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'टाइटैनिक' की मशहूर सिंगर सेलीन डियोन को है ये गंभीर बीमारी... 10 लाख में से होती है किसी एक को ही, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

'टाइटैनिक' की मशहूर सिंगर सेलीन डियोन स्टिफ पर्सन सिंड्रोम गंभीर बीमारी से जूझ रहीं हैं. ये बीमारी 10 लाख में से किसी एक को ही होती है. इसके बारे में सेलीन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर बताया है.

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हाइलाइट्स
  • 10 लाख में होती है किसी एक को ही

  • सेलीन डियोन को है स्टिफ पर्सन सिंड्रोम

हॉलीवुड फिल्म 'टाइटैनिक' में एवरग्रीन सॉन्ग ‘माय हार्ट विल गो ऑन’ गाने वाली मशहूर सिंगर सेलीन डियोन ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर की है. इस इमोशनल वीडियो में सेलीन ने अपनी हेल्थ को लेकर बातें की है. सेलीन ने बताया कि उनकी बिगड़ी सेहत की वजह से उन्हें कई कॉन्सर्ट रद्द और पोस्टपोन करने पड़े हैं. उन्होंने बताया कि वे स्टिफ पर्सन सिंड्रोम नाम की एक बीमारे से जूझ रही हैं. यह एक लाइलाज न्यूरोलॉजिकल बीमारी है. इसमें व्यक्ति की मांसपेशियों में ऐंठन पैदा होती है, जिससे इंसान दुर्बल हो जाता है. 

सेलीन ने कहा, "मैं लंबे समय से अपने स्वास्थ्य से जुडी समस्याओं से जूझ रही हूं, और मेरे लिए इन चुनौतियों का सामना करना और उन सभी चीजों के बारे में बात करना वास्तव में काफी मुश्किल है. हाल ही में, मुझे एक बहुत ही गंभीर बीमारी का पता चला है. ये दुर्लभ बीमारी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसे स्टिफ-पर्सन सिंड्रोम कहा जाता है. ये एक मिलियन लोगों में से किसी एक को ही होती है.”

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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क्या है स्टिफ-पर्सन सिंड्रोम?

नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के अनुसार, स्टिफ-पर्सन सिंड्रोम (एसपीएस), जिसे मोएर्श-वोल्टमैन सिंड्रोम भी कहा जाता है, एक दुर्लभ, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. जो मांसपेशियों में दिक्कत पैदा करता है. इस बीमारी में एक व्यक्ति की मांसपेशियों में अकड़न होती है और इससे मांसपेशियों में ऐंठन भी शुरू हो सकती जाती है. 

जैसा कि सेलीन ने खुलासा किया, यह दुर्लभ बीमारी लाखों में से एक को प्रभावित करती है और शरीर के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है. समय के साथ एसपीएस वाले लोग असामान्य और अक्सर झुका हुआ पोस्चर विकसित कर सकते हैं और उन्हें चलने में भी परेशानी हो सकती है. 

येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में असिस्टेंट न्यूरोलॉजी प्रोफेसर डॉ रिचर्ड नोवाक ने एनबीसी न्यूज को बताया, “इस बीमारी की गंभीरता अलग अलग हो सकती है. ये कम से लेकर गंभीर भी हो सकती है. इसके अलावा दवाई से भी  मैनेज की जा सकती है, वहीं अगर गंभीर है कभी-कभी इसे मैनेज करना काफी मुश्किल भरा भी हो सकता है. यह हमारे ब्रेन और मांसपेशियों के बीच संचार के सामान्य मार्ग को बाधित करती है.

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

यूं तो शोधकर्ता अभी भी स्पष्ट नहीं हैं कि एसपीएस के क्या कारण हैं, लेकिन इस दुर्लभ बीमारी के लक्षणों में मांसपेशियों में अकड़न, गंभीर ऐंठन और सामान्य सजगता को प्रभावित करना शामिल है. इससे गंभीर चोटें भी लग सकती हैं. सेलीन के मुताबिक, वे अपने दैनिक जीवन में न्यूरोलॉजिकल परेशानियों का अनुभव करती हैं. जिसकी वजह से डॉक्टर ने उन्हें अपने वोकल कॉर्ड्स का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी है. 

सेलीन कहती हैं, "जब हम अभी भी इस दुर्लभ स्थिति के बारे में सीख रहे हैं, तो अब हम जानते हैं कि यह उन सभी ऐंठन का कारण बन रहा है जो मुझे हो रही हैं. दुर्भाग्य से, ये ऐंठन मेरे दैनिक जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है. कभी-कभी, जब मैं चलती हूं और मुश्किलें पैदा होती हैं तो मुझे अपने वोकल कॉर्ड्स का उपयोग उस तरह से गाने के लिए नहीं करने दिया जाता है जैसा कि मैं करती रही हूं. मुझे आज आपको यह बताने में दुख हो रहा है कि इसका मतलब है कि मैं फरवरी में यूरोप में अपने टूर को फिर से शुरू करने के लिए तैयार नहीं हो पाऊंगी.”
  
क्या होता है इसका इलाज?

गौरतलब है कि इस गंभीर बीमारी एसपीएस का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. कई स्टडीज में बताया गया है कि यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बीच एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप हो सकता है. कभी-कभी, एसपीएस को पार्किंसंस रोग, मल्टीपल स्केलेरोसिस, फाइब्रोमायल्गिया, साइकोसोमैटिक बीमारी या एंग्जायटी या फोबिया के रूप में देखा जाता है.