
World COPD Day 2025
World COPD Day 2025 देश के कई शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. दिल्ली-NCR का AQI लगातार 350-450 के पार जा रहा है, वहीं उत्तर भारत के ज्यादातर शहरों में हवा इतनी जहरीली हो गई है कि यहां सांस लेना रोजाना लगभग 15-20 सिगरेट पीने के बराबर है.
हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार को World COPD Day मनाया जाता है. ताकि दुनिया भर में बढ़ रही इस गंभीर फेफड़ों की बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके. आज वर्ल्ड क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) डे है. दुनिया भर में 48 करोड़ लोग इस बीमारी की चपेट में है. हर साल 32 लाख से ज्यादा लोगों की मौत COPD के कारण होती है. वैश्विक स्तर पर अगर मौत के कारणों की रैंकिंग देखें तो यह बीमारी दुनिया की तीसरी सबसे घातक बीमारी बन चुकी है.
भारत में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है और इसकी सबसे बड़ी वजह है प्रदूषण. World COPD Day के मौके पर Max Hospital के पल्मोनोलॉजी, रेस्पिरेटरी क्रिटिकल केयर के एसोसिएट डायरेक्टर Dr. नीरज गुप्ता से जानिए COPD किन वजहों से होती है, इसके शुरुआती संकेत कैसे पहचानें, और किन एक्सरसाइज व लाइफस्टाइल बदलावों से इसे कंट्रोल किया जा सकता है.
सवाल 1. आखिर COPD होता क्यों है?
डॉ. नीरज गुप्ता बताते हैं कि COPD एक लॉन्ग-टर्म प्रोग्रेसिव फेफड़ों की बीमारी है, जो फेफड़ों की नलियों में सूजन और नुकसान के कारण होती है.
1. स्मोकिंग-सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर
सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, सभी फेफड़ों को लगातार नुकसान पहुंचाते हैं.
पैसिव स्मोकिंग भी उतनी ही खतरनाक है, खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए.
2. घर के अंदर का धुआं
चूल्हे, लकड़ी, कोयला या गोबर के चक्के का धुआं लंबे समय में फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचाता है.
भारत के ग्रामीण इलाकों में यह COPD का बड़ा कारण है.
3. फैक्ट्रियों का प्रदूषण
वाहन, फैक्ट्रियां और शहरों की बढ़ती स्मॉग लेयर फेफड़ों पर लगातार असर डालती है.
दिल्ली NCR जैसे क्षेत्रों में हर साल सर्दियों में COPD के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है.
4. कंस्ट्रक्शन-डस्ट और केमिकल्स
धूल, सिलिका, सीमेंट, स्मोक, केमिकल फ्यूम्स इनके संपर्क में आने वाले मजदूरों में COPD का खतरा ज्यादा होता है.

सवाल 2. क्या सांस फूलना COPD का शुरुआती संकेत है?
हां, लगातार या अचानक होने वाला सांस फूलना COPD का सबसे पहला और महत्वपूर्ण लक्षण है. अगर बिना वजह चलते, सीढ़ियां चढ़ते या रोजमर्रा के काम करते वक्त सांस फूलने लगे, तो यह शुरुआती स्टेज का संकेत हो सकता है.
पुरानी खांसी (2-3 महीने से ज्यादा)
घरघराहट
सुबह उठते ही सीने में जकड़न
बार-बार बलगम बनना
डॉ. नीरज गुप्ता कहते हैं, ऐसे किसी भी लक्षण को हल्के में न लें. शुरुआती स्टेज में पकड़ा गया COPD दवाओं, इनहेलर्स और लाइफस्टाइल बदलाव से काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. ऐसे लोगों को तुरंत स्पाइरोमेट्री (Pulmonary Function Test) करवाना चाहिए, जिसमें 10 मिनट में पता चल जाता है कि फेफड़े कितने प्रतिशत काम कर रहे हैं.
सवाल 3. COPD मरीजों के लिए सबसे फायदेमंद एक्सरसाइज कौन सी है?
डॉक्टर गुप्ता के अनुसार, COPD में फेफड़ों का फंक्शन धीरे-धीरे कम होता है, इसलिए सही एक्सरसाइज फेफड़ों को मजबूत बनाती है और ऑक्सीजन की एक्सचेंज क्षमता बढ़ाती है।
1. पर्सेड लिप ब्रीदिंग
इसमें धीरे-धीरे नाक से सांस लेकर होंठों को गोल करके धीरे-धीरे छोड़ते हैं.
इससे फेफड़ों में हवा फंसने की समस्या कम होती है.
2. डायाफ्रामिक ब्रीदिंग
सीने की बजाय पेट से सांस लेने वाली गहरी ब्रीदिंग.
डायाफ्राम मजबूत होता है और सांस लेने की क्षमता बढ़ती है.
3. धीमी वॉकिंग (20–30 मिनट)
रोजाना हल्की चाल से चलने से हार्ट और लंग्स दोनों मजबूत होते हैं.
शुरुआती मरीज 10-15 मिनट से शुरुआत कर सकते हैं.
COPD मरीज को अपनी क्षमता के अनुसार एक्सरसाइज करनी चाहिए. ज्यादा जोर डालना उल्टा नुकसान पहुंचा सकता है.
सवाल 4. अगर किसी को COPD हो जाए तो क्या लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए?
COPD एक प्रोग्रेसिव बीमारी है, लेकिन सही केयर से इसे बहुत हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. ये बदलाव आपकी लाइफ को काफी बेहतर बना सकते हैं.
1. स्मोकिंग छोड़ना COPD को रोकने या उसे धीमा करने का सबसे बड़ा कदम है.
2. बाहर जाते वक्त N95 मास्क का इस्तेमाल करें. ट्रैफिक के पीक आवर्स में बाहर निकलने से बचें. घर में अच्छी वेंटिलेशन रखें.
3. नियमित एक्सरसाइज फेफड़ों को एक्टिव रखती है और सांस फूलने को कम करती है.
4. फ्लू और न्यूमोकोकल वैक्सीन COPD मरीजों कोइन्फेक्शन से बचाती है, जिससे अचानक अटैक का खतरा कम होता है.
5. वजन बहुत कम या बहुत ज्यादा दोनों ही नुकसानदेह है. प्रोटीन और विटामिन से भरपूर संतुलित भोजन लें.
6. ज्यादातर मरीज इनहेलर का गलत तरीका अपनाते हैं, जिससे दवाई का पूरा फायदा नहीं मिलता.
7. समय-समय पर स्पाइरोमेट्री और डॉक्टर की सलाह से दवाओं का फॉलो-अप जरूरी है.