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इस हिमालयी पौधे के सेवन से दूर भागेगा कोरोना, शरीर में वायरस को घुसने से रोक देती हैं इसकी पत्तियां

हिमालयी पौधे बुरांश में पाया गया फाइटोकेमिकल्स कोरोना वायरस से लड़ने में प्रभावी साबित हुआ है. हिमालयी बुरांश की पंखुड़ियों का सेवन स्थानीय आबादी स्वास्थ्य संबंधी कई लाभों के लिए अलग-अलग रूपों में करती है.

कोरोना का इलाज कोरोना का इलाज
हाइलाइट्स
  • हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बुरांश का पौधा काफी पाया जाता है.

  • कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने में प्रभावी हो सकता है हिमालयी बुरांश.

कोरोना महामारी के सामने आने के बाद से ही उससे जुड़े तमाम तरह के रिसर्च और स्टडी प्रकाशित होते रहते हैं. दुनियाभर के वैज्ञानिक, डॉक्टर्स और रिसर्चस लगातार इस संक्रामक बीमारी का प्रभावी इलाज खोजने में लगे हैं. एक अध्ययन में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी (IIT Mandi) और नई दिल्ली के इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी  (ICGEB)  के शोधकर्ताओं  के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. वैज्ञानिकों ने हिमालयी पौधे बुरांश की पंखुड़ियों में ऐसे फाइटोकैमिकल्स (Phytochemicals) की पहचान की है जो शरीर में कोरोनावायरस को रोकने में प्रभावी होगा. इस रिसर्च को बायोमोलिक्यूलर स्ट्रक्चर एंड डायनेमिक्स नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है.  

‘फाइटोकेमिकल’ वे कार्बनिक यौगिक होते हैं, जो वनस्पतियों में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. इस बारे में बताते हुए, आईआईटी मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ श्याम कुमार ने कहा, “तरह-तरह के चिकित्सीय एजेंटों का अध्ययन करते हुए हिमालयी पौधे बुरांश में पाए गए फाइटोकेमिकल्स कोरोना वायरस से लड़ने में प्रभावी साबित हुआ है. डॉ. श्याम कुमार के अनुसार बुरांश की पंखुड़ियों के गर्म पानी के अर्क में काफी मात्रा में क्विनिक एसिड और इसके डेरिवेटिव पाए गए. मॉलिक्युलर एक्टिविटी के अध्ययनों से पता चला है कि ये फाइटोकेमिकल्स वायरस से लड़ने में दो तरह से प्रभावी हैं. ये मुख्य प्रोटीएज (एंजाइम) से जुड़ जाते हैं और वायरस को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

स्थानीय आबादी हिमालयी बुरांश की पंखुड़ियों का सेवन करती है 

हिमालयी बुरांश की पंखुड़ियों का सेवन स्थानीय आबादी स्वास्थ्य संबंधी कई लाभों के लिए अलग-अलग रूपों में करती है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बुरांश का पौधा काफी पाया जाता है. IIT मंडी और ICGEB के वैज्ञानिकों ने एंटीवायरल गतिविधि पर विशेष ध्यान देने के साथ, इसमें विभिन्न फाइटोकेमिकल्स वाले अर्क का वैज्ञानिक रूप से परीक्षण किया. शोधकर्ताओं ने बुरांश की पंखुड़ियों से फाइटोकेमिकल्स निकाले और उनके एंटीवायरल गुणों को समझने के लिए जैव रासायनिक परख और कम्प्यूटेशनल सिमुलेशन अध्ययन किया.  

कोरोनावायरस को रोकने में प्रभावी हिमालयी बुरांश

आईसीजीईबी से जुड़े रंजन नंदा ने कहा, ‘हमने हिमालय से प्राप्त रोडोडेंड्रॉन अरबोरियम की पत्तियों के पादप रसायनों का विश्लेषण किया और उन्हें कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर पाया.' रिसर्चस ने परीक्षण कर यह भी देखा कि पंखुड़ियों के अर्क की गैर-विषाक्त खुराक से Vero E6  कोशिकाओं में कोविड का संक्रमण रुकता है. जबकि खुद कोशिकाओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है. फिलहाल रिसर्चस ने बुरांश की पंखुड़ियों से फाइटोकेमिकल्स की मदद से COVID-19 रोकने के सटीक तंत्र को समझने के लिए इस दिशा में और अध्ययन करने की योजना बनाई है.