जन घटाने वाली दवाएं, जिन्हें अक्सर मोटापे और डायबिटीज़ के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है, अब किडनी और दिल के स्वास्थ्य को सुधारने में भी मददगार साबित हो रही हैं. ये दवाएं न केवल वजन कम करने और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में कारगर हैं, बल्कि किडनी फेल होने, किडनी की क्षमता खराब होने और दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों के खतरे को भी (लगभग पांचवें हिस्से तक) कम कर सकती हैं.
हाल ही में की गई एक बड़ेीस्टडी में पाया गया कि GLP-1 (Glucagon-like peptide-1) रिसेप्टर एगोनिस्ट नामक दवाएं किडनी और दिल के रोगियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती हैं. यह खोज उन लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण बनी है जो मोटापा, डायबिटीज़ और क्रॉनिक किडनी डिजीज़ जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं.
क्या है ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 (GLP-1) ?
ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 (GLP-1) रिसेप्टर एगोनिस्ट ऐसी दवाए हैं, जो वजन घटाने, टाइप-2 डायबिटीज़ के मरीजों में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और दिल के दौरे और स्ट्रोक को रोकने में मदद करती हैं. ये दवाए मोटापे, डायबिटीज़ और दिल के रोगों के लिए फायदेमंद है इस बात की जानकारी पहले से थी, लेकिन ये दवाए किडनी के लिए कितनी लाभकारी या किडनी पर इनके प्रभाव के बारे में सही जानकारी इस स्टडी में ही पता चली है.
स्टडी में क्या पता चला ?
लैंसेट डायबिटीज़ एंड एंडोक्राइनोलॉजी जर्नल( Lancet Diabetes & Endocrinology journal) में पब्लिश्ड इस स्टडी में GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट का किडनी पर प्रभाव को देखा गया. 85,000 से अधिक लोगों पर किए गए 11 बड़े क्लिनिकल ट्रायल्स के मेटा-एनालिसिस में यह पता चला कि ये दवाएं किडनी स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकती हैं. इससे
स्टडी में GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट दिल के लिए भी फायदेमंद हैं, इस बात का भी पता चल. इससे दिल की बीमारियों से जुड़ी मौत, हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे में 14% कमी हो सकती है. वहीं किसी भी कारण से मृत्यु के खतरे में 13% कमी हो सकती है.
क्या कहते है रिसर्चरस ?
रिसर्चरस के मुताबिक यह पहला स्टडी है जिसने GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट के किडनी फेल होने और आखिरी स्टेज की किडनी बीमारी पर सकारात्मक प्रभाव को स्पष्ट रूप से दिखाया है. ये दवाएं डायबिटीज़, मोटापा, हृदय रोग या क्रॉनिक किडनी डिजीज़ (Chronic Kidney Diseases) वाले मरीजों के लिए किडनी और दिल की सुरक्षा में जरूरी भूमिका निभा सकती हैं.
क्रॉनिक किडनी डिजीज़ दुनिया भर में हर 10 में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करता है, यानी लगभग 85 करोड़ लोग इससे पीड़ित हैं. यह लोगों की मौत का 10वां प्रमुख कारण है और 2050 तक पांचवां सबसे आम मौत का कारण बन सकता है. इस बीमारी में धीरे-धीरे किडनी की कार्यक्षमता खराब होती जाती है, जिससे डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है. क्रॉनिक किडनी डिजीज़ का इलाज महंगा है और मरीजों के जीवन की क्वालिटी को भी खराब करता है.
क्या है अगला कदम ?
रिसर्चरस ने कहा कि अब इस स्टडी की खोज को चिकित्सा पद्धति (Medical Practices) में लागू करने और इन दवाओं तक मरीजों की पहुंच बढ़ाने की जरूरत है. GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट दवाएं सिर्फ वजन घटाने और ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए ही नहीं, बल्कि किडनी और दिल की सुरक्षा के लिए भी जरूरी हो सकती हैं. इस स्टडी से न सिर्फ मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि उनकी जीवन क्वालिटी भी बेहतर होगी.
(यह रिपोर्ट निशांत सिंह ने लिखई है. निशांत Gnttv.com में बतौर इंटर्न काम कर रहे हैं.)