Dr. Mami Parija's Initiative for cancer patients
Dr. Mami Parija's Initiative for cancer patients कैंसर एक घातक बीमारी है. ये बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है और अगर समय पर इसका इलाज न कराया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकती है. हर साल लाखों लोग कैंसर के कारण अपनी जान गंवाते हैं. कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझ रहे मरीजों और उनके परिवारों की पीड़ा को कम करने के लिए भुवनेश्वर की एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. मामी परीजा ने ‘अमृत धारा’ नाम की एक अनोखी पहल की शुरुआत की है. आइए जानते है इस पहल के बारे में और क्यों है ये कैंसर के मरीजों के लिए खास.
डॉ. परीजा की ‘अमृत धारा’ दस सालों से कैंसर मरीजों और उनके परिवारों की मदद कर रही है. ये पहल भुवनेश्वर और ओडिशा के अन्य इलाकों में अब तक 800 से अधिक परिवारों की मदद कर चुकी है. इस पहल के तहत मरीजों को न केवल चिकित्सा सहायता (Medical aid) दी जाती है, बल्कि उनकी मेंटल और सामाजिक जरूरतों का भी खास ध्यान रखा जाता है. मरीजों और उनके परिवारों को इस पहल के से जो राहत मिलती है, वो न केवल उनकी तकलीफों को कम करती है, बल्कि उन्हें मुश्किल समय में ताकत भी देती है.
डॉ. परीजा को ‘अमृत धारा’ शुरू करने की प्रेरणा 2014 में मिली. उस समय वो एक कॉर्पोरेट अस्पताल में काम कर रही थीं, जब उन्होंने एक 34 वर्षीय महिला को ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) से जूझते हुए देखा. इस महिला की स्थिति इतनी गंभीर थी कि डॉक्टरों ने इस महिला के ऑपरेशन से भी मना कर दिया. कुछ महीनों बाद महिला की स्थिति और गंभीर हो गई जिसके कारण उसने अपनी जान गंवा दी. इस घटना ने डॉ. परीजा को गहराई से झकझोर दिया. उन्हें महसूस हुआ कि कैंसर जैसे गंभीर रोगों से जूझ रहे मरीजों और उनके परिवारों के लिए कुछ किया जाना चाहिए. पांच साल बाद, 2019 में, उन्होंने ‘अमृत धारा’ की शुरुआत की.
अमृत धारा’ का मकसद गंभीर कैंसर मरीजों और उनके परिवारों को सहानुभूति के साथ पैलिएटिव केयर देना है. पैलिएटिव केयर का मतलब है मरीजों को उनके मुश्किल समय में शारीरिक, मेंटल और सामाजिक मदद देना, ताकि उनका दर्द कम हो सके. इस पहल के जरिए मरीजों को पेन मैनेजमेंट, मेंटल सपोर्ट, और उनके परिवारों को काउंसलिंग जैसी सेवाएं भी मुफ्त में दी जाती हैं.
अमृत धारा के दो सेंटर भुवनेश्वर के पाटिया और कलिंगा नगर में है. इन सेंटर में मरीजों को गंभीर दर्द, उल्टी, सांस की दिक्कत, और कैंसर के घावों की ड्रेसिंग जैसी सेवाएं दी जाती हैं. यहां एक फार्मेसी भी है, जहां मॉर्फिन जैसी दर्द से छुटकारा दिलाने वाली दवाएं दी जाती हैं.
अमृत धारा की टीम में डॉक्टर, नर्स और वॉलंटियर्स सब शामिल हैं. जहां डॉक्टर और नर्स मरीजों को ट्रीटमेंट करते हैं, वहीं वॉलंटियर्स मरीजों और उनके परिवारों को मेंटल सपोर्ट देते हैं. बता दे कि अमृत धारा की टीम उन मरीजों के लिए भी सेवाएं देती है, जो अपने घर से बाहर नहीं जा सकते. इनकी टीम मरीजों के घर जाकर भी उन्हें सेवाएं देती है.
डॉ. परीजा के मुताबिक कैंसर की देखभाल में पैलिएटिव केयर को जल्दी शामिल करना बहुत जरूरी है. लेकिन अक्सर मरीजों को बहुत देर से इस देखभाल के लिए भेजा जाता है. उनके मुताबिक पैलिएटिव केयर को लोग मौत से जोड़कर देखते हैं, लेकिन ये केवल जीवन के अंत के लिए नहीं है. ये मरीजों को उनकी जिंदगी के हर स्टेज में आराम और सहायता के लिए है. डॉ. परीजा के मुताबिक घर पर मिल रही पैलिएटिव केयर की सेवाओं मरीज और उनके परिवार के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई है. इससे उन्हें काफी राहत मिलती है.
अमृत धारा को पूरी तरह से डॉ. परीजा के परिवार और दोस्तों के सहायता से ही चलाया जा रहा है. इसके लिए किसी बाहरी फंडिंग का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. उनके एक दोस्त ने इस पहल के लिए जगह दान की है. डॉ. परीजा की ये पहल मानवता की मिसाल है और कैंसर मरीजों और उनके परिवारों के लिए एक नई उम्मीद बन चुकी है.
(यह रिपोर्ट निशांत सिंह ने लिखी है. निशांत सिंह GNTTV.COM के साथ बतौर इंटर्न काम कर रहे हैं.)