
अमेरिका की लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक शोध में बताया है कि शाकाहारी आहार अपनाने से कैंसर का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है. इस अध्ययन में उत्तरी अमेरिका में रहने वाले लगभग 80,000 लोगों को शामिल किया गया, जो 7th डे एड्वेंटिस्ट समुदाय से जुड़े थे.
क्या कहता है शोध?
शोध में पाया गया कि शाकाहारी लोगों में पेट के कैंसर का खतरा 45% तक और लिम्फोमा का खतरा 25% तक कम हो जाता है. इसके अलावा, ब्लड कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर का खतरा भी शाकाहारी लोगों में कम पाया गया. शोधकर्ता गैरी फ्रेज़र के अनुसार, जो लोग कम नॉनवेज खाते हैं, उनमें नियमित रूप से नॉनवेज खाने वालों की तुलना में कैंसर का खतरा करीब 2% घट जाता है.
रेड मीट से खतरा
अध्ययन में यह भी सामने आया कि रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का ज्यादा सेवन कोलन कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है. रेड मीट में मौजूद ओमेगा-6 फैटी एसिड और आयरन शरीर में सूजन और मेटाबोलिज्म को प्रभावित करते हैं. वहीं, प्रोसेस्ड मीट में फाइबर की कमी होने से कैंसर का खतरा और बढ़ जाता है.
शाकाहारी जीवनशैली के फायदे
वैज्ञानिकों ने बताया कि शाकाहारी आहार न सिर्फ कैंसर से बचाता है, बल्कि ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है. शाकाहारी लोग अक्सर पतले होते हैं, धूम्रपान और शराब से दूर रहते हैं और नियमित रूप से व्यायाम करते हैं.
वैज्ञानिकों की सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि पूरी तरह शाकाहारी बनना जरूरी नहीं है। लेकिन अगर थाली में सब्जियां, फल, दालें और अनाज की मात्रा बढ़ा दी जाए तो स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ सकता है. हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि शाकाहारी आहार लेते समय पोषण की कमी से बचने के लिए संतुलित खानपान जरूरी है.
यह अध्ययन साफ करता है कि खानपान की आदतें सीधे तौर पर सेहत से जुड़ी हैं. शाकाहारी और पौधों पर आधारित आहार अपनाने से न केवल कैंसर का खतरा घटता है बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली भी मिलती है.
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