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मोटापा भारत छोड़ो अभियान: FSSAI ने राज्यों को तेल और चीनी की खपत घटाने के निर्देश दिए

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (FSSAI) ने राज्यों को तेल और चीनी की खपत घटाने के निर्देश दिए हैं.

FSSAI directs states to cut oil and sugar consumption for public health FSSAI directs states to cut oil and sugar consumption for public health

प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर मोटापा भारत छोड़ो अभियान की शुरुआत हो चुकी है. इस अभियान का उद्देश्य मोटापे और उससे जुड़ी बीमारियों को कम करना है. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (FSSAI) ने राज्यों को तेल और चीनी की खपत घटाने के निर्देश दिए हैं.

मोटापा भारत छोड़ो अभियान
प्रधानमंत्री मोदी ने एक कार्यक्रम में लोगों से मोटापा कम करने और लाइफ स्टाइल को बेहतर बनाने के लिए कहा था. उन्होंने खाने के तेल में 10 फीसदी तक कटौती करने के साथ सभी से इस अभियान में जुड़ने की अपील की थी. पीएम मोदी की अपील पर FSSAI ने राज्यों को मोटापा रोकने और तेल चीनी की खपत घटाने के निर्देश जारी किए हैं।

FSSAI ने 47वीं केंद्रीय सलाहकार समिति (सीएसी) की बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपील की है कि वे मोटापे से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से लें और इसके समाधान के लिए व्यापक उपाय करें. राज्यों से कहा गया है कि वे जागरूकता अभियान चलाएं और लोगों को संतुलित आहार और कम वसा वाले खाद्य पदार्थों के सेवन के लिए प्रेरित करें.

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स्कूलों में शुगर बोर्ड लगाने की पहल
सीएसी की बैठक में स्कूलों में शुगर बोर्ड लगाने की सीबीएससी की पहल पर भी चर्चा हुई. इसका मकसद बच्चों में चीनी के सेवन को लेकर जागरूकता बढ़ाना है. स्कूल में बोर्ड के जरिए बच्चों और उनके अभिभावकों को यह बताया जाएगा कि ज्यादा चीनी वाले फूड प्रोडक्ट्स उनके स्वास्थ्य पर क्या असर डाल सकते हैं.

देहरादून के व्यापारियों ने फिट इंडिया मूवमेंट को अपनाना शुरू कर दिया है. कई मिठाई और खाद्य उत्पाद विक्रेताओं ने चीनी के उपयोग में कमी कर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की पहल शुरू कर दी है. हरिद्वार के होटल कारोबारियों का कहना है कि पीएम की अपील बहुत अच्छी है, लेकिन देश में स्वाद पहले और स्वास्थ्य बाद में है. 

क्या है लोगों का रिएक्शन 
प्रधानमंत्री की यह अपील अब ज़मीनी स्तर पर सकारात्मक रूप से लागू होती दिख रही है. आम नागरिक अब अपने किचन में खाने के तेल का उपयोग कम करने लगे हैं. दिल्ली की छात्रा विभूति कहती हैं कि यह सच में जागने का समय है और हमने अपने घर के किचन में तेल की खपत कम करना शुरू कर दिया है. विभूति कहती हैं कि उनके पिता डायबीटिक हैं और अब परिवार के अन्य सदस्य भी खाने की आदतों में सुधार कर रहे हैं, जिसमें 10 प्रतिशत से अधिक तेल की खपत में कटौती शामिल है.

5-स्टार हॉस्पिटैलिटी सेक्टर भी इस मिशन में आगे आया है. प्रधानमंत्री के आह्वान का पालन करते हुए, भारत की अग्रणी हॉस्पिटैलिटी समूह नोवोटेल ने अपने सभी रेस्टोरेंट्स में खाने के तेल की खपत को कम करना शुरू कर दिया है. नोवोटेल होटल दिल्ली के जनरल मैनेजर सौमित्र चतुर्वेदी कहते हैं कि हम प्रधानमंत्री के आभारी हैं कि उनका संदेश जन-जन तक पहुंचा है और हम भी उनके सुझाए उपायों को अपनाते हुए अपने बड़े किचनों में खाने के तेल की खपत को कम कर रहे हैं. 

वे बताते हैं कि हमने बल्क कुकिंग (एक साथ बड़ी मात्रा में खाना बनाना), हाफ फ्राई फॉर्मूला और बेकिंग व एयर फ्राइंग जैसी तकनीकों को अपनाया है, जिससे किचन में तेल की खपत कम हो रही है. सिर्फ तेल की खपत कम करने तक ही नहीं, ब्रांडेड हॉस्पिटैलिटी समूह अब अपने रेस्टोरेंट्स में कैलोरी अवेयरनेस को भी बढ़ावा दे रहे हैं. जहां उपभोक्ता और खाने के शौकीन अपने खाने में मौजूद कैलोरी की जानकारी देख सकते हैं.