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Global Pandemic Treaty: क्या है WHO का महामारी समझौता... जानिए इसका उद्देश्य और कैसे रहेगा यह फायदेमंद

यह WHO महामारी समझौता इसलिए किया गया है ताकि भविष्य में इस तरह की हेल्थ इमरजेंसी के दौरान तेज़, निष्पक्ष और ज्यादा कॉर्डिनटेड रिस्पॉन्स मिल सके.

WHO adopts first global Pandemic Agreement WHO adopts first global Pandemic Agreement

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य देशों ने एक ऐतिहासिक Pandemic Agreement को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी के दौरान सामने आई खामियों को दूर करना है. यह WHO महामारी समझौता इसलिए किया गया है ताकि भविष्य में इस तरह की हेल्थ इमरजेंसी के दौरान तेज़, निष्पक्ष और ज्यादा कॉर्डिनटेड रिस्पॉन्स मिल सके.  

WHO महामारी समझौता क्या है?
WHO महामारी समझौता महामारी की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया को व्यापक रूप से संबोधित करने वाला पहला कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता है. इसे WHO संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अपनाया गया है.

यह समझौता:

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  • डेटा साझा करने को बढ़ावा देता है,
  • संसाधनों की समान पहुंच सुनिश्चित करता है,
  • और स्वास्थ्य संकटों के दौरान देशों के बीच सहयोग को मजबूत करता है.

इसका ड्राफ्ट कहता है कि सदस्य देश इस बात को स्वीकार करते हैं कि “रोगों का अंतरराष्ट्रीय प्रसार एक वैश्विक खतरा है... जो सबसे व्यापक अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहयोग की मांग करता है... साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य मामलों में देशों की संप्रभुता के सिद्धांत की फिर से पुष्टि करता है.”

WHO महामारी समझौते के मुख्य उद्देश्य:

  • महामारी से जुड़ी वैक्सीन, उपचार और जांच उपकरणों तक समान पहुंच सुनिश्चित करना
  • डेटा और पैथोजन साझा करने के ज़रिए सहयोग को मज़बूत करना
  • कम संसाधनों वाले देशों में विशेष रूप से मजबूत और फ्लेक्सिबल हेल्थ सिस्टम को सपोर्ट करना
  • ज्ञान और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को बढ़ावा देना ताकि लोकल लेवल पर उत्पादन हो सके
  • रैपिड रिस्पॉन्स के लिए सस्टेनेबल फंडिंग मैकेनिज्म की स्थापना करना

देशों को इससे क्या फायदे होंगे?
इस समझौते पर हस्ताक्षर और इसे अनुमोदित (ratify) करने वाले देशों को कई फायदे मिलेंगे:

  • वैश्विक स्तर पर तैयार किए गए महामारी उत्पादों का 20% हिस्सा तुरंत उपलब्ध होगा- 10% दान के रूप में और 10% कम कीमत पर
  • ग्लोबल सप्लाई चेन एंड लॉजिस्टिक्स नेटवर्क (GSCL) के ज़रिए संसाधनों को उचित तरीके से बांटा जाएगा
  • महामारी के पहले दिन से ही फाइनेंशियल मैकेनिज्म उपलब्ध होगा
  • तकनीक और उत्पादन ज्ञान तक पहुंच, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए

WHO पैथोजन एक्सेस एंड बेनिफिट-शेयरिंग सिस्टम (PABS) क्या है?
PABS सिस्टम पर चर्चा की जा रही है. यह तय करेगी कि देश बायोलॉजिकल मैटेरियल (जैसे वायरस के सैंपल्स) और उनके जीनोम सीक्वेंस कैसे साझा करेंगे, और इसके बदले उन्हें कैसे फायदा (जैसे वैक्सीन और डायग्नोस्टिक्स) मिलेगा. यह समझौता "वन हेल्थ" के नजरिए को भी अपनाता है, जो मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के बीच संबंध को मान्यता देता है.

आगे क्या है योजना 
यह समझौता अब हस्ताक्षर और अनुमोदन (ratification) के लिए खुला है. यह तब कानूनी रूप से बाध्यकारी बन जाएगा जब 60 देश इसे अनुमोदित कर देंगे. सदस्य देशों को अब चाहिए कि वे 

  • अपने राष्ट्रीय कानूनों को इस समझौते के अनुरूप बनाएं. 
  • PABS Annex को बनाने में हिस्सा लें. 
  • विकासशील देशों में हेल्थ सिस्टम को मज़बूत करने के लिए WHO के प्रयासों का सपोर्ट करें. 
  • शीघ्र अनुमोदन पर विचार करें ताकि समझौता जल्द लागू हो सके

वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन में हो समानता 
इस समझौते का प्रमुख उद्देश्य वैक्सीन असमानता को दूर करना है, जो कोविड-19 के दौरान स्पष्ट रूप से देखने को मिली थी. इसके लिए दवा निर्माता कंपनियों को उत्पादन का 10% हिस्सा WHO के ज़रिए दान के रूप में आरक्षित करना होगा और 10% कम कीमत पर निम्न आय वाले देशों के लिए सुरक्षित करना होगा. यह समझौता वैक्सीन की जमाखोरी के खिलाफ है और समय पर व ट्रांसपेरेंट सप्लाई को बढ़ावा देता है.