लेखा प्रणाली स्थापित की जाएगी. ओपीडी उपचार या अस्पताल से छुट्टी के समय एम्स में डॉक्टरों की ओर से निर्धारित दवाएं सीजीएचएस के माध्यम से लाभार्थियों को प्रदान की जाएंगी.

दिल्ली एम्स, चंडीगढ़ का पीजीआई भी जल्द जुड़ेगा
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि सरकार सीजीएचएस के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रही है. इससे मरीजों को इलाज कराने में और सहूलियत होगी. उन्होंने कहा कि सीजीएचएस स्वास्थ्य मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण सेवा-उन्मुख वर्टिकल है. उन्होंने कहा कि जल्द ही नई दिल्ली में एम्स, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ और पुदुचेरी में जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च को भी सूचीबद्ध किया जाएगा. सीजीएचएस के सेवानिवृत्त पेंशनभोगी यहां भी कैसलेस इलाज करा सकेंगे.

देश के 79 शहरों में कार्य कर रहा सीजीएचएस 
सीजीएचएस केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों, माननीय संसद सदस्यों, पूर्व सांसदों और लाभार्थियों की अन्य श्रेणियों को व्यापक स्वास्थ्य सेवा (ओपीडी और आईपीडी दोनों) प्रदान करता है. वर्तमान में सीजीएचएस देश के 79 शहरों में कार्य कर रहा है. प्रधान मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत देश भर में 22 नए एम्स स्थापित किए गए हैं और वे परिचालन के विभिन्न चरणों में हैं.