scorecardresearch

Chronic Migraine: क्या है क्रोनिक माइग्रेन, इसके लक्षण और इलाज के बारे में जानिए

Chronic Migraine: जब आम सिरदर्द की समस्या बड़ी हो जाती है और लगातार सिरदर्द होने लगता है तो क्रोनिक माइग्रेन की आशंका बढ़ जाती है. अगर सिरदर्द की समस्या लगातार आने लगे तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

क्रोनिक माइग्रेन के क्या लक्षण हैं (फाइल फोटो) क्रोनिक माइग्रेन के क्या लक्षण हैं (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • लगातार सिरदर्द होने लगे तो क्रोनिक माइग्रेन की आशंका

  • जीवनशैली में बदलाव से बीमारी में मिल सकती है राहत

भारत में सिर दर्द की समस्या आम है. अगर किसी को महीने में एक-दो बार होता है तो ये सामान्य है. लेकिन जब सिरदर्द की समस्या बार-बार होने लगे. महीने में 15 दिन से ज्यादा तक सिरदर्द की समस्या हो तो उसे क्रोनिक माइग्रेन हो सकता है. अगर उस शख्स के लगातार 3 महीने तक ऐसी समस्या आती है तो उसे फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

क्रोनिक माइग्रेन के लक्षण-
जब सिरदर्द की समस्या सामान्य से ज्याद हो तो इसकी जांच कराना चाहिए. हो सकता है कि आपको क्रोनिक माइग्रेन हो. जरूरी नहीं है कि आप क्रोनिक माइग्रेन से पीड़ित हों. क्योंकि इसके लक्षण माइग्रेन से अलग नहीं होते हैं. इसलिए सतर्क रहना जरूरी है और अगर सिरदर्द ज्यादा होने लगे तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें. चलिए आपको बताते हैं कि क्रोनिक माइग्रेन के क्या लक्षण हैं.

  • ये बीमारी माइग्रेन का ही एक रूप है. इसमें सिरदर्द की अवधि बढ़ जाती है
  • महीने में 15 दिन से ज्यादा सिरदर्द की समस्या हो तो क्रोनिक माइग्रेन संभव है
  • लगातार दर्द होता है. इसके साथ ही स्पंदन और धड़कन वाला अहसास होता है
  • जब सिरदर्द होता है तो वो काफी देर तक रहता है
  • प्रकाश, आवाज या गंध के प्रति संवेदनशील होना
  • इससे पीड़ित को थकान होता है
  • भोजन की लालसा या भूख की कमी
  • इससे पीड़ित व्यक्ति को प्यास लगती है
  • क्रोनिक माइग्रेन के पीड़ितों में अवसाद और चिंता, श्वसन और हृदय रोगों जैसे मनोरोग संबंधी रोग हो सकते हैं

क्रोनिक माइग्रेन के क्या कारण हैं-
क्रोनिक माइग्रेन कई कारणों से हो सकता है. अगर कोई इंसान एपिसोडिक माइग्रेन का शिकार है. उसके सिर में लगातार दर्द रहता है और वो उसका इलाज ठीक से नहीं कराता है तो उसे क्रोनिक माइग्रेन होने का खतरा हो सकता है. सिरदर्द की दवा ज्यादा मात्रा में लगातार लेने से समस्या बढ़ सकती है. जब लोग हफ्ते में दो या तीन बार से अधिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो वो क्रोनिक पैटर्न विकसित कर सकते हैं.

किसको होता है क्रोनिक माइग्रेन-
क्रोनिक माइग्रेन बहुत ही खतरनाक बीमारी है. लेकिन ये सबको नहीं होती है. चलिए आपको बताते हैं कि इस बीमारी से किसके पीड़ित होने की संभावना ज्यादा होती है.

  • मोटापा से ग्रस्त इंसान को क्रोनिक माइग्रेन से पीड़ित होने की आशंका ज्यादा होती है. मोटापा से शरीर में दर्द पैदा करने वाले हार्मोन बढ़ता है.
  • ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित व्यक्ति को सुबह सिरदर्द की समस्या रहती है. अगर समस्या लगातार बनी रहती है तो क्रोनिक माइग्रेन हो सकता है.
  • अगर परिवार में क्रोनिक माइग्रेन से पीड़ित शख्स हो तो इस बीमारी की आशंका बढ़ जाती है.
  • हाई ब्लड प्रेशर माइग्रेन को ट्रिगर करता है. जबकि माइग्रेन से ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होता है. इसलिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखना जरूरी है.
  • स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन करने वाले लोगों को क्रोनिक माइग्रेन होने की आशंका रहती है.

क्रोनिक माइग्रेन का इलाज-
क्रोनिक माइग्रेन से इंसान कमजोर हो जाता है. इतना ही नहीं, इससे कामकाज भी प्रभावित होता है. इससे सिरदर्द असहनीय हो जाता है. जीवन शैली में बदलाव करने से इस बीमारी से निजात में मदद मिल सकती है.

  • तेज रौशनी से बचने की जरूरत है.
  • रोजाना एरोबिक व्यायाम
  • पर्याप्त आहार लें
  • नियमित पूरी नींद लेना जरूरी है
  • हाइड्रेशन का ध्यान रखें
  • शराब पीना छोड़ दें
  • माइग्रेन ट्रिगर्स की पहचान करें

ये भी पढ़ें: