Jethalal Weightloss journey
Jethalal Weightloss journey पॉपुलर टीवी शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में जेठालाल का किरदार निभाने वाले दिलीप जोशी ने सिर्फ 45 दिनों में 16 किलो वजन कम करके सभी को हैरान कर दिया. खास बात यह है कि उन्होंने न तो जिम में घंटों पसीना बहाया और न ही कोई सख्त डाइट फॉलो की. उनकी फिटनेस का राज है- रोजाना 45 मिनट की दौड़ और पुराने जमाने की अनुशासित जीवनशैली.
दिलीप जोशी ने कैसे घटाया 16 किलो वजन?
57 साल के दिलीप जोशी, जिन्हें हम जेठालाल के रूप में जानते हैं, स्क्रीन पर फाफड़ा-जलेबी खाने वाले मजेदार किरदार के लिए मशहूर हैं. लेकिन असल जिंदगी में उन्होंने सेहत के प्रति गंभीर और अनुशासित रवैया अपनाया. 2023 में माशेबल इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में दिलीप ने खुलासा किया कि उनकी वजन घटाने की जर्नी का आधार कोई स्ट्रिक्ट डाइट या भारी-भरकम वर्कआउट नहीं था. बल्कि, उन्होंने रोजाना सिर्फ 45 मिनट दौड़ने का रास्ता चुना.
दिलीप ने बताया, “मैं उस समय एक ऑफिस जॉब करता था. काम से लौटते वक्त मैं स्विमिंग क्लब में कपड़े बदलता और मुंबई के मरीन ड्राइव से ओबेरॉय होटल तक दौड़ता था. बारिश हो या धूप, मैं 45 मिनट तक दौड़ता और फिर वापस लौटता. इस रूटीन से मैंने डेढ़ महीने में 16 किलो वजन कम कर लिया.”
दौड़ने से वजन कम करने के फायदे
वैज्ञानिक रूप से दौड़ना वजन घटाने का एक बेहतरीन तरीका है. 2011 में जर्नल ऑफ बायोमेकेनिक्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दौड़ना पैदल चलने की तुलना में प्रति मिनट ज्यादा कैलोरी जलाता है. यह न केवल पैरों, बल्कि कोर और पीठ की मांसपेशियों को भी एक्टिव करता है, जिससे यह एक पूरे शरीर का व्यायाम बन जाता है. रिसर्च में यह भी पाया गया कि दौड़ने के बाद शरीर में पोस्ट-एक्सरसाइज ऑक्सीजन कंजम्पशन (EPOC) बढ़ता है, यानी दौड़ने के बाद भी शरीर कैलोरी जलाना जारी रखता है.
दिलीप की तरह, अगर आप रोजाना 45 मिनट दौड़ें, तो आप न सिर्फ वजन कम कर सकते हैं, बल्कि अपनी सहनशक्ति और मेंटल हेल्थ में भी सुधार ला सकते हैं. दौड़ना एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसके लिए आपको जिम या महंगे इक्विपमेंट्स की जरूरत नहीं. बस एक जोड़ी जूते और थोड़ा जोश चाहिए!
दिलीप जोशी का अनुशासन
दिलीप जोशी की कहानी हमें सिखाती है कि फिटनेस के लिए स्ट्रिक्ट लाइफस्टाइल या डाइट की जरूरत नहीं. छोटे-छोटे बदलाव, जैसे रोजाना दौड़ना, बड़े नतीजे दे सकते हैं. उनकी लगन और सादगी इस बात का सबूत है कि उम्र या व्यस्त दिनचर्या कोई बहाना नहीं. चाहे आप 20 साल के हों या 50 के पार, अगर आप नियमित और मेहनती हैं, तो आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं.