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एक साल तक कमरे में अकेले बैठकर गेम खेलता था किशोर, रीढ़ की हड्डी में मार गया लकवा

दिल्ली में एक किशोर को पबजी (PUBG) गेम खेलने की इतनी आदत लग गई कि इसके कारण उसकी रीढ़ की हड्डी ही खराब हो गई. और वह आंशिक रूप से लकवा का शिकार हो गया. गेम खेलने का जुनून बच्चे पर इस कदम हावी हुआ कि उसने अपनी सेहत ही खराब कर ली.

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हाइलाइट्स
  • रीढ़ की हड्डी में होने लगी दिक्कत

  • Kyphosis में रीढ़ की हड्डी पीछे की तरफ झुक जाती है

दिल्ली में एक किशोर को पबजी (PUBG) गेम खेलने की इतनी आदत लग गई कि इसके कारण उसकी रीढ़ की हड्डी ही खराब हो गई. और वह आंशिक रूप से लकवा का शिकार हो गया. गेम खेलने का जुनून बच्चे पर इस कदम हावी हुआ कि उसने अपनी सेहत ही खराब कर ली. जरूरत से ज्यादा वीडियो गेम खेलने के कारण उसकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर विकृति उत्पन्न हो गई, जिससे उसके शरीर में लकवा मार गया. किशोर को चलने और पेशाब करने में कठिनाई का सामना हो रहा था, जिसके बाद उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

"काइफो-स्कोलियोटिक" का शिकार हुआ किशोर
नई दिल्ली स्थित भारतीय स्पाइनल इंजरी सेंटर (आईएसआईसी) में इलाज के दौरान डॉक्टर्स ने बताया कि अत्यधिक गेमिंग के कारण किशोर की रीढ़ की हड्डी में "काइफो-स्कोलियोटिक" हो गया था, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी दब गई और स्थायी रूप से विकलांग होने का खतरा हो गया.

Kyphosis में रीढ़ की हड्डी पीछे की तरफ झुक जाती है, जिससे शरीर आगे की ओर झुका हुआ दिखता है. सामान्य से ज्यादा झुकाव पीठ के ऊपरी हिस्से में देखा जाता है.

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रीढ़ की हड्डी में होने लगी दिक्कत
आईएसआईसी के रीढ़ की हड्डी से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रमुख डॉ. विकास टंडन ने बताया, "यह मामला अत्यधिक चुनौतीपूर्ण था क्योंकि यह स्पाइनल टीबी और गेमिंग की लत के मनोवैज्ञानिक प्रभावों का मिश्रण था." उन्होंने कहा, "हम किशोरों में लंबे समय तक स्क्रीन के संपर्क में रहने और गेमिंग की लत के कारण मस्कुलोस्केलेटल जटिलताओं की बढ़ती समस्या देख रहे हैं."

12 घंटे तक गेम खेलता था किशोर
बताया गया कि किशोर लगभग एक साल तक अपने कमरे में अकेला रहता था और दिन में 12 घंटे तक वीडियो गेम खेलता था. इसके कारण शारीरिक गतिविधियों की कमी और सामाजिक अलगाव जैसी समस्याएं पैदा हो गईं.

अस्पताल ने किशोर की सर्जरी के लिए उन्नत "स्पाइनल नेविगेशन" तकनीक का इस्तेमाल किया, जो सफल रही. डॉ. टंडन ने कहा कि मरीज की स्थिति में सुधार हो रहा है और दीर्घकालिक विकलांगता को रोकने के लिए उपचार दिया जा रहा है.