
अगर आपको भी है रात में खिड़की या पर्दे खोलकर सोने की आदत और कमरे में स्ट्रीट लाइट या अन्य आर्टिफिशियल रोशनी मंद-मंद चमकती रहती है, तो सावधान हो जाइए. यह आदत दिल की बीमारियों का कारण बन सकती है. जून 2025 में प्रकाशित एक नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. रिसर्च में बताया गया है कि रात में रोशनी के संपर्क में रहना (Night Light Exposure) दिल की सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है. यह स्टडी ऑस्ट्रेलिया के फ्लिंडर्स हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट ने की.
बॉडी क्लॉक पर असर डालती है आर्टिफिशियल रोशनी
स्टडी के अनुसार, अच्छी नींद के लिए अंधेरा वातावरण बेहद ज़रूरी है, क्योंकि इससे शरीर की आंतरिक घड़ी यानी सर्केडियन रिदम (Circadian Rhythm) संतुलित रहती है. यह आंतरिक घड़ी सिर्फ सोने-जागने के समय को ही नहीं, बल्कि ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर लेवल और कई दूसरी फिजिकल एक्टिविटीज को भी कंट्रोल करती है.
रात में टीवी, स्ट्रीट लाइट, मोबाइल फोन और लैम्प जैसी आर्टिफिशियल लाइट्स के संपर्क में आने से यह बायोलॉजिकल क्लॉक गड़बड़ा जाती है. इससे शरीर में हाइपरकोएगुलेबिलिटी (Hypercoagulability) की समस्या हो सकती है, यानी ब्लड क्लॉट्स बनने का खतरा बढ़ जाता है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकता है.
क्या रहा रिसर्च की रिजल्ट
किसे है ज्यादा खतरा?
स्टडी के मुताबिक, महिलाओं में हार्ट फेल्योर और कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा पुरुषों की तुलना में ज्यादा है. वहीं युवा वयस्कों में हार्ट फेल्योर के अलावा एट्रियल फिब्रिलेशन का खतरा बढ़ जाता है.
दिल की सेहत के लिए अपनाएं ये उपाय
नोट: यह रिपोर्ट सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से है. किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा डॉक्टर की सलाह लें.
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