Stress Hormones Will Detect Long Covid
Stress Hormones Will Detect Long Covid हमारे शरीर में जो कुछ भी होता है, उसमें हॉर्मोन का बहुत बड़ा रोल होता है. तनाव (Stress) हॉर्मोन भी उन्हीं में से एक है. जो कोर्टिसोल यानी जिसे हम 'स्ट्रेस हॉर्मोन' कहते हैं, उससे जुड़ा हुआ है. हाल ही में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि स्ट्रेस हॉर्मोन के लेवल से हम लॉन्ग कोविड-19 के बारे में पता लगा सकते हैं. हम कोर्टिसोल के लेवल को देखकर पता कर सकते हैं कि हम लॉन्ग कोविड का शिकार हैं या नहीं.
33 प्रतिशत लोग लॉन्ग कोविड का शिकार
प्रीप्रिंट में छपी एक रिसर्च के मुताबिक, स्ट्रेस हॉर्मोन एक तरह का भविष्यवक्ता है, जो बता सकता है कि किसी इंसान को लॉन्ग कोविड हो सकता है या नहीं. हम जानते हैं कि कोविड-19 से ठीक होने में बाद भी लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं गए हैं, इसे हम लॉन्ग कोविड कहते हैं. दुनिया में 12% से 33 प्रतिशत तक ऐसे लोग हैं, जो कोरोना से ठीक होने के बाद लॉन्ग कोविड का शिकार हुए हैं.
कैसे की गई रिसर्च?
इस रिसर्च के लिए अमेरिका में मशीन लर्निंग से एक क्रॉस सेक्शनल स्टडी की गई. जिसमें 215 लोगों को शामिल किया गया. इन सभी लोगों के चार समूह बनाए गए और उनका विश्लेषण किया गया. इन ग्रुप्स में बिना सिम्पटम्स वाले कोविड सर्वाइवर्स को, बिना वैक्सीन वाले हेल्थवर्कर्स को जिन्हें पहले सिम्पटम्स थे लेकिन अब नहीं हैं, वो लोग जो संक्रमित नहीं हैं और आखिरी ग्रुप में 99 लॉन्ग कोविड वाले लोगों को शामिल किया गया.
क्या आया रिसर्च में सामने?
रिसर्च में पाया गया कि लॉन्ग कोविड वाले लोगों में कोर्टिसोल का लेवल कम था बजाय दूसरे ग्रुप्स के. बता दें कि, लो कोर्टिसोल को मांसपेशियों की कमजोरी, थकान और लो ब्लड प्रेशर से जोड़ा जाता है. इसके साथ लॉन्ग कोविड ग्रुप वाले लोगों की टी सेल का एनालिसिस करने पर पता चला कि उनका इम्यून सिस्टम किसी वायरस से लड़ रहा था.
इस स्टडी से शोधकर्ता अब लॉन्ग कोविड वाले लोगों में पूरे दिन कोर्टिसोल के लेवल को ट्रैक करने की योजना बना रहे हैं. इसकी मदद से लॉन्ग कोविड का पहले ही पता लगाया जा सकेगा.