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पहली बार डायबिटीज के मरीज का हुआ Stem cell transplant , पूरी तरह ठीक हुआ पेशेंट

डायबिटीज के इलाज के लिए कई दवाइयां बनाई जा चुकी हैं, जिनसे इस बीमारी में वक्ती तौर पर फायदा तो पहुचंता है, लेकिन बीमारी पूरी तरह से खत्म नहीं होती है.

फैट व्युत्पन्न स्टेम सेल प्रत्यारोपण फैट व्युत्पन्न स्टेम सेल प्रत्यारोपण

डायबिटीज के मरीज दुनिया भर में बढ़ रहे हैं. इस जानलेवा बीमारी से लगभग हर साल एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है. इसके बीच अभी एक गुड न्यूज आई है. दरअसल  देश में पहला फैट व्युत्पन्न स्टेम सेल प्रत्यारोपण (Fat derived stem cell transplantation) किया गया. प्रत्यारोपण की मशीन ऑस्ट्रेलिया से मंगाई गई. इस मशीन से टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों को इंसुलिन से छुटकारा मिल सकता है. ये प्रत्यारोपण एलएलआर सरकारी अस्पताल में किया गया, और इसी के साथ एलएलआर अस्पताल  ऐसा करने वाला देश का पहला अस्पताल बन गया है. 

इस विधि में कमर और पेट की चर्बी से स्टेम सेल निकालकर मरीज की मांसपेशियों और रक्त कोशिकाओं में इंजेक्ट किया जाता है. यह रोगी के अग्न्याशय (बीटा कोशिकाओं) को सामान्य मात्रा में इंसुलिन जारी करने में मदद करेगा. इस तकनीक को डॉ बीएस राजपूत और डॉ संजय कला के साथ इंदौर (राज शर्मा और प्रेम राजपूत) की टीम ने बनाया है. 

व्युत्पन्न स्टेम सेल का प्रत्यारोपण 50 वर्षीय मरीज में किया गया. जो पिछले पांच सालों से टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित है. इस तकनीक से अब डायबिटीज के इलाज में नई क्रान्ति आएगी.