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Urinary Tract Infection in Kids: बच्चों में भी बढ़ रहा है UTI का खतरा, जानें कैसे रखा जा सकता है उनके टॉयलेट हाइजीन का ख्याल

यूटीआई के लक्षणों में बुखार के साथ सर्दी, उलझन, बार-बार पेशाब आना आदि शामिल है. इसके अलावा, नवजातों में भूख की कमी, चिड़चिड़ाहट, और वजन की कमी जैसे असामान्य लक्षण नजर आते हैं. 

UTI in children UTI in children
हाइलाइट्स
  • नियमित बाथरूम ब्रेक लें

  • बबल बाथ से बचें

कई ऐसी बीमारियां हैं जो बच्चों में बहुत कॉमन होती हैं. हालांकि, अगर उनका ख्याल रखा जाए तो उससे बच्चों को बचाया जा सकता है. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) भी उन्हीं में से एक है. दरअसल, हमारा यूरिन सिस्टम शरीर की सारी गंदगी को बाहर निकालने का काम करता है. इसलिए इसका हेल्दी रहना जरूरी है. लेकिन अगर इसका ख्याल न रखा जाए तो इसमें इंफेक्शन हो सकता है. यूटीआई ज्यादातर महिलाओं में होता है लेकिन अब ये बच्चों में भी देखने को मिल रहा है. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन एक सामान्य बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो शिशुओं और बच्चों को प्रभावित कर सकता है. ये अक्सर बच्चों को पहले साल में होता है. 

बच्चों में देखने को मिल रहे हैं ज्यादा केस 

इस इंफेक्शन का जल्दी इलाज जरूरी है नहीं तो ये आपके गुर्दे को खराब कर सकता है. यूटीआई के अलग-अलग प्रकार हैं - यूरेथ्राइटिस (यूरेथ्रा का संक्रमण), सिस्टाइटिस (मूत्रब्लैडर का संक्रमण), और एक्यूट पायलोनेफ्राइटिस (एक या दोनों किडनी का संक्रमण). 

यूटीआई के क्लिनिकल लक्षण में बुखार के साथ सर्दी, उलझन, बार-बार पेशाब आना आदि शामिल है. इसके अलावा, नवजातों में भूख की कमी, चिड़चिड़ाहट, और वजन की कमी जैसे असामान्य लक्षण नजर आते हैं. 

क्या है इसके होने वजह?

यूटीआई, यानी उरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन बच्चों में कई वजहों से हो सकता है- 

-इम्यून सिस्टम की कमजोरी: बच्चों का इम्यून सिस्टम धीरे-धीरे विकसित होता है. ऐसे में जब वे छोटे होते हैं, तब उन्हें इन्फेक्शन होना आम बात है. 

-सफाई की कमी: बच्चों में सफाई का ध्यान रखना मुश्किल हो सकता है, जिससे बैक्टीरिया आसानी से उनके यूरेथ्रा (मूत्रनली) में पहुंच सकते हैं.

-पहले से ही कोई रोग: कभी-कभी बच्चों को पहले से कोई बीमारी हो सकती है, जिससे उनमें यूटीआई का खतरा बढ़ सकता है.

-गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल रोग: किसी भी तरह के गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल रोग से पीड़ित बच्चों में यूटीआई होने की संभावना बढ़ सकती है.

-पहले से मौजूद समस्याएं: किसी बच्चे में पहले से ही कोई यूरिन से जुड़ी समस्या हो, जैसे किडनी से जुड़ी समस्याएं, जो यूटीआई को बढ़ा सकती हैं.

ये सभी कारण बच्चों में यूटीआई होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं, और इसलिए स्वच्छता और देखभाल के साथ बच्चों को सुरक्षित रखना जरूरी है. 

कैसे हो सकती है रोकथाम?

1. हाइड्रेशन: अपने बच्चे को खूब सारे लिक्विड पदार्थ, विशेषकर पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें. उनकी बॉडी हमेशा हाइड्रेटेड रहनी चाहिए. 
-उचित हाइजीन: बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग (यूरेथ्रा) में एंट्री न कर पाए इसके लिए जरूरी है कि अपने बच्चे को शौचालय का उपयोग करने के  बाद अच्छे से साफ सफाई का तरीका बताएं. 

2. नियमित बाथरूम ब्रेक: सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा नियमित रूप से बाथरूम जाता है, और उन्हें बताएं कि वे लंबे समय तक पेशाब न रोकें. 

3. बबल बाथ से बचें: बबल बाथ कभी-कभी यूरेथ्रा में जलन पैदा कर सकता है. इसके बजाय सादे पानी से नहाने का विकल्प चुनें.

4. ढीले कपड़े: अपने बच्चे को ढीले-ढाले सूती अंडरवियर पहनाएं ताकि हवा आसानी से पास हो जाए और नमी जमा न हो.