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Gut Health in Monsoon: मानसून में हो सकती हैं पेट से जुड़ी परेशानियां... उपाय है आसान, जानिए क्या है डॉक्टर की सलाह

क्या मानसून में आपको भी पेट से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है? यह समस्या मौसम के बदलाव के कारण होती है. आप अपनी आदतों और डाइट में कुछ खास बदलाव करके इससे निपट सकते हैं.

Representational Image: Freepik Representational Image: Freepik

मानसून के दौरान बढ़ती नमी, इनफेक्शन और बिगड़े पाचन के कारण पेट फूलने, मतली और अपच जैसी समस्याएं अकसर बढ़ जाती हैं. लेकिन सही डाइट और आदतों से आप अपने पेट को स्वस्थ और तंदुरुस्त रख सकते हैं. अगर आप भी ऐसी परेशानियों से जूझ रहे हैं तो कुछ एहतियात आपके काम आ सकते हैं. 

मानसून में खाने का रखें खास खयाल
मानसून में सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपने पेट में जाने वाली चीज़ों का ध्यान रखें. मानसून में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है इसलिए खाने को ढककर रखना ज़रूरी है. द हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट मुंबई के सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल की इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट, डॉ. दिव्या गोपाल के हवाले से कहती है, "दूषित भोजन खाने या पानी पीने से अक्सर मतली और पेट फूलने की समस्या होती है." 

रिपोर्ट कहती है, "मानसून के दौरान, भोजन को गलत तरीके से रखने या नमी के संपर्क में आने से बैक्टीरिया दूषित हो जाते हैं. ये कीटाणु पाचन को बिगाड़ते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ाते हैं." डॉ. दिव्या का मशवरा है कि ताज़ा पका हुआ गरमागरम खाना खाया जाए. साथ ही कच्चे या पहले से कटे हुए फल-सब्ज़ियों से परहेज़ किया जाए जब तक कि उन्हें पानी से अच्छी तरह न धोया गया हो. 

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क्या खाएं, क्या नहीं?
वह कहती हैं, "बैक्टीरिया को मारने और आंत संबंधी इन्फेक्शन से बचने के लिए अपने पीने के पानी को उबालना या उचित प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना भी ज़रूरी है. आंत को मज़बूत करने और पेट फूलने को कम करने के लिए दही जैसी प्रोबायोटिक खाने की चीज़ें अपनी डाइट में शामिल करें. साबुत अनाज और उबली हुई सब्ज़ियां जैसे फाइबर युक्त विकल्प भी पाचन में सहायक होते हैं."

मानसून में तले हुए स्नैक्स खाने का भले ही कितना भी दिल करे, इससे बचना ही आपकी सेहत के लिए अच्छा है. डॉ दिव्या कहती हैं, "इसके बजाय, सूप, उबले हुए व्यंजन या खिचड़ी जैसे हल्के भोजन का सेवन करें. अदरक, हल्दी और जीरा जैसे मसाले अपने खाने में शामिल करने चाहिए. ये पेट को शांत कर मतली जैसे लक्षणों से राहत दिला सकते हैं." 

साफ-सफाई भी ज़रूरी
डॉ. दिव्या कहती हैं, "मानसून के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता बेहद ज़रूरी है. खाने से पहले हाथ धोएं. रसोई के काउंटर और बर्तन नियमित रूप से साफ़ करें और बहुत लंबे समय से रखे हुए बचे हुए खाने से बचें. नमी से खाना जल्दी खराब हो सकता है." वह कहती हैं कि खाने को सुरक्षित तापमान पर रेफ्रिजरेट और दोबारा गर्म करने से बैक्टीरिया की वृद्धि धीमी हो जाती है. अगर आप बाहर खाना खा रहे हैं तो ऐसी जगहें चुनें जहां सख़्त स्वच्छता नियमों का पालन किया जाता हो.