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Oral Cancer Preventions: केवल लोगों की जिंदगी को ही नहीं देश को भी करोड़ों का नुकसान पहुंचा चुका ओरल कैंसर, जाने लें इसके लक्षण और बचाव के उपाय  

तम्बाकू और सुपारी की वजह से युवाओं में ओरल कैंसर के मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं. इस स्टडी में युवाओं को टारगेट किया गया है. ओरल कैंसर अक्सर मुंह में लगातार घाव, दर्द, चबाने या निगलने में कठिनाई और आवाज में बदलाव जैसे लक्षणों के साथ दिखता है.

Oral Cancer (Photo: Unsplash) Oral Cancer (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • सबसे आम घातक बीमारी

  • युवाओं को टारगेट किया गया स्टडी से 

मुंह के कैंसर को सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक माना जाता है.  ट्रीटमेंट होने के बाद भी ये बीमारी लोगों के जीवन पर कभी न मिटने वाली एक छाप छोड़ देता है. लेकिन इसके आर्थिक प्रभावों को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है. टाटा मेमोरियल सेंटर के डॉक्टरों ने हाल ही में स्टडी की है जिसमें इसके आर्थिक प्रभावों के बारे में बात की गई है. अकेले ओरल कैंसर के कारण भारत को होने वाले चौंका देने वाले आर्थिक नुकसान का पता चलता है. 'हेड एंड नेक जर्नल' में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 2022 में मुंह के कैंसर की वजह से देश को $5.6 बिलियन यानि 46,676.8 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ था. 

सबसे आम घातक बीमारी

ओरल कैंसर भारत में कैंसर के मामलों में सबसे ज्यादा आया है. देशभर में कैंसर के 30% से ज्यादा मामले ओरल कैंसर के हैं. इस स्टडी के मुख्य लेखक, डॉ. अर्जुन सिंह, के मुताबिक ओरल कैंसर से प्रभावित व्यक्तियों की औसत उम्र 41.5 साल है. 

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स्टडी में तीन साल में 100 ओरल कैंसर रोगियों पर सावधानीपूर्वक नजर रखी गई. इसमें पाया गया कि शुरुआती चरण के मामलों में प्रति मामले में 31 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. जो आगे चलकर 72 लाख रुपये तक गया. 

मुंह के कैंसर के लक्षण

1. मुंह के छाले: मुंह में लगातार बने रहने वाले घाव जो कुछ हफ्तों में ठीक नहीं होते, मुंह के कैंसर का संकेत हो सकते हैं. इन घावों से आसानी से खून बह सकता है और दर्द हो सकता है.
   
2. लाल या सफेद धब्बे: मुंह में या होठों पर लाल या सफेद धब्बे असमान्य बढ़ती हुए सेल का संकेत दे सकते हैं. इन्हें चेक करवाने के लिए किसी डॉक्टर के पास जाएं. 

3. निगलने में दर्द या कठिनाई: निगलने में कठिनाई या दर्द, जिसे डिस्पैगिया भी कहा जाता है, ओरल कैंसर का लक्षण हो सकता है, खासकर अगर यह लंबे समय तक बना रहे.

4. सूजन या गांठ: होठों, मसूड़ों या मुंह के दूसरे क्षेत्रों में सूजन, गांठ या मोटा होना मुंह के कैंसर का संकेत हो सकता है.

5. लगातार गले में खराश: गले में खराश जो एंटीबायोटिक दवाओं या दूसरे ट्रीटमेंट से इलाज के बावजूद बनी रहती है, मुंह के कैंसर का लक्षण हो सकता है.

युवाओं को टारगेट किया गया स्टडी से 

तम्बाकू और सुपारी की वजह से युवाओं में ओरल कैंसर के मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं. इस स्टडी में युवाओं को टारगेट किया गया है. ओरल कैंसर अक्सर मुंह में लगातार घाव, दर्द, चबाने या निगलने में कठिनाई और आवाज में बदलाव जैसे लक्षणों के साथ दिखता है. इससे बचने के लिए उपाय के रूप में आपको तंबाकू और ज्यादा शराब के सेवन से बचना चाहिए. साथ ही अपनी ओरल हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए. समय-समय पर डेंटिस्ट के पास जाना भी उतना ही जरूरी है. 

कैसे बचें मुंह के कैंसर से 

1. तंबाकू प्रोडक्ट से बचें: धूम्रपान छोड़ने और तंबाकू प्रोडक्ट के उपयोग से बचने से ओरल कैंसर का खतरा काफी कम हो सकता है.
   
2. शराब का सेवन सीमित करें: शराब का सेवन सीमित करने से, खासकर उन लोगों के लिए जो तंबाकू का भी सेवन करते हैं, मुंह के कैंसर का खतरा कम हो सकता है.
      
3. ओरल हाइजीन: दिन में दो बार दांतों को ब्रश करना, रोजाना फ्लॉसिंग करना और नियमित डेंटिस्ट के पास जाने से आप इस कैंसर से कई हद तक बच सकते हैं.