Organ Donation (Photo: Atul Tiwari)
Organ Donation (Photo: Atul Tiwari) गुजरात में अहमदाबाद के दरियापुर में रहने वाले 60 साल के खोड़ाभाई मेणा का अंगदान हुआ है. जिससे तीन लोगों को नई जिंदगी मिली है. खोड़ाभाई मेणा अपने भाई के साथ रहते थे और छुटक मजदूरी करके अपना जीवन व्यापन करते थे. लेकिन कुछ समय पहले उनका रोड एक्सीडेंट हुआ और माथे में लगी चोट इतनी गंभीर साबित हुई कि उन्हें इलाज के दौरान ब्रेनडेड घोषित किया गया. अब परिवार मंजूरी के बाद खोड़ीदास मेंना का अंगदान हुआ है. जिसके माध्यम से दो किडनी और लीवर दान में मिला है. जीवनभर मजदूरी करने वाले खोड़ाभाई मेणा जाते जाते तीन लोगों को नवजीवन दे गए.
रोड एक्सीडेंट का हुए थे शिकार
खोड़ाभाई मेणा रोड एक्सीडेंट का शिकार हुए थे. अपने ही घर के पास स्थित रोड क्रॉस करते वक्त हुए एक्सीडेंट में उनके माथे पर गंभीर चोट लगी थी. जिसके बाद इलाज के लिए अहमदाबाद स्थित सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया था. डॉक्टर्स ने इलाज के तीन दिन बाद खोड़ाभाई मेणा को ब्रेनडेड घोषित कर दिया था. डॉक्टर्स की टीम ने ब्रेनडेड खोड़ाभाई मेणा के परिवार को अंगदान के लिए समझ दी, जिसके बाद उनके तीन भाइयों ने मिलकर ब्रेनडेड खोड़ाभाई के अंगदान का फैसला लिया.
छोटे भाई के साथ रहते थे खोड़ाभाई मेणा
ब्रेनडेड खोड़ाभाई मेणा की बात करें तो वो अकेले थे. उनकी शादी नहीं हुई थी, वे अपने छोटे भाई के साथ रहते थे. दोनों छुटक मजदूरी करके अपना जीवन गुजारा करते थे. बाकी उनके दो भाई अपने परिवार के साथ अलग रहते थे. ब्रेनडेड खोड़ाभाई मेणा के अंगदान का फैसला तीनों भाइयों ने मिलकर किया, जिसकी वजह से दो किडनी और एक लीवर अंगदान के रूप में प्राप्त हुआ. अंगदान के जरिए मिलने वाली किडनी अहमदाबाद सिविल कैम्पस की किडनी हॉस्पिटल में जरूरतमंद मरीज में ट्रांसप्लांट की गई है.
तीन मरीजों को मिला जीवनदान
अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा, ब्रेनडेड खोड़ाभाई के अंगदान से किडनी और लीवर फेलियर से पीड़ित तीन मरीजों को नया जीवन मिला है. लगातार किडनी और लीवर की समस्या से परेशान मरीजों में जीने की उम्मीद जगी है. डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा, अब तक सिविल हॉस्पिटल में 152 ब्रेनडेड मरीजों के अंगदान हुए है, जिनके माध्यम से 490 अंगदान हो पाए हैं और अब तक 474 लोगों को जीवनदान मिला है.