![रकुल प्रीत सिंह (फोटो सोशल मीडिया) रकुल प्रीत सिंह (फोटो सोशल मीडिया)](https://cf-img-a-in.tosshub.com/lingo/gnt/images/story/202305/rakaula_paraita_sainha_phaotao_saosala_maidaiyaa-sixteen_nine.jpg?size=948:533)
बॉलीवुड एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में रकुल बिकिनी पहने बेहद ठंडे पानी में डुबकी लगा रही हैं. रकुल प्रीत ने अपने कैप्शन में लिखा, -15 में क्रायो, कोई करना चाहेगा?
अगर आपको रकुल के इस कैप्शन और वीडियो में नहीं समझ में आ रहा है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया है तो हम आपको बताते हैं. दरअसल, इसे क्रायोथेरेपी कहते हैं. यह एक तरह की कोल्ड थेरेपी है, जिसमें शरीर को एक ठंडे सिलेंडरनुमा चैंबर में रखा जाता है. इस प्रक्रिया से शरीर में होने वाले असहनीय दर्द से राहत मिलती है. ये थेरेपी स्कीन के इलाज और कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए ली जाती है.
पहले इस थेरेपी का खिलाड़ी करते थे इस्तेमाल
पहले इस थेरेपी का ज्यादातर इस्तेमाल खिलाड़ी करते थे लेकिन समय के साथ इसका प्रयोग बढ़ता जा रहा है. ऐसा भी कहा जाता है कि क्रायोथेरेपी का उपयोग हॉलीवुड की ज्यादातर अभिनेत्रियां जवां बने रहने और स्किन को बेदाग रखने के लिए करती हैं. सोशल मीडिया पर फैंस रकुल प्रीत सिंह के इस वीडियो की काफी तारीफ कर रहे हैं. जिसके चलते एक्ट्रेस का ये वीडियो खूब छा रहा है.
क्रायोथेरेपी क्या है
क्रायोथेरेपी एक ऐसा उपचार है जहां आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता असामान्य ऊतक को जमने और नष्ट करने के लिए अत्यधिक ठंड लगाता है. इस भीषण ठंड को पैदा करने के लिए तरल नाइट्रोजन या आर्गन गैस जैसे पदार्थ का उपयोग किया जाता है. यह थेरेपी बाहरी रूप से (त्वचा पर) और आंतरिक रूप से (शरीर के अंदर) ऊतक का इलाज कर सकती है. क्रायोथेरेपी एक न्यूनतम इनवेसिव थेरेपी है. इस प्रकार का उपचार क्षतिग्रस्त या रोगग्रस्त ऊतक को हटा देता है जो विभिन्न प्रकार की चिकित्सीय स्थितियों से आता है. क्रायोथेरेपी आमतौर पर बिना ओपन सर्जरी के की जाती है.
कब किया जाता है क्रायोथेरेपी का उपयोग
क्रायोथेरेपी का उपयोग शरीर की मांसपेशियों के खिचने और ऊतकों के कमजोर होने पर किया जाता है. क्रायोथेरपी में इंसान को बहुत कम तापमान में रखा जाता है. इसे आइस पैक थेरेपी या क्रायो सर्जरी के नाम से भी जाना जाता है. इस थेरेपी के माध्यम से शरीर की नसों में रहने वाले दर्द और ऐंठन का इलाज किया जाता है. क्रायोथेरपी के द्वारा शरीर की कोशिकाओं में बढ़ोत्तरी को भी रोकने में मदद मिलती है. मसे, तिल, सनबर्न जैसी स्किन की समस्याओं का भी इलाज क्रायोथेरपी के माध्यम से किया जाता है. डॉक्टर इसका प्रयोग प्रोस्टेट, सर्वाइकल और लीवर कैंसर सहित अन्य कैंसर के इलाज के लिए भी करते हैं. इस उपचार को क्रायोब्लेशन भी कहा जाता है.
क्या-क्या होते हैं फायदे
सामान्यतया यह स्किन की सारी समस्याओं को एक साथ खत्म करने की सबसे बेहतर प्रक्रिया है. इससे मस्से, तिल, सनबर्न इत्यादि का इलाज किया जाता है. मुंहासे और किसी चोट के निशान का भी इलाज इससे संभव है. इस थेरेपी का असर सरदर्द को भी ठीक कर देता है. कैंसर से निपटने के लिए भी क्रायोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है. क्रायोसर्जरी एक न्यूनतम इनवेसिव उपचार है. पारंपरिक सर्जरी की तुलना में, इसमें आमतौर पर कम दर्द और रक्तस्राव होता है और असामान्य कोशिकाओं के पास स्वस्थ ऊतक को नुकसान पहुंचाने का कम जोखिम होता है.
कैसे होता है असर
क्रायोथेरेपी के इलाज में ब्लड और स्किन पर असर सीधा पड़ता है. जब ठंडी हवा शरीर पर पड़ती है तो ब्लड स्किन के सर्फेस तक पहुंच जाता है और स्किन की बैड चीजों को वह शुद्ध करने का का करता है. इसके अलावा जहां दाग या स्किन को कोई खराब हिस्सा है वहां पर नाइट्रोजन के जरिए फ्रिज किया जाता है जो स्किन की सारी समस्याओं को तुरंत खत्म कर देता है.
सावधानियां
क्रायोथेरेपी से वैसे तो सभी लोगों का इलाज हो सकता हे लेकिन बीमारियों से होने वाले घावों के इलाज में यह उपयोगी नहीं है. क्रायोथेरेपी कराने से पहले किसी कुशल डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह अवश्य लेना चाहिए. क्रायोथेरेपी के बाद यदि आपको संक्रमण के लक्षण हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. यदि क्रायोथेरेपी से ठीक होने के बाद भी आपको त्वचा की समस्या दिखाई देती है तो डॉक्टर से मिलना चाहिए.