 Indigenous Mobile Hospital (BHISHM) Deployed in Ayodhya
 Indigenous Mobile Hospital (BHISHM) Deployed in Ayodhya  Indigenous Mobile Hospital (BHISHM) Deployed in Ayodhya
 Indigenous Mobile Hospital (BHISHM) Deployed in Ayodhya अयोध्या में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के लिए मेडिकल फैसिलिटीज को बढ़ाने के लिए मोबाइल अस्पताल बनाए गए हैं. इन मोबाइल अस्पतालों को आरोग्य मैत्री आपदा प्रबंधन क्यूब-BHISHM के नाम से जाना जा रहा है. अत्याधुनिक तकनीक से लैस ये मोबाइल अस्पताल बड़े प्रोजेक्ट- 'प्रोजेक्ट भीष्म' नामक पहल - 'सहयोग, हित और मैत्री' के लिए भारत की स्वास्थ्य पहल का हिस्सा हैं.
इन अस्पतालों को तैनात करने का उद्देश्य समारोह के दौरान एफिशिएंट मेडकल केयर देना है. अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी सहित 8000 मेहमान हिस्सा लेने वाले हैं.
200 कैजुअलिटी का इलाज
ये मोबाइल अस्पताल 200 कैजुअलिटी के इलाज के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. मोबाइल अस्पताल का फोकस रैपिड रेस्पॉन्स और व्यापक देखभाल पर रहेगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा एनालिटिक्स सहित अत्याधुनिक तकनीक से लैस, ये क्यूब्स प्रभावी समन्वय, रियल-टाइम मॉनिटरिंग और कुशल सुविधा प्रदान करते हैं. ये अस्पताल आपातकालीन स्थितियों में चिकित्सा सेवाओं का प्रबंधन करेंगे. 
इन मोबाइल अस्पतालों की सबसे खास विशेषताओं में से एक उनकी जल्दी से तैयार होने की क्षमता है. सिर्फ 12 मिनटों में, पूरी यूनिट को स्थापित किया जा सकता है, इसमें 72 ट्रांसपोर्टेबल कॉम्पोनेंट्स शामिल हैं जिन्हें हाथ, साइकिल, या ड्रोन से भी स्थापित किया जा सकता है.
ये हैं खासियत
ये क्यूब्स मजबूत, वाटरप्रुफ और हल्के वजन के हैं. जिस कारण ये इमरजेंसी स्थिति के लिए उपयुक्त हैं. इनकी फ्लेक्सिबिलिटी के कारण इन्हें एयरड्रॉप या ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन के माध्यम से तुरंत स्थापित किया जा सकता है. क्यूब्स के भीतर एडवांस्ड मेडिकल टूल रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) को कुशल रीपैकेजिंग और पुनः तैनाती (रिडिप्लॉयमेंट) के लिए टैग किया गया है.