scorecardresearch

Blood Delivery by Drone: दूरदराज के इलाकों में अब ड्रोन से सप्लाई हो रहा है ब्लड

वड़ोदरा में पहाड़ी इलाकों में ब्लड सप्लाई करने के लिए ड्रोन का सफलता पूर्व उपयोग किया गया है.

Blood Delivery via Drones Blood Delivery via Drones

दूरदराज के क्षेत्रों में अक्सर मेडिकल सर्विसेज देर से पहुंचने के कारण बहुत से लोग अपनी जान गंवा देते हैं. हालांकि, बहुत सी जगहों पर एम्बुलेंस सर्विसेज उपलब्ध हैं लेकिन फिर भी कुछ इलाकों में मेडिकल सप्लाई पहुंचाने में परेशानी होती है. इन चीजों को ध्यान में रखकर ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी के दौरान ब्लड सप्लाई और जरूरी दवाएं आदि भेजने के लिए किया जा रहा है. वड़ोदरा में पहाड़ी इलाकों में ब्लड सप्लाई करने के लिए ड्रोन का सफलता पूर्व उपयोग किया गया है.

30-35 किमी की दूरी को पाटेगा ड्रोन
गुजरात में ऐसे कई पहाड़ी इलाके हैं जहां मेडिकल सुविधा भेजने के लिए काफी दिक्कत होती है. खासकर वड़ोदरा से जुड़े पंचमहल जिले में कई दूरदराज इलाकों में ब्लड पहुंचाने में काफी देरी लगती थी. लेकिन अब ड्रोन की मदद से 30 से 35 किमी के अंतर में कही भी ब्लड पहुंचाया जा सकता है. ब्लड सप्लाई के लिए खास ड्रोन बनाया गया है. 

फिलहाल हेक्सा यानी 6 पंखों वाला ड्रोन और क्वाड यानी 4 पंखों वाला ड्रोन पेश किया गया है. हेक्सा 4 लीटर की क्षमता वाले एक टैंक में 30 किमी की दूरी तय कर सकता है, जबकि क्वाड 2 लीटर की अपनी पूर्ण पेलोड क्षमता के साथ 14 किमी की दूरी तय कर सकता है. इस ड्रोन को संचालित करने के लिए दो ड्रोन पायलट भी नियुक्त किए गए हैं. हेक्सा 4 बैटरियों से 40 किमी तक की दूरी तय कर सकता है. 

सम्बंधित ख़बरें

कई लोगों को सप्लाई किया ब्लड
ड्रोन पायलट, कल्पेश माली ने बताया कि लोगों की जान बचाने के लिए यह ड्रोन काफी उपयोग में आ रहा है. अब तक करीब 8 से 10 लोगों को इसके जरिये खून पहुंचाया गया है. यह ड्रोन मेक इन इण्डिया का प्रोडक्ट है. इस ड्रोन में ड्युअल जीपीएस सिस्टम भी लगा है, जिससे ड्रोन कहां पर है उसका लोकेशन भी जान सकते हैं. हालोल और घोघंबा में इसका उपयोग किया जा चुका है. आगे भी जहां जरूरत होगी और जहां इमरजेंसी गाड़ी नहीं जा सकती है वहां ड्रोन के जरिये यह सुविधा भेजी जाएगी. 

(दिग्विजय पाठक की रिपोर्ट)